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भारतीय समाज

स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन 2022 रिपोर्ट

  • 30 Mar 2022
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

विश्व जनसंख्या 2022 रिपोर्ट की स्थिति, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के निष्कर्ष।

मेन्स के लिये:

स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन 2022 रिपोर्ट, महिलाओं से संबंधित मुद्दे, जनसंख्या और संबंधित मुद्दे।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की फ्लैगशिप स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन 2022 रिपोर्ट 2022 "सीइंग द अनसीन: द केस फॉर एक्शन इन नेग्लेक्टेड क्राइसिस ऑफ अनइंटेन्डेंट प्रेग्नेंसी" शीर्षक से लॉन्च की गई।

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष:

  • बढ़ता अनपेक्षित गर्भधारण:
    • वर्ष 2015 से 2019 के बीच हर वर्ष वैश्विक स्तर पर लगभग 121 मिलियन अनपेक्षित गर्भधारण हुए।
  • गर्भनिरोधक के सुरक्षित, आधुनिक तरीकों की कमी:
    • विश्व स्तर पर अनुमानित 257 मिलियन महिलाएँ जो गर्भावस्था से बचना चाहती हैं, गर्भनिरोधक के सुरक्षित, आधुनिक तरीकों का उपयोग नहीं कर रही हैं।
  • बढ़ते बलात्कार से संबंधित गर्भधारण:
    • लगभग एक-चौथाई महिलाओं को अनैच्छिक यौन क्रियाओं के लिये मजबूर किया जाता है।
      • यौन क्रिया के दौरान हिंसा का अनुभव करने वाली महिलाओं में गर्भनिरोधक का उपयोग 53% कम है।
      • सहमति से यौन संबंध से गर्भधारण की तुलना में बलात्कार से संबंधित गर्भधारण समान रूप से या अधिक होने की संभावना है।
  • गर्भपात में वृद्धि:
    • 60% से अधिक अनपेक्षित गर्भधारण और सभी गर्भधारण का लगभग 30% गर्भपात द्वारा समाप्त होता है।
      • विश्व स्तर पर किये जाने वाले सभी गर्भपात में से 45% असुरक्षित हैं।
      • विकासशील देशों में अकेले इलाज की लागत में असुरक्षित गर्भपात पर प्रतिवर्ष अनुमानित 553 मिलियन अमेरिकी डॉलर का खर्च आता है।
  • मानवीय आपात स्थितियों का प्रभाव:
    • मानवीय आपात स्थितियों जैसे- यूक्रेन में जारी युद्ध की स्थिति के कारण महिलाओं द्वारा  गर्भनिरोधक उपायों तक पहुंँच बाधित हो रही हैं और/या महिलाओं द्वारा यौन हिंसा का अनुभव किया जा रहा है।
      • कुछ अध्ययनों से पता चला है कि 20% से अधिक शरणार्थी महिलाओं और लड़कियों को यौन हिंसा का सामना करना पड़ सकता है।
    • कोविड-19 महामारी के पहले 12 महीनों में गर्भनिरोधक आपूर्ति और सेवाओं में अनुमानित व्यवधान औसतन 3.6 माह तक चला, जिसकी वजह से महिलाओं द्वारा 1.4 मिलियन अनपेक्षित गर्भधारण किये गए।

अनपेक्षित गर्भधारण को बढ़ावा देने वाले कारक:

  • यौन और प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल एवं जानकारी का अभाव।
  • गर्भनिरोधक विकल्प जो महिलाओं के शरीर या परिस्थितियों के अनुकूल नहीं होते हैं।
  • महिलाओं की अपनी प्रजनन क्षमता और शरीर को नियंत्रित करने वाले हानिकारक मानदंड तथा कुरीतियाँ।
  • यौन हिंसा और ऐच्छिक प्रजनन।
  • स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पूर्वधारणा।
  • गरीबी और अवरुद्ध आर्थिक विकास।
  • लिंग असमानता।

अनपेक्षित गर्भधारण से संबंधित समस्याएंँ:

