लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

चेन्नई और व्लादिवोस्तोक के बीच समुद्री मार्ग

  • 07 Sep 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा के दौरान भारत के चेन्नई और रूस के व्लादिवोस्तोक (Vladivostok) के बीच समुद्री मार्ग बनाने के लिये मेमोरेंडम ऑफ इंटेंट (Memorandum of Intent) पर हस्ताक्षर किये गए।

प्रमुख बिंदु:

  • दोनों देशों के बीच बनने वाला यह समुद्री मार्ग रूस के पूर्वी बंदरगाह को भारत के पूर्वी समुद्री तट से जोड़ेगा।
  • इस समुद्री मार्ग के परिणामस्वरूप भारत तथा रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र के मध्य सहयोग को गति मिल सकेगी।
  • इस समुद्री मार्ग की लंबाई लगभग 5,600 समुद्री मील या लगभग 10,300 किमी. होगी।
  • लगभग 20-25 समुद्री मील या 37-46 किमी./घंटा की सामान्य गति वाला एक बड़ा समुद्री जहाज़ लगभग 10-12 दिनों में यह दूरी तय कर लेगा।

समुद्री मार्ग से जुड़े हैं भारत के हित

  • भारत तमिलनाडु के तिरुनेलवेली ज़िले में रूस के सहयोग से परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण कर रहा है।
  • चेन्नई और व्लादिवोस्तोक के बीच समुद्री मार्ग के खुलने से इस परियोजना के निर्माण में काफी मदद मिलेगी।
  • साथ ही यह समुद्री मार्ग दोनों राष्ट्रों के बीच व्यापार संबंधों को और मज़बूत करने एवं इन्हें एक नई दिशा देने में मदद करेगा।
  • यह इंडो-पैसिफिक (Indo-Pacific) और विशेष रूप से दक्षिण चीन सागर में भारत की मौजूदगी को भी बढ़ाएगा।
  • इस कदम का एक अन्य उद्देश्य चीन के महत्त्वाकांक्षी मैरीटाइम सिल्क रूट (Maritime Silk Route-MSR), जो कि बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative) का हिस्सा है, का प्रत्युत्तर भी है।
  • होर्मुज़ की खाड़ी में तनाव बढ़ने के बाद भारत, जो कि अपनी तेल ज़रूरतों के लिये पूर्णतः आयात पर निर्भर है इस समुद्री मार्ग को एक नए विकल्प के रूप में देख रहा है।

व्लादिवोस्तोक

(Vladivostok)

  • व्लादिवोस्तोक रूस के प्रशांत तट (Pacific Coast) पर सबसे बड़ा बंदरगाह है।
  • इसके अलावा यह प्रसिद्ध ट्रांस साइबेरियन रेलवे (Trans Siberian Railway), जो कि रूस के सुदूर पूर्व को रूस की राजधानी मॉस्को (Moscow) और पश्चिम में यूरोप के देशों से जोड़ता है, का अंतिम स्टेशन भी है।
  • इस क्षेत्र के महत्त्व को इसी बात से समझा जा सकता है कि यहाँ सभी प्रकार के प्राकृतिक संसाधन काफी बड़ी मात्रा में उपलब्ध हैं।
  • व्लादिवोस्तोक के विशाल बंदरगाह पर शिपिंग (Shipping) और मछली पकड़ना मुख्य व्यावसायिक गतिविधियाँ हैं।
  • ऑटोमोबाइल्स इस बंदरगाह के माध्यम से आयात की जाने वाली सबसे प्रमुख वस्तु है, जहाँ से उन्हें अक्सर आगे रूस के आंतरिक हिस्सों तक पहुँचाया जाता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2