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डेली न्यूज़

भारतीय अर्थव्यवस्था

FDI हेतु संशोधित मापदंड

  • 29 Aug 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment-FDI) की समीक्षा के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है।

  • इसके परिणामस्वरूप भारत FDI के लिये अधिक आकर्षक गंतव्य बन जाएगा, जिससे भारत के निवेश, रोज़गार और विकास में वृद्धि होगी।
  • ज्ञातव्य है कि अब तक (मार्च 2019) सिंगापुर भारत का शीर्ष FDI स्रोत बना हुआ है।

संशोधित मानदंड

  • कोयले की बिक्री के लिये स्वचालित मार्ग (Automatic Route) के तहत 100 प्रतिशत FDI की अनुमति दी गई है।
  • साथ ही कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग (Contract Manufacturing) में भी स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत FDI की अनुमति दे दी गई है।
  • यह मेक इन इंडिया (Make in India) पहल हो बढ़ावा देगा और भारत में विनिर्माण केंद्रों की स्थापना हेतु वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करेगा।

कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग

(Contract Manufacturing)

  • यह एक प्रकार का बिज़नेस मॉडल है जिसमें एक फर्म किसी अन्य फर्म के साथ उत्पादन के लिये अनुबंध करती है। यह आउटसोर्सिंग (Outsourcing) का ही एक प्रकार है।
  • कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग के लाभ:
    • लागत में कमी: इस बिज़नेस मॉडल के माध्यम से कंपनियों की पूंजीगत लागत और श्रम लागत में काफी कमी आती है, क्योंकि उन्हें उत्पादन के लिये आवश्यक उपकरणों पर अधिक खर्च नहीं करना पड़ता।
      • कई कंपनियाँ श्रम की लागत में कमी करने के लिये भारत जैसे देशों में कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग करती हैं।
    • उन्नत कौशल: कंपनियाँ अनुबंध करने वाली कंपनी के कौशलों का लाभ उठा सकती हैं।
      • इसके कारण कंपनियाँ अपने मुख्य कार्य पर ध्यान केंद्रित कर सकती हैं जिससे उनके उत्पादन की गुणवता में वृद्धि होती है।
  • प्रिंट मीडिया की ही तरह डिजिटल मीडिया के माध्यम से भी समाचार और करेंट अफेयर्स की अपलोडिंग/स्ट्रीमिंग (Uploading/Streaming) के लिये सरकारी मार्ग (Government Route) के तहत 26 प्रतिशत FDI की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है।
  • भारत को आकर्षक निवेश गंतव्य बनाने के उद्देश्य से FDI संबंधी प्रावधानों को हाल के वर्षों में रक्षा सहित व्यापार तथा वित्त जैसे अन्य क्षेत्रों में काफी उदार बनाया गया है।
    • इन्ही प्रयासों के परिणामस्वरूप अवसरः 2018-19 में भारत का कुल FDI 286 बिलियन डॉलर हो गया था।
    • वैश्विक स्तर पर मंदी के बावजूद भी भारत वैश्विक FDI प्रवाह के लिये एक पसंदीदा और आकर्षक गंतव्य बना हुआ है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश

(Foreign Direct Investment- FDI)

  • यह एक समूह द्वारा किसी एक देश के व्यवसाय या निगम में स्थायी हितों को स्थापित करने के इरादे से किया गया निवेश होता है।
  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment- FDI) आर्थिक विकास का एक प्रमुख वाहक और देश में आर्थिक विकास के लिये गैर-ऋण वित्त का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है।
  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से घरेलू अर्थव्यवस्था में नई पूंजी, नई प्रौद्योगिकी आती है और रोज़गार के मौके बढ़ते हैं।

स्रोत: PIB

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