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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

टेस्ट, जो स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु के ज़ोखिम का पता लगा सकता है

  • 03 Jul 2017
  • 4 min read

संदर्भ
विश्व में स्तन कैंसर के रोगियों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। इन्हीं रोगियों की सहायता हेतु अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय ने एक ‘आणविक परीक्षण’ (molecular test) को विकसित किया है, जिसे माम्माप्रिंट (MammaPrint) टेस्ट भी कहा जाता है। इसमें स्तन कैंसर का पता लगाने के लिये ‘70-जीन हस्ताक्षर’ (70-Gene Signature) टेस्ट किया जाता है। 

महत्त्वपूर्ण बिंदु 

  • शोधकर्त्ताओं ने बताया है कि 70-जीन हस्ताक्षर टेस्ट के द्वारा शुरुआती चरण में स्तन कैंसर पता लगाया जा सकता है।
  • इस टेस्ट के माध्यम से किसी रोगी के स्तन कैंसर के उपचार और ट्यूमर को हटाने के 20 वर्ष बाद भी, इससे होने वाली मृत्यु के खतरे को कम किया जा सकता है। इस शोध को स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं के उपचार की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
  • इस नवीन खोज से 'बहुत ही कम' (ultra-low) जोखिम वाले रोगियों को कम आक्रामक और गैर-ज़रूरती (Aggressively and Overtreatment) उपचार से बचाया जा सकता है, फलस्वरूप रोगी को उपचार के विषाक्त प्रभावों से भी बचाया जा सकता है। 
  • अब हम बहुत ही कम जोखिम श्रेणी वाले छोटे नोड-नकारात्मक (small node-negative) स्तन कैंसर का परीक्षण भी कर सकते हैं।
  • हम महिलाओं की कैंसर से होने वाली मृत्यु की संभावनाओं को कम करने के साथ-साथ उन्हें लंपेक्टोमी (lumpectomy) थैरपी के बाद होने वाले विकिरण और किये जाने वाले गैर-ज़रूरती उपचार से भी बचा सकते हैं।
  • यह पहली बार है कि निदान के समय एक नैदानिक परीक्षण करने तथा बहुत-कम जोखिम वाले ट्यूमर की पहचान करना संभव हो सका है। ध्यातव्य है कि वर्तमान में लगभग 20-25% ट्यूमर इसी श्रेणी के हैं।
  • ‘जामा ऑन्कोलॉजी’ (JAMA Oncology) पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्त्ताओं ने कहा है कि यह देखना होगा कि उपचार के 20 साल बाद तक कैंसर के निष्क्रिय ट्यूमर, ट्यूमर की धीमी गति से वृद्धि और ट्यूमर के व्यवहार का आकलन करने में 70-जीन टेस्ट कितना खरा उतरेगा।

माम्माप्रिंट टेस्ट (MammaPrint Test) 
यह टेस्ट प्रारंभिक चरण के स्तन कैंसर के रोगियों के लिये एक निदान परीक्षण है। 
इसमें ट्यूमर के शरीर के अन्य भाग में फैलने से पूर्व ही जोखिम का आकलन कर लिया जाता है। 
यह टेस्ट कैंसर से संबंधित उच्च जोखिम या कम जोखिम का परीक्षण करता है और इस प्रकार यह चिकित्सकों को यह निर्धारित करने में सहायता करता है कि रोगी को कीमोथेरैपी (Chemotherapy) से लाभ होगा या नहीं। 
यह कम जोखिम वाले कैंसर से पीड़ित महिलाओं का बिना कीमोथेरैपी के उपचार संभव बनाता है।

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