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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

'स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन- 2017'

  • 25 Mar 2017
  • 4 min read

समाचारों में क्यों ?

विदित हो कि सुशासन लाने और देश की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करने के लिये अब बड़ी संख्या में देश के छात्रों को जोड़ा जाएगा। इसके लिये भारत सरकार का मानव संसाधन विकास मंत्रालय 'स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन- 2017' शुरू करने जा रहा  है। इसके जरिये देश भर के सभी तकनीकी शिक्षण संस्थानों के 30 लाख से ज़्यादा छात्र राष्ट्रीय महत्त्व की समस्याओं का मिलकर समाधान तलाशेंगे। राष्ट्र निर्माण के लिये डिजिटल समाधान तलाशने का यह दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। गौरतलब है कि हैकाथॉन एक प्रकार का आयोजन होता है जहाँ देश के कोने-कोने से आए हुए तकनीकी विशेषज्ञ, तकनीकी समस्याओं का समाधान करते हैं|

हैकाथॉन-2017 से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • ‘स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2017’ का शुभारंभ डिजिटल भारत के सपने को साकार करने और युवाओं को राष्ट्र निर्माण के कार्य से प्रत्यक्ष रूप से जोड़ने के लिये किया जा रहा है। इस पहल में करीब 30 विभिन्न सरकारी मंत्रालय/विभाग भागीदारों के रूप में शामिल होंगे। उदाहरण के तौर पर रेल मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, इस्पात मंत्रालय, डाक सेवाएँ, आईएसआरओ, एनसीपीसीआर आदि शामिल हैं।
  • उल्लेखनीय है कि पहली बार सरकारी विभाग, विद्यार्थियों के साथ प्रत्यक्ष रूप से जुड़ रहे हैं और अपनी दक्षता में सुधार, राजस्व की हानि रोकने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में डिजिटल समाधान प्रस्तुत करेंगें।
  • विदित हो कि ‘स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2017’ 36 घंटे की एक नॉन-स्टॉप डिजिटल उत्पाद विकास प्रतियोगिता होगी, जिसके दौरान प्रौद्योगिकी के हज़ारों विद्यार्थी, केन्द्र सरकार के रेलवे मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, इसरो, पर्यटन मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग सहित कुल 29 मंत्रालय/विभागों द्वारा पोस्ट की गई विभिन्न समस्याओं के संबंध में अभिनव डिजिटल समाधान का निर्माण करेंगे।
  • ‘स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2017’ का ग्रैंड फिनाले एक साथ देशभर के 26 अलग-अलग शहरों में आयोजित किया जाएगा और विजेताओं को नकद पुरस्कार दिये जाने के साथ-साथ उनके आइडिया को स्टार्ट अप कार्यक्रम में बदलने में भी उनकी मदद भी की जाएगी।

क्यों महत्त्वपूर्ण है स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन

  • यह सर्वविदित है कि भारत की तकनीकी प्रतिभा ने दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है और कई जटिल समस्याओं के बिल्कुल अनूठे समाधान मुहैया करवाए हैं। यह पहला मौका है जब भारत, विकास की रफ्तार तेज करने के लिये इतने बड़े पैमाने पर अपने देश की जबर्दस्त मानव संसाधन क्षमताओं का लाभ उठाने जा रहा है। यह अब तक का सबसे बड़ा हैकाथॉन होने जा रहा है और उम्म्मीद है कि यह कार्यक्रम दुनिया के लिये भी एक मिसाल बनेगा कि कैसे डिजिटल समाधान के लिये युवा शक्ति का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • गौरतलब है कि एचआरडी मंत्रालय, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और नैस्कॉम के अलावा भी कई सरकारी और गैर सरकारी संगठन इसमें शामिल हैं और इससे केंद्र सरकार के 'स्टार्ट अप इंडिया' और 'स्टैंड अप इंडिया' जैसे कार्यक्रमों को भी बढ़ावा मिलेगा।
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