लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली न्यूज़

भारतीय अर्थव्यवस्था

तमिलनाडु स्वास्थ्य प्रणाली सुधार कार्यक्रम

  • 06 Jun 2019
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत सरकार, तमिलनाडु सरकार एवं विश्व बैंक ने तमिलनाडु स्वास्थ्य प्रणाली सुधार कार्यक्रम (Tamil Nadu Health System Reform Program) के कार्यान्वयन हेतु 287 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य तमिलनाडु में स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता में सुधार लाना, गैर-संक्रमणीय रोगों (Non-communicable Diseases- NCDs) के बोझ को कम करना एवं प्रजनन तथा शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में समानता अंतरालों को को कम करना है।

प्रमुख बिंदु

  • नीति आयोग स्वास्थ्य सूचकांक (NITI Aayog Health Index) में तमिलनाडु तीसरे स्थान पर है जो व्यापक रूप से उन्नत स्वास्थ्य परिणामों को परिलक्षित करता है।
  • तमिलनाडु की मातृत्त्व मृत्यु दर वर्ष 2005 के प्रति 100,000 सप्राण प्रसव (Live Births) 90 मौतों की तुलना में वर्ष 2015-16 में घटकर 62 मौतों पर आ गई हैं, जबकि इसी अवधि में नवजात मृत्यु दर प्रति 1000 सप्राण प्रसव 30 मौतों से घटकर 20 मौतों पर आ गई है।
  • इन प्रभावी लाभों के बावजूद, कई ज़िलों में स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता एवं प्रजनन तथा शिशु स्वास्थ्य देखभाल में अंतर सहित स्वास्थ्य देखभाल में कुछ चुनौतियाँ अभी भी विद्यमान हैं।
  • तमिलनाडु गैर-संक्रमणीय रोग के बढ़ते बोझ से भी जूझ रहा है क्योंकि राज्य में होने वाली लगभग 69 प्रतिशत मौतों में इनकी भी हिस्सेदारी होती है।
  • तमिलनाडु स्वास्थ्य प्रणाली सुधार कार्यक्रम राज्य सरकार को निम्नलिखित प्रकार से सहायता प्रदान करेगा:
    • नैदानिकी प्रोटोकॉल एवं दिशा-निर्देशों का विकास।
    • सार्वजनिक क्षेत्र में प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक स्तर की स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये राष्ट्रीय मान्यता अर्जित करना।
    • नियमित चिकित्सकीय शिक्षा के माध्यम से चिकित्सकों, परिचारिकाओं एवं परा-चिकित्सकों को सुदृढ़ करना।
    • आम लोगों को गुणवत्ता एवं अन्य आँकड़ों की सुविधा उपलब्ध कराते हुए नागरिकों एवं राज्य के बीच फीडबैक लूप को सुदृढ़ बनाना।
  • पारदर्शिता बढ़ाने तथा जवाबदेही को मज़बूत बनाने के लिये इस कार्यक्रम के ज़रिये तमिलनाडु के अच्छे प्रचलनों एवं नवोन्मेषणों को बढ़ावा दिया जा रहा है, साथ ही विश्व के अन्य नवोन्मेषणों को भी अंगीकार किया जा रहा है।’
  • यह कार्यक्रम एक प्रोग्राम-फॉर-रिज़ल्ट्स (Program for Results-PforR), लेंडिंग इंस्ट्रूमेंट के ज़रिये इनपुट की जगह परिणामों पर फोकस करता है।

स्रोत- पीआईबी

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2