  • स्वास्थ्य को खतरा:
    • अनपेक्षित गर्भधारण कुछ स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न कर सकता है और माँ तथा बच्चे दोनों के लिये प्रतिकूल परिणामों से जुड़ा हो सकता है।
      • उदाहरण के लिये एक अनियोजित गर्भावस्था वाली महिला को प्रसव पूर्व देखभाल सुविधा प्राप्त होने की संभावना कम होती है और यह जीवन में प्रसवोत्तर अवसाद और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे जोखिम का कारण हो सकता है।
  • अपरिपक्व जन्म की उच्च दर:
    • अनैच्छिक गर्भधारण को समय से पहले जन्म की उच्च दर तथा जन्म के समय कम वज़न के साथ जोड़कर देखा गया है, हालाँकि कुछ अध्ययनों में गर्भावस्था के इरादे से जनसांख्यिकीय कारकों को अलग करने की कठिनाई पर ध्यान दिया गया है।
  •  भविष्य में बच्चों पर प्रभाव:
    • एक नियोजित गर्भावस्था के परिणामस्वरूप पैदा हुए बच्चों की तुलना में अनियोजित गर्भावस्था के परिणामस्वरूप पैदा हुए बच्चों की स्कूली उपलब्धि, सामाजिक, भावनात्मक विकास तथा बाद में श्रम बाज़ार में सफलता के प्रदर्शन में कमी की संभावना अधिक हो सकती है।
      • अनैच्छिक गर्भधारण बाल दुर्व्यवहार का पूर्वानुमान लगाने और समझने में एक महत्त्वपूर्ण जोखिम कारक हो सकता है।
    • एक अनियोजित गर्भावस्था शैक्षिक लक्ष्यों को भी बाधित कर सकती है तथा भविष्य की कार्य क्षमता एवं पारिवारिक वित्तीय कल्याण को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।

सुझाव:

  • निर्णय लेने वालों और स्वास्थ्य प्रणालियों को गर्भनिरोधक की पहुँच, स्वीकार्यता, गुणवत्ता एवं विविधता में सुधार करके तथा गुणवत्तापूर्ण यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल की जानकारी में विस्तार करके अनैच्क्षिक गर्भधारण की रोकथाम को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
  • नीति निर्माताओं, समुदाय के नेताओं तथा सभी व्यक्तियों, महिलाओं और लड़कियों को सेक्स एवं गर्भनिरोधक व मातृत्व के बारे में सकारात्मक निर्णय लेने के लिये सशक्त बनाना चाहिये।
  • महिलाओं और लड़कियों के मूल्यों को पहचानने वाले समाज को बढ़ावा देना चाहिये।
    • यदि वे ऐसा करते हैं, तो महिलाएँ और लड़कियाँ समाज में पूरी तरह से योगदान करने में सक्षम होंगी तथा उनके पास बच्चे पैदा करने या न करने के लिये यह मौलिक विकल्प होंगे।

‘संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष’ क्या है?

  • परिचय:
  • स्थापना: 
    • इसे वर्ष 1967 में ट्रस्ट फंड के रूप में स्थापित किया गया था और इसका परिचालन वर्ष 1969 में शुरू हुआ।
    • इसे वर्ष 1987 में आधिकारिक तौर पर ‘संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष’ नाम दिया गया, लेकिन इसका संक्षिप्त नाम UNFPA (जनसंख्या गतिविधियों के लिये संयुक्त राष्ट्र कोष) को भी बरकरार रखा गया।
  • उद्देश्य:
    • UNFPA प्रत्यक्ष रूप से स्वास्थ्य संबंधी सतत् विकास लक्ष्य-3, शिक्षा संबंधी लक्ष्य-4 और लिंग समानता संबंधी लक्ष्य-5 के संबंध में कार्य करता है।
  • वित्तपोषण:
    • UNFPA संयुक्त राष्ट्र के बजट द्वारा समर्थित नहीं है, इसके बजाय यह पूरी तरह से दाता सरकारों, अंतर-सरकारी संगठनों, निजी क्षेत्र और आम लोगों के स्वैच्छिक योगदान द्वारा समर्थित है।
  • रिपोर्ट:
    • ‘स्टेट ऑफ द वर्ल्ड पॉपुलेशन’ रिपोर्ट

स्रोत: ‘संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष’ वेबसाइट

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