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नयाचर द्वीप की पारिस्थितिकी पर भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण की रिपोर्ट

  • 09 Jan 2018
  • 8 min read

चर्चा में क्यों?
नयाचर भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में हुगली नदी में एक नव-निर्मित द्वीप है। जीवित जीवों द्वारा इस द्वीप को कैसे अधिवासित किया गया, यह जानने के लिये भारतीय प्राणी सर्वेक्षण द्वारा इस द्वीप का कई दशकों तक सर्वेक्षण करने के बाद एक रिपोर्ट जारी की गई है।

नयाचर द्वीप (NAYACHAR ISLAND)

  • बंगाली शब्द ‘चर’ का अर्थ है कि नदी या समुद्र के जल-स्तर के ऊपर निर्मित बालुकामय परत (strip of sandy land) और ‘नया’ का अर्थ है नई।
  • पश्चिम बंगाल के पूरब मेदिनीपुर ज़िले में आने वाले इस भू-भाग का निर्माण सुन्दरबन के भारतीय हिस्से में नदी के गाद निक्षेपों (silt deposits) द्वारा हुआ है।
  • गंगा और हल्दी नदियों के संगम पर स्थित, 47 वर्ग किमी. का नयाचर द्वीप जैव विविधता के मामले में दुनिया के सबसे समृद्ध क्षेत्रों में से एक सुंदरबन बायोस्फीयर रिज़र्व से लगभग 10 किमी. दूर अवस्थित है।
  • हुगली नदी के मुहाने पर निर्मित यह द्वीप 1990 तक पूर्णतया बंजर था। कभी-कभार ही जल स्तर से ऊपर उठने वाला यह द्वीप प्राय: जलमग्न ही रहा है। 
  • नयाचर द्वीप चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है और इसका निकटतम द्वीप घोरमारा इससे लगभग 30 किमी. दूर अवस्थित है।

नयाचर द्वीप पर रिपोर्ट 

  • भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण (Zoological Survey of India-ZSI) ने अक्तूबर 2017 में ‘Studies on the Succession and Faunal Diversity and Ecosystem Dynamics in Nayachar Island Indian Sundarban Delta’ नामक रिपोर्ट ज़ारी की है। 
  • इस अध्ययन रिपोर्ट को भारत में अपनी तरह की पहली रिपोर्ट माना जा रहा है, जो एक उभरते हुए नए द्वीप में मृदा स्थिरीकरण और आवास में जीवों के अनुक्रमण को समझने पर केंद्रित है। इससे पता चलता है कि कैसे एक उभरता हुआ नवीन भू-भाग धीरे-धीरे विभिन्न जीवों को निवास स्थान प्रदान कर सकता है। 
  • नयाचर एक मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र है और यहाँ पर प्रजातियों का अनुक्रमण अद्वितीय है।

रिपोर्ट के प्रमुख तथ्य

  • लगभग तीन दशकों तक चले इस अध्ययन के अनुसार, 1989 में इस द्वीप के प्रथम सर्वेक्षण में केवल तीन अकशेरुकी मृदा जीव (मिट्टी में रहने वाले जीव) पाए गए थे।
  • कुछ सालों के बाद भूमिगत और स्थलीय दोनों क्षेत्रों में अकशेरुकी जीवों की संख्या 76 पाई गई। अब तक के उपलब्ध आँकड़ों के अनुसार यहाँ 151 जंतु प्रजातियाँ विद्यमान हैं।
  • ZSI के वैज्ञानिकों के अनुसार इस द्वीप पर प्रोटिस्टा (एककोशिकीय जीव) के उभरने के बाद जल्द ही मृदा में रहने वाले लवण-सहिष्णु (salt-tolerant) एकरीना और कोलेम्बोला समूह के सूक्ष्मजीवों के दर्ज होने की संभावनाएँ हैं।
  • इस द्वीप पर सभी जंतु प्रजातियों के समूह में वृद्धि देखने को मिली है।
  • 1992 में इस द्वीप पर मछलियों की केवल 12 प्रजातियां मिली थी। परन्तु वर्तमान में यहाँ मछलियों की 27 प्रजातियाँ दर्ज की गई हैं।
  • इसी तरह पक्षी-वर्ग में प्रजातियों की संख्या 6 से बढ़कर 37 हो गई है।
  • स्तनधारी जीवों जैसे-चूहों, चमगादड़ और गिलहरी की संख्या 3 से बढ़कर 11 हो गई हैं।
  • द्वीप पर तितलियों और पतंगों की 33 प्रजातियाँ मौजूद हैं, जो 1992 में केवल सात थीं।
  • जीवों की प्रजातियों में वृद्धि के साथ ही पिछले पाँच दशकों में इस द्वीप के आकार में भी बढ़ोतरी हुई है। उपग्रह से प्राप्त आँकड़ों के अनुसार वर्ष 1967 से 2015 के बीच इस द्वीप का क्षेत्रफल 17.99 वर्ग किमी. से बढ़कर 46.29 वर्ग किमी. हो गया है।

