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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण

  • 23 Jan 2018
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

किसी संगठन की उत्पत्ति हमेशा विकासवादी प्रक्रिया के माध्यम से होती है। राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में ‘आपदा प्रबंधन के महत्त्व की पहचान’ करते हुए भारत सरकार ने अगस्त 1999 में एक उच्चस्तरीय समिति की स्थापना की तथा गुजरात में आए भूकंप के पश्चात् एक राष्ट्रीय समिति की स्थापना की, जिसका कार्य आपदा प्रबंधन योजनाओं की तैयारी के संबंध में सिफारिशें करना एवं प्रभावी शमन तंत्रों हेतु सुझाव प्रदान करना था।

प्रमुख बिंदु

  • दसवीं पंचवर्षीय योजना (2002-07) के दस्तावेज़ में पहली बार, आपदा प्रबंधन पर एक विस्तृत अध्याय जारी किया गया। 
  • अंततः 23 दिसंबर, 2005 को भारत सरकार द्वारा ‘आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005’ को अधिनियमित किया गया, जिसके तहत ‘राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण’ (एन.डी.एम.ए.) एवं ‘राष्ट्रीय आपदा मोचन बल’ (एन.डी.आर.एफ.) का गठन किया गया।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एन.डी.एम.ए.)
National Disaster Management Authority (NDMA) 

  • यह भारत में आपदा प्रबंधन के लिये एक सर्वोच्च निकाय है, जिसका गठन ‘आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005’ के तहत किया गया था।
  • यह आपदा प्रबंधन के लिये नीतियों, योजनाओं एवं दिशा-निर्देशों का निर्माण करने के लिये ज़िम्मेदार संस्था है, जो आपदाओं के वक्त समय पर एवं प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करता है।
  • भारत के प्रधानमंत्री द्वारा इस प्राधिकरण की अध्यक्षता की जाती है।

उद्देश्य

  • इस संस्था का उद्देश्य एक समग्र, प्रो-एक्टिव, प्रौद्योगिकी ड्रिवेन टिकाऊ विकास रणनीति के माध्यम से एक सुरक्षित और डिजास्टर रेसिलिएंट भारत का निर्माण करना है, जिसमें सभी हितधारकों को शामिल किया गया है। 
  • यह आपदा की रोकथाम, तैयारी एवं शमन की संस्कृति को बढ़ावा देता है।

राष्‍ट्रीय आपदा मोचन बल 

  • राष्‍ट्रीय आपदा मोचन बल द्वारा 19 जनवरी को अपना 13वाँ स्थापना दिवस मनाया गया। भारत में  NDRF का गठन  आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के  तहत राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के रूप में  प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के दौरान विशेष प्रतिक्रिया के उद्देश्य से किया गया है। 
  • वर्तमान में, एनडीआरएफ में 12बटालियन  हैं , जिनमें BSF और CRPF से तीन-तीन और CISF, SSB और ITBP से दो-दो बटालियन हैं।

आपदा प्रबंधन में NDRF की भूमिका

  • मानवीय और प्राकृतिक आपदा के दौरान विशेषज्ञ प्रतिक्रिया उपलब्ध करना, जिससे बचाव एवं राहत कार्य का प्रभावी निष्पादन संभव हो सके। 
  • राष्ट्रीय आपदा मोचन बल आपदाओं के दौरान चलाए जाने वाले राहत कार्यों में अधिकारियों की मदद में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 
  • राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की तैनाती संभावित आपदाओं के दौरान भी की जाती है। 
  • आपदाओं में बचाव या राहत कार्य के दौरान अन्य संलग्न एजेंसियों के साथ समन्वय कर यह बल बचाव  या राहत कार्य को संपूर्णता प्रदान करता है। 
  • NDRF की सभी बटालियन तकनीकी दक्षता से युक्त हैं और विभिन्न प्रकार की विशेषज्ञ योग्यताओं से सुसज्जित हैं। 
  • प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के साथ-साथ यह बल अपनी चार टुकड़ियों के माध्यम से रेडियोलॉज़िकल, जैविक, नाभिकीय और रासायनिक आपदाओं से निपटने में भी सक्षम है। 
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