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भारत-नेट परियोजना : पहले चरण की सफलता से प्रशस्त होती राहें

  • 09 Jan 2018
  • 6 min read

चर्चा में क्यों ?
भारत सरकार द्वारा उच्‍च गति वाले ऑप्‍टिकल फाइबर नेटवर्क के साथ पूरे देश में एक लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को जोड़कर भारत-नेट (BharatNet) के अंतर्गत परियोजना का पहला चरण पूरा करके (घोषित अंतिम तिथि 31 दिसम्‍बर, 2017 के अनुसार) एक महत्त्‍वपूर्ण उपलब्‍धि हासिल की है। चरण -1 के तहत तैयार भारत-नेट नेटवर्क के अंतर्गत 2.5 लाख गाँवों में उच्‍च गति की ब्रॉड बैंड सेवाएँ उपलब्‍ध कराने की व्‍यवस्‍था की गई है, जिससे तकरीबन 200 मिलियन से भी अधिक ग्रामीणों को लाभ प्राप्त होंगे।

भारत नेट क्या है ? 

  • देशभर की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ने के लिये केंद्र सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रम ‘भारत-नेट प्रोजेक्ट’ की शुरुआत की गई थी। 
  • पहले इस प्रोजेक्ट की तय-सीमा वर्ष 2017 ही थी। इसके तहत ज़िला स्तर पर भी सरकारी संस्थानों के लिये ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। 
  • उल्लेखनीय है कि इस परियोजना को यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (Universal Service Obligation Fund - USOF) द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है। 
  • इस परियोजना का उद्देश्‍य राज्‍यों तथा निजी क्षेत्र की हिस्‍सेदारी से ग्रामीण तथा दूर-दराज के क्षेत्रों में नागरिकों एवं संस्‍थानों को सुलभ ब्रॉड बैंड सेवाएँ उपलब्‍ध कराना है।
  • इस परियोजना का क्रियान्वयन राज्य और राज्यों की एजेंसियों और प्राइवेट सेक्टर द्वारा किया जा रहा है। 
  • कनेक्टिविटी के लिये ‘ऑप्टिकल मिक्स मीडिया’ का इस्तेमाल किया जा रहा है। पहले केवल भूमिगत ऑप्टिकल फाइबर केबल इस्तेमाल का फैसला किया गया था। ब्लॉक से ग्राम पंचायतों तक नए फाइबर केबल बिछाये जा रहे है।
  • भूमिगत ऑप्टिकल फाइबर केबल के लिये 48 या इससे अधिक ‘कोर फाइबर’ और हवाई ऑप्टिकल फाइबर केबल के लिये 24 या उससे अधिक ‘कोर फाइबर’ का इस्तेमाल किया जा रहा है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • इससे ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को बढ़ावा मिला है, क्‍योंकि इस परियोजना की मुख्‍य विशेषता यह है कि इसमें जिन टेलीकॉम उपकरणों को प्रयोग किया गया है, वे पूर्णत रुप से भारत में ही डिज़ाइन, विकसित तथा निर्मित किये गए हैं। 
  • इस परियोजना द्वारा प्रतिदिन 800 किलोमीटर ऑप्‍टिकल फाइबर डालकर विश्‍व रिकॉर्ड बनाया गया है। 
  • भारत-नेट अवसंरचना ग्रामीण लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा, जीविका, कौशल, ई-कृषि तथा ई-वाणिज्‍य जैसी सेवाओं की डिजिटल सुपुर्दगी हेतु प्रोत्‍साहन प्रदान करती है।
  • भारत-नेट के लिये टैरिफ के स्तर पर भी संशोधन किया गया है ताकि अधिक से अधिक टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं (Telecom Service Providers - TSPs) को इस दिशा में आकर्षित किया जा सके, जो वाईफाई, एफटीटीएच (Fiber to the Home – FTTH) के माध्‍यम से ग्रामीण क्षेत्रों में उच्‍च गति ब्रॉड बैंड सेवाएँ प्रदान करने तथा टीएसपी और सामान्‍य सेवा केंद्रों (Common Service Centres - CSC) द्वारा उपयोग में आने वाले मॉडल तैयार करने के लिये अवसंरचना का अधिक से अधिक लाभ उठाया जा सकें।

राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क

  • इस कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2014 में हुई थी। इस फ्लैगशिप कार्यक्रम को 20000 करोड़ रुपए की लागत से देश की दो लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मुहैया कराने के लिये यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड के द्वारा वित्त-पोषित किया गया।
  • ओएफसी नेटवर्क (Optical Fiber Communication Network) का नाम बदलकर भारत नेट (Bharat Net) कर दिया गया है।
  • भारत सरकार ने 25 अक्तूबर, 2011 को इस परियोजना को अपनी सहमति प्रदान की।
  • इस कार्यक्रम में मौजूद ऑप्टिकल फाइबर के उपयोग द्वारा इन्टरनेट तक पहुँच उपलब्ध कराई जाती है तथा इसे ग्राम पंचायतों तक प्रसारित किया जाता है।
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर ई-सर्विस तथा ई-एप्लिकेशन मुहैया कराने में भारत सरकार को सक्षम बनाना है।
  • कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिये कंपनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के रूप में भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड का सृजन किया गया।
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