नयाचर द्वीप पर अनुक्रमण

  • शोधकर्त्ताओं के अनुसार, द्वीप पर प्रजातियों के प्राकृतिक अनुक्रमण को ज्वार के दौरान आने वाले पानी और मछुआरों द्वारा अन्य स्थानों से लाई गई मिट्टी से सहायता मिली है।
  • इस द्वीप पर मिट्टी के गठन और उसके बाद के परिवर्तन से 151 प्रजातियों के उपस्थित होने की प्रक्रिया एक क्लासिक टेक्स्टबुक पैटर्न में विकसित हुईं।
  • मृदा द्वारा सूक्ष्मजीव कार्बनिक पदार्थों को स्रावित किया जाता है, जो बाद में ऊर्जा और कार्बन-डाइऑक्साइड उत्सर्जित करते है।
  • यह सोपानात्मक प्रक्रिया कोलेम्बोला और माइट्स (mites) जैसे सूक्ष्मजीवों पर केंद्रित रहती है जो नाइट्रीकरण और ह्यूमस के निर्माण की ओर आगे बढ़ती है।

पारिस्थितिकीय अनुक्रमण (Ecological Succession) क्या है?

  • वह प्रक्रम जिसके द्वारा किसी क्षेत्र में पाई जाने वाली वनस्पति और जंतु प्रजातियों के समुदाय समय के साथ दूसरे समुदाय में परिवर्तित हो जाते हैं या दूसरे समुदाय उनका स्थान लेते हैं, पारिस्थितिकीय अनुक्रमण कहलाता है।
  • अनुक्रमण के दौरान वनस्पति और जंतु दोनों ही समुदाय परिवर्तन से गुज़रते हैं।

अनुक्रमण दो प्रकार का होता है-

  1. प्राथमिक अनुक्रमण- प्राथमिक अनुक्रमण खाली क्षेत्रों, जैसे- चट्टानों, नवनिर्मित डेल्टाओं और रेत के टिल्लों, द्वीप समूह, बहते हुए लावा, हिमोढ़ आदि में होता है, जहाँ पहले किसी समुदाय का अस्तित्व नहीं था। प्राथमिक अनुक्रमण का अवलोकन द्वितीय अनुक्रमण की अपेक्षा कठिन है क्योंकि पृथ्वी पर ऐसे स्थान बहुत कम हैं जहाँ पहले से ही जीवों या वनस्पति का समुदाय नहीं है।
  2. द्वितीयक अनुक्रमण- द्वितीयक अनुक्रमण वर्तमान प्राकृतिक वनस्पति की समाप्ति के पश्चात् अस्तित्व में आता है अर्थात् जिन क्षेत्रों में पहले वनस्पति समुदाय का विकास हुआ था किंतु बाद में प्राकृतिक या मानवीय कारणों से उस क्षेत्र की वनस्पति के पूर्ण या आंशिक रूप से नष्ट हो जाने से वनस्पति समुदाय का पुन: विकास होता है।

नयाचर एक नया द्वीप है और किसी भी आर्थिक गतिविधि की अनुमति दिये बिना एक सतत् निगरानी प्रणाली के साथ इसके भौतिक और जैविक परिवर्तनों की निगरानी करना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। इस द्वीप ने शोधकर्त्ताओं को आरंभिक स्तर पर ही प्रजातियों के अनुक्रमण का अध्ययन करने का एक दुर्लभ अवसर प्रदान कराया है।

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