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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

राजस्‍थान में स्‍वजल योजना की दूसरी परियोजना

  • 28 Feb 2018
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय पेयजल एवं स्‍वच्‍छता मंत्रालय द्वारा राजस्‍थान में करौली ज़िले के भीकमपुरा गाँव में स्‍वजल पायलट परियोजना का शुभारंभ किया गया। इस परियोजना से पूरे वर्ष स्‍वच्‍छ पेयजल की उपलब्‍धता सुनिश्चित होने के अलावा रोज़गार के अवसर उत्पन्न किये जाएंगे।

भीकमपुरा की स्थिति

  • भीकमपुरा गाँव में पेयजल की अत्‍यधिक कमी है और ग्रामीणों को पेयजल के लिये कम-से-कम तीन किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है। गर्मी के दौरान टैंकरों से जलापूर्ति की जाती है।
  • नई परियोजना से लोगों की कठिनाई कम होगी और पूरे साल प्रत्‍येक व्‍यक्ति के लिये पेयजल की उपलब्‍धता सुनिश्चित होगी।
  • भीकमपुरा में 54.17 लाख रुपए से अधिक के बजट की स्‍वजल परियोजना का उद्घाटन किया गया।
  • करौली 115 आकांक्षी ज़िलों में से एक है। इसका उद्देश्‍य केंद्र और राज्‍य सरकार की योजनाओं का उचित कार्यान्‍वयन तथा अभिसरण के ज़रिये ज़िले का सम्‍पूर्ण विकास सुनिश्चित करना है।
  • पेयजल एवं स्‍वच्‍छता मंत्रालय इस परियोजना की प्रगति पर नज़र रखेगा। 

स्‍वजल परियोजना

  • स्‍वजल परियोजना सतत् पेयजल आपूर्ति के लिये समुदाय के स्‍वामित्‍व वाला पेयजल कार्यक्रम है।
  • इस योजना के अंतर्गत परियोजना की लागत का 90 प्रतिशत खर्च सरकार उठाएगी और शेष 10 प्रतिशत समुदाय के योगदान से व्‍यय किया जाएगा।
  • परियोजना के परिचालन और प्रबंधन की ज़िम्‍मेदारी स्‍थानीय ग्रामीणों की होगी।
  • योजना के अनुसार गाँवों में चार जलाशयों का निर्माण किया जाएगा और लगभग 300 आवासों में नल के कनेक्‍शन उपलब्‍ध कराए जाएंगे।

उद्देश्‍य

  • इसका उद्देश्य ग्रामीण पेयजल एवं स्‍वच्‍छता के स्‍तर में सुधार करते हुए स्‍वास्‍थ्‍य तथा स्‍वच्‍छता के स्‍थायी लाभों द्वारा ग्रामीणों के जीवन स्‍तर में सुधार करना है। 
  • परियोजना का दूसरा मुख्‍य उद्देश्‍य ग्रामीण पेयजल एवं स्‍वच्‍छता क्षेत्र में दार्घकालीन स्‍थायित्‍व को मद्देनज़र रखते हुए राज्‍य सरकार को उपयुक्‍त नीति निर्धारण में सहायता प्रदान करना है।
  • इसके तहत गाँव के हर घर में पीने का पानी उपलब्ध कराने के साथ-साथ उसके रखरखाव व प्रबंधन के खर्च को ग्रामवासियों द्वारा वहन करने योग्य बनाना अर्थात् इस संबंध में उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।

तकनीकी विकल्‍प

  • पर्वतीय क्षेत्रों में पेयजल हेतु पाइपलाइन, हैंडपम्‍प अथवा वर्षा के पानी को इकट्ठा कर पेयजल आपूर्ति के विकल्‍प तैयार किये जाते हैं, जबकि मैदानी क्षेत्रों में नलकूप, हैंडपम्‍प अथवा कूपों के माध्‍यम से स्वच्छ जल की आपूर्ति के विकल्‍प तैयार किये जाते हैं।
  • इसके अतिरिक्त पेयजल एवं पर्यावरणीय स्‍वच्‍छता योजनाओं के डिज़ाइनों का चयन समुदाय द्वारा सहयोगी संस्‍थाओं की सहायता से किया जाता है।

समुदाय की भागीदारी

  • इस परियोजना के अंतर्गत आरंभ से ही ग्रामीण समुदाय को नियोजन, क्रियान्‍वयन एवं संचालन संबंधी कार्यों का हिस्सा बनाया जाता है।
  • वस्तुतः ग्रामीण समुदाय द्वारा अपनी क्षमता के आधार पर पेयजल आपूर्ति के विकल्‍प का चयन करते हुए उनकी स्थापना तथा संचालन एवं रख-रखाव संबंधी सभी कार्य किये जाते हैं।
  • परियोजना के सभी चरणों में प्रत्‍येक स्‍तर पर महिलाओं की बराबर की भागीदारी सुनिश्चित की जाती है।
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