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भारतीय अर्थव्यवस्था

SONIA

  • 24 Oct 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये

SONIA क्या है?

मेन्स के लिये

SONIA का महत्त्व, वैश्विक वित्त बाज़ार पर इसका प्रभाव।

चर्चा में क्यों?

London Interbank Offered Rate (LIBOR) को 2021 में समाप्त किये जाने की घोषणा की गई है तथा इसके स्थान पर SONIA का प्रयोग किया जाएगा।

SONIA क्या है?

  • Sterling Overnight Interbank Average Rate (SONIA), एक भारित औसत, अल्प-आवधिक ऋण है जिसे बैंकों द्वारा ब्रिटिश स्टर्लिंग बाज़ार में असुरक्षित ऋणों के भुगतान के लिये उपयोग में लाया जाता है।
  • SONIA की स्थापना वर्ष 1997 में ब्रिटेन के होलसेल मार्केट ब्रोकर्स एसोसिएशन (Wholesale Market Brokers Association-WMBA) द्वारा की गई थी। SONIA से पहले WMBA के पास कोई निर्धारित स्टर्लिंग ओवरनाइट रेट नहीं था। इस वजह से ब्रिटिश ओवरनाइट ब्याज दरों में अस्थिरता देखी जाती थी।
  • LIBOR के विपरीत, SONIA ब्याज दर वास्तविक लेनदेन पर आधारित है। बैंक ऑफ़ इंग्लैंड ने इसका समर्थन किया है जिससे इसकी विश्वसनीयता बढ़ी है।
  • LIBOR के स्थान पर SONIA के प्रयोग से प्रशिक्षण, कानूनी खर्च, लेखांकन तथा दस्तावेजों को व्यवस्थित करने में अधिक लागत की आवश्यकता होती है।

SONIA की उपयोगिता

  • वित्त तथा वित्तीय व्यवस्था के संचालन में ऋण और डेरीवेटिव्स की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। अतः इसके संचालन में एक विश्वसनीय एवं वृहत रूप से स्वीकृत पैमाने की आवश्यकता होती है। इस मायने में SONIA एक अच्छा विकल्प है।
  • भारत प्रायः बाह्य वाणिज्यिक ऋणों (External Commercial Borrowing-ECB) का प्रयोग घरेलू वाणिज्यिक गतिविधियों के वित्तपोषण के लिये करता है। इसके अलावा RBI द्वारा ECB हेतु बनाए गए नियमों के अनुसार, ऋणों की लागत तय करने में LIBOR का प्रयोग होता है। अतः इन परिस्थितियों में भारतीय ऋण प्राप्तकर्त्ताओं को भी इस नई व्यवस्था को समझना होगा।
  • नए उद्यमियों, जिन्होंने किसी ऐसी कंपनी में निवेश किया है जो विदेशों से ऋण लेती हो या डेरीवेटिव्स का लेनदेन करती हो, के लिये भी SONIA को समझना आवश्यक होगा।

LIBOR क्या है?

London Interbank Offered Rate (LIBOR) एक मानक ब्याज दर है जिसके आधार पर प्रमुख वैश्विक बैंक, अल्प-आवधिक ऋणों हेतु अंतर्राष्ट्रीय इंटरबैंक बाज़ार में आपसी लेन-देन करते हैं।

LIBOR की प्रासंगिकता

    • बैंकों के बीच आपसी लेन-देन, जिसके आधार पर LIBOR की गणना की जाती है, में 2008 के वैश्विक आर्थिक मंदी के बाद लगातार कमी आई है।
    • LIBOR, सर्वेक्षण में शामिल बैंकों के अनुमानित लेन-देन के आधार पर तय किया जाता है, न कि वास्तविक लेन-देन के आधार पर।
    • LIBOR के अनेक भागीदार बैंक अपनी ज़िम्मेदारियों को सही तरीके से नहीं निभाते। वर्ष 2012 में ऐसे ही कुछ बैंकों को आँकड़े छिपाने के मामले में पकड़ा गया था।
  • बाह्य वाणिज्यिक ऋण (External Commercial Borrowing-ECB) एक प्रकार का वित्तीय उपकरण है जिसके माध्यम से घरेलू वाणिज्यिक गतिविधियों के वित्तपोषण हेतु विदेशों से धन प्राप्त किया जाता है।
  • ECB का प्रयोग स्टॉक मार्केट में निवेश के लिये तथा सट्टा बाज़ार में नहीं किया जा सकता।

निष्कर्ष

  • SONIA के लाभों या इसकी दरों के बारे में अवगत न होने की वजह से निवेशक इसको लेकर संशय की स्थिति में हैं।
  • SONIA के अलावा विश्व बाज़ार में अनेक वैकल्पिक रेफरेन्स रेट मौजूद हैं। जैसे- अमेरिका का SOFR, यूरोपीय संघ का ESTR, जापान का TONAR इत्यादि।

स्रोत : द हिंदू (बिज़नेस लाइन)

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