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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

सुंदरबन और उसकी जैव विविधता समृधि

  • 15 Sep 2017
  • 5 min read

चर्चा में क्यों ?

भारतीय प्राणी-विज्ञान सर्वेक्षण (Zoological Survey of India) ने पहली बार सुंदरबन में पाए जाने वाले जीव-जन्तुओं की विविधता का और उन पर मंडरा रहे खतरों का एक संपूर्ण संग्रह प्रकाशित किया है। उसके अनुसार इस नाजुक द्वीपीय पारिस्थितिकी तंत्र में 2,626 जीव-जंतु रहते हैं। 

प्रमुख बिंदु

  • ‘सुंदरबन जैव विविधता के प्राणी समूह’ (Fauna of Sundarban Biosphere Reserve) शीर्षक से प्रकाशित इस संग्रह में सुंदरबन की जैव विविधता पर पहली समेकित और अद्यतित जानकारी दी गई है। यह संग्रह अपने आप में एक विश्वकोश जैसी है।
  • इसमें 2,600 प्रजातियों का उल्लेख किया गया है, जिनमें कुछ मैंग्रोव पारिस्थितिकी की दृष्टि से नई हैं और जलवायु परिवर्तन के खतरों से संकट में जी रहे हैं।  
  • सुंदरबन के बारे में अब तक 4,260 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को ही जाना जाता था, परंतु इस संग्रह में इसके पूरे 9,630 वर्ग किलोमीटर के दायरे को कवर किया गया है।   

सुंदरबन

  • सुंदरबन  पश्चिम बंगाल के उत्तर और दक्षिण 24 परगना ज़िले के 19 विकासखण्डों में फैला हुआ है। 
  • यह भारत और बांग्लादेश दोनों में फैला हुआ दलदलीय वन क्षेत्र है। यह यहाँ पाए जाने वाले सुन्दरी नामक वृक्षों के कारण प्रसिद्ध है।   
  • भारतीय क्षेत्र में स्थित सुंदरबन यूनेस्को (UNESCO) की विश्व धरोहर स्थल (World Heritage site) का हिस्सा है।
  • यह 9,630 वर्ग किलोमीटर में फैला गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा का हिस्सा है। इस क्षेत्र में 104 द्वीप हैं। 
  • यहाँ जीव-जंतुओं की लगभग 2,487 प्रजातियाँ हैं। 

यहाँ पाए जाने वाले कुछ विशिष्ट जीव-जंतु एवं उनकी विशेषताएँ 

  • यहाँ पाए जाने वाले प्रसिद्ध बाघ (रॉयल बंगाल टाइगर) यहाँ के जलीय परिस्थितियों के अनुकूल हो गए हैं। वे तैर भी सकते हैं। 
  • यहाँ पाए जाने वाले कुछ जीवों में एशियाई छोटे पंख वाले ऊदबिलाव, गंगा की डॉल्फिन, भूरे और दलदली नेवले और जंगली रीसस बंदर प्रमुख हैं।  

पक्षियाँ

  • यहाँ पक्षियों की 356 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें ऑस्प्रे, ब्राह्मिनी चील और श्वेत पेट वाली समुद्री बाज़ प्रमुख हैं। 
  • इसके अलावा गुलाबी सिर वाला तोता, फ्लाईकेचर, वार्बलर्स और किंगफिशर भी पाए जाते हैं। 

कछुए व अन्य जीव 

  • यहाँ कछुओं की 11 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें प्रसिद्ध ऑलिव रिडले कछुआ, हॉस्कबिल समुद्री कछुए और टेरापिन नदी कछुआ प्रमुख हैं। टेरापिन नदी कछुआ मीठे पानी में रहने वाला एक संकटापन्न जीव है। 
  • इसके अलावा यहाँ मगरमच्छ, मॉनिटर लेज़र्ड्स, सांपों की 30 प्रजातियाँ एवं कार्टिलैगिनस मछलीयाँ  पाई जाती हैं। किंग कोबरा आईयूसीएन (IUCN) की सुभेद्य सूची में शामिल है। 
  • यहाँ के मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र में मछलियों की लगभग 350 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इनमें से कार्टिलैगिनस (Cartilaginous) मछलीयाँ, जिनमें अस्थियों के बजाय उपास्थि का कंकाल होता है, 10.3% तक हैं। 
  • सुंदरबन की समृद्धि का एक और संकेत यहाँ पाए जाने वाले 753 कीट की प्रजातियों से है। इनमें से 210 तितलियाँ  और पतंगे हैं। इसके अलावा केकड़े, चिंराट और झींगे की 334 प्रजातियाँ भी मौजूद हैं।

समस्या 

  • सुन्दरबन का दलदलीय इलाका मानवीय आवासों के बढ़ते दायरे एवं प्राकृतिक खतरों से जूझ रहा है, जिसके कारण यहाँ स्तनपायी जीवों की संख्या घट रही है। 
  • गैंडा, दलदलीय हिरण, भोंकने वाले हिरण,  हॉग हिरण और जल में रहने वाला एशियाई जंगली भैंसा (Asiatic Wild Water Buffalo) अब सुंदरबन में नहीं पाए जाते हैं।
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