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तीन पूर्वोत्तर राज्य नए एचआईवी हॉटस्पॉट के रूप में उभरे

  • 07 Aug 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

अच्छी खबर यह है कि भारत में एचआईवी (HIV) मामलों की संख्या में लगातार गिरावट आई है। वहीँ, बुरी खबर यह है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार मेघालय, मिज़ोरम और त्रिपुरा एचआईवी के नए हॉटस्पॉट के रूप में उभरे हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • हाल ही में लोकसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए  मंत्रालय ने तीन पूर्वोत्तर राज्यों में एचआईवी की घटनाओं में वृद्धि का कारण इन्जेक्टिंग ड्रग यूज़र (IDU)  और असुरक्षित यौन संबंध के उच्च जोखिम वाले व्यवहार को ज़िम्मेदार ठहराया।
  • मिज़ोरम के चार और त्रिपुरा के एक स्थान पर IDU के कारण एचआईवी का प्रसार अधिक पाया गया, जो देश के शेष भाग का 6.3% है। ऐजवाल, चम्फाई और कोलासिब में कम-से-कम तीन स्थानों पर  IDU के कारण एचआईवी का प्रसार क्रमशः 37.44%, 33.06% और 38.14% था।
  • महिला सेक्स वर्कर्स के बीच एचआईवी का प्रसार चार स्थानों पर, त्रिपुरा में दो तथा मिज़ोरम और मेघालय में एक-एक स्थान पर सर्वाधिक था।
  • मिज़ोरम के ऐजवाल ज़िले में एक स्थान पर  एचआईवी का प्रसार देश के अन्य जगहों के 1.6% की तुलना में 24.68% अधिक था।
  • दिसंबर 2017 में किये गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, मिज़ोरम में छह,  मेघालय में दो और त्रिपुरा में एक केंद्र पर भारत में अन्य स्थानों पर प्रसव पूर्व क्लीनिक (ANC) पर जाने वाली गर्भवती महिलाओं के मामले में 0.28 प्रतिशत एचआईवी प्रसार की तुलना में एक प्रतिशत से अधिक एचआईवी का प्रसार दर्ज किया गया है।
  • एचआईवी सेंटीनेल सर्विलांस (HIV Sentinel Surveillance-HSS), नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (NACO) द्वारा आयोजित एक द्विवार्षिक अध्ययन, जनसंख्या के उच्च जोखिम समूहों में एचआईवी से निपटने वाला दुनिया का सबसे बड़ा नियमित अध्ययन है।
  • HSS ने अपने अध्ययन में उल्लेख किया था कि मिज़ोरम (1.19%), नगालैंड (0.82%), मेघालय (0.73%), त्रिपुरा (0.56%) और मणिपुर (0.47%) में पूर्वोत्तर राज्यों में ANC के संदर्भ में एचआईवी प्रसार सबसे ज़्यादा था|
  • एचआईवी से संक्रमित व्यक्तियों (PLHIV) जो एंटी-रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट (ART) ले रहे हैं, के संबंध में नेशनल एड्स रिसर्च इंस्टिट्यूट (NARI) के अनुसार, लगभग 12.28 लाख लोग एआरटी ले रहे हैं। एआरटी के तहत भारत में एचआईवी संक्रमण वाले 21 लाख लोगों में से 90% को ART के अंतर्गत लाने का लक्ष्य रखा गया है।

एआरटी की प्रभावकारिता

  • दिलचस्प बात यह है कि एआरटी, वायरस को प्रभावी ढंग से दबाने और संक्रमित व्यक्ति से एचआईवी के संचरण को कम करने में मदद करता है।
  • PLHIV के मामले में जो व्यक्ति एआरटी पर हैं उनमें महाराष्ट्र (सबसे अधिक 2.03 लाख) के बाद आंध्र प्रदेश (1.78 लाख) और कर्नाटक (1.58 लाख) हैं।
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