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RAPID FIRE करेंट अफेयर्स (18 नवंबर)

  • 18 Nov 2019
  • 10 min read

न्यू इंडिया के लिये स्वास्थ्य प्रणाली पर नीति आयोग की रिपोर्ट

  • नीति आयोग ने ‘न्यू इंडिया के लिये स्वास्‍थ प्रणाली: बिल्डिंग ब्लॉक्स- सुधार के संभावित तरीके’ पर 18 नवंबर, 2019 को एक रिपोर्ट जारी की।
  • यह रिपोर्ट सार्वजनिक क्षेत्र के लिये ACCES हेल्थ इंटरनेशनल द्वारा और निजी क्षेत्र के लिये PWC इंडिया फोर्स द्वारा एकत्रित किये गए डेटा पर आधारित है।
  • इस रिपोर्ट में पिछले वर्ष स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली को लेकर राष्‍ट्रीय स्‍तर पर किये गए प्रयासों और विचार-विमर्श के निष्‍कर्षों को शामिल किया गया है।
  • इस रिपोर्ट में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के लिये भुगतान करने वालों और जोखिम घटकों तथा स्वास्थ्य सेवाओं एवं इसे संचालित करने वाले डिजिटल आधार के विभिन्‍न स्तरों पर देश की स्वास्थ्य प्रणाली के बारे में बताया गया है।
  • रिपोर्ट में देश के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिये बिखरी हुई स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली को मज़बूत करने के आवश्‍यक प्रयासों से जुड़े दृष्टिकोणों को एक जगह लाने का प्रयास किया गया है।

स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली पर बहस और चर्चा ‘विकास संवाद शृंखला’ के एक हिस्‍से के रूप में शुरू की गई थी। आयोग ने 30 नवंबर, 2018 को आई.टी. न्यू इंडिया: बिल्डिंग ब्लॉक्स के लिये स्वास्थ्य प्रणाली नामक कार्यशाला के साथ इस शृंखला की शुरुआत की थी। इसमें देश की स्वास्थ्य प्रणाली पर गहन और सकारात्‍मक चर्चा के लिये अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय विशेषज्ञों तथा प्रमुख हितधारकों को साथ लाया गया।

यह रिपोर्ट सभी निष्कर्षों को एक साथ लाने का एक प्रयास है। रिपोर्ट भारत के समक्ष अपनी स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर बनाने के लिये विशेष रूप से सरकार द्वारा शुरू की गई स्वास्थ्य प्रणालियों के सुधारों के संदर्भ में उपलब्ध रणनीतिक विकल्पों ब्‍यौरा प्रस्‍तुत करती है।


मेडिकल डिवाइस पार्क

  • सरकार ने चार मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापित करने की योजना को मंज़ूरी दी है। इन पार्क की स्थापना से देश में विश्वस्तरीय मेडिकल उपकरणों का उत्पादन किया जा सकेगा। इन्हें घरेलू बाज़ार में उचित कीमत पर उपलब्ध कराया जाएगा।
  • अनुमति हासिल करने वाले पार्को में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में स्थापित होने वाला एक-एक पार्क शामिल है, जबकि उत्तराखंड और गुजरात ने भी इस तरह के पार्क स्थापित करने के लिये केंद्र सरकार से संपर्क किया था।
  • एक अनुमान के मुताबिक इस समय देश के रिटेल मार्केट में मेडिकल डिवाइस का कारोबार करीब 70 हजार करोड़ रुपए का है।
  • इन उपकरणों के मामले में भारत एशिया का चौथा सबसे बड़ा बाज़ार है। इसके बावजूद भारतीय मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री बहुत छोटी है।
  • इस क्षेत्र में भारत अपनी ज़रूरत के लिये आयात पर निर्भर है। मेडिकल डिवाइस पार्कों के निर्माण के बाद इस स्थिति सुधार आएगा तथा इससे 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा मिलेगा।
  • इन पार्कों में इलाज में काम आने वाले उपकरण बनाने के लिये कंपनियों को सभी ढाँचागत सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे इन महंगे उपकरणों के आयात पर आने वाले खर्च में कमी आएगी, साथ ही उत्पादन लागत घटने से ये उपकरण कम दाम पर उपलब्ध होंगे।
  • गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश के मेडटेक जोन में सुपरकंडक्टिंग मैग्नेटिक कॉयल टेस्टिंग के लिये CFC की स्थापना को मंज़ूरी दी है।

गोटाबाया राजपक्षे

  • श्रीलंका के पूर्व रक्षामंत्री एवं श्रीलंका पीपुल्स फ्रंट के उम्मीदवार गोटाबाया राजपक्षे देश के अगले राष्ट्रपति होंगे। श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिये शनिवार को मतदान हुआ था।
  • गोटाबाया राजपक्षे श्रीलंका के आठवें राष्ट्रपति चुने गए हैं। वह मैत्रीपाल सिरिसेना का स्थान लेंगे। उनके साथ मुकाबले में मुख्य प्रतिद्वंद्वी यूनाइटेड नेशनल पार्टी के सजित प्रेमदासा थे।
  • गोटाबाया को 52.25% प्रतिशत वोट मिले, जबकि प्रेमदासा 41.99% वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे ।
  • गोटबाया की जीत का असर भारत पर भी पड़ सकता है, क्योंकि गोटबाया, राजपक्षे परिवार से हैं, जिसका झुकाव चीन की ओर रहा है।

श्रीलंका का क्षेत्रफल 65 हज़ार वर्ग किलोमीटर और आबादी लगभग 2.2 करोड़ है। सबसे अधिक लगभग 70% आबादी सिंहली बौद्धों की है, 12.6% लोग तमिल हिंदू हैं, 10% ईसाई और 8% आबादी मुसलमानों की है।


देश का पहला प्लास्टिक पार्क

  • ओडिशा सरकार ने दावा किया है कि देश में पहला पूरी तरह से परिचालन के लिये तैयार प्लास्टिक पार्क लगभग तैयार हो गया है, लेकिन निवेशकों को इसमें अपनी इकाइयाँ स्थापित करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
  • उद्यमियों में जागरूकता की कमी (Lack of Entrepreneur Awareness) राज्य सरकार की इस धारणा को गलत साबित कर रही है कि विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये गैर-वित्तीय प्रोत्साहन संभावित निवेशकों के लिये अधिक फायदेमंद है, बजाय कर छूट वित्तीय प्रोत्साहन देने के।
  • ओडिशा सरकार से मिली जानकारी के अनुसार, भारत का घरेलू उत्पादन प्लास्टिक की मांग का केवल 50 प्रतिशत है, जो निर्माण और बुनियादी ढाँचे के उद्योग के साथ बढ़ रहा है।
  • ओडिशा के इस प्लास्टिक पार्क के लिये रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने अवसंरचना विकास के लिये 40 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं।
  • इंडियन ऑयल और राज्य सरकार के नियंत्रण वाली कंपनी ओडिशा इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कार्पोरेशन (IIDCO) ने संयुक्त उपक्रम के रूप में इस प्लास्टिक पार्क को विकसित किया है।
  • हालाँकि इस पार्क में अब तक 80 इकाइयों की तुलना में केवल 9 इकाइयों को भूखंड आवंटित किये गए हैं, जो बुने हुए बोरों, प्लास्टिक पाइपों और इंजेक्शन बनाने वाले उपकरणों, फिल्मों, पाउच और उपभोक्ता प्लास्टिक उत्पादों का निर्माण कर सकते हैं। आठ इकाइयों के पास लीज़ पर उपलब्ध भूमि का केवल 30 प्रतिशत है।
  • ओडिशा के इस प्लास्टिक पार्क में प्रशासनिक ब्लॉक, परीक्षण प्रयोगशाला, कौशल विकास केंद्र, बैंकों के लिये जगह, क्लीनिक, पानी और बिजली के साथ-साथ सभी वैधानिक अनुमोदन, जैसे- पर्यावरणीय मंज़ूरी और स्थापना के लिये सहमति के अलावा श्रमिकों के रहने के लिये स्थान (Dormitory), वरिष्ठ अधिकारियों के लिये आवास, भंडारण सुविधाएँ आदि उपलब्ध कराई गई हैं।

वर्तमान समय में भारत में लगभग 12 मिलियन टन प्रति वर्ष की प्लास्टिक की खपत है, जिसमें से लगभग 6 मिलियन टन का उत्पादन घरेलू स्तर पर किया जाता है और शेष का आयात किया जाता है। प्लास्टिक आयात को कम करने के लिये रसायन और उर्वरक विभाग ने असम के तिनसुकिया, मध्य प्रदेश के रायसेन, ओडिशा के जगतसिंहