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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

राज्यों को करनी होगी अवैध अप्रवासियों की पहचान

  • 31 Mar 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को अवैध अप्रवासियों के "बायोग्राफिक और बायोमेट्रिक विवरणों" को अधिकृत करने तथा उन्हें निर्दिष्ट स्थान तक सीमित रखने को कहा है।

मुख्य बिंदु

  • विदित हो कि 28 फरवरी को राज्य सरकारों को नए दिशा-निर्देश सूचित कर दिये गए थे।
  • "रोहिंग्या" शब्द का उल्लेख किये बिना मंत्रालय द्वारा जारी पत्र में स्थानीय अधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वे अवैध अप्रवासियों की पहचान कर इनके आधार कार्ड को अपने कब्ज़े में लें तथा उन्हें निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू करें।
  • आगे की कानूनी कार्रवाई के लिये राज्य अधिकारियों को ऐसे कार्ड के विषय में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (Unique Identification Authority of India - UIDAI) को रिपोर्ट करने के लिये कहा गया है।
  • हाल ही में राज्यसभा में प्रदत्त एक जानकारी के अंतर्गत सरकार द्वारा यह बताया गया कि 2017 में 51 बांग्लादेशियों को उनके देश में पुनर्वासित किया गया।
  • पिछले साल 9 अगस्त को गृह मंत्रालय ने एक परिपत्र जारी किया था, जिसमें राज्य सरकारों से रोहिंग्या सहित अवैध अप्रवासियों को निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया था।

रोहिंग्याओं का पक्ष

  • इसके बाद, दो रोहिंग्याओं द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में गुहार लगाई गई कि उन्हें अपने जीवन का खतरा है। वे म्याँमार में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करते हैं, अत: उन्हें निर्वासित न किया जाए।
  • इस मामले के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई जारी है। यही कारण है कि न्यायालय द्वारा केंद्र से "यथास्थिति" बनाए रखने को कहा गया है।
  • एक अनुमान के अनुसार, वर्ष 2012 के बाद से तकरीबन 40,000 से अधिक रोहिंग्या भारत में रह रहे हैं।

गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश

  • अपने नवीनतम दिशा-निर्देशों में गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्य सरकारों और संघ शासित प्रदेशों से कानून प्रवर्तन एवं खुफिया एजेंसियों को अवैध प्रवासियों की त्वरित पहचान के लिये कदम उठाने के संदर्भ में संवेदनशील रूप से कार्य करने की सलाह दी गई है।
  • इन दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि राज्यों को उन्हें निर्दिष्ट स्थानों पर प्रतिबंधित करना चाहिये, उनके बायोग्राफिक और बायोमेट्रिक विवरणों को अधिकृत करना चाहिये, नकली भारतीय दस्तावेज़ों को रद्द कर देना चाहिये तथा निर्वासन की कार्यवाही शुरू करने सहित कानूनी कार्यवाही शुरू कर देनी चाहिये।
  • 18 सितंबर को सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपने हलफनामे में केंद्र ने कहा था कि रोहिंग्या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा थे और कुछ अनधिकृत रोहिंग्या प्रवासियों के पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध होने की भी सूचना प्राप्त हुई थी।
  • इस बात को ध्यान में रखते हुए संशोधित दिशा-निर्देशों में बांग्लादेश और अफगानिस्तान सहित सभी अवैध प्रवासियों को शामिल किया गया है।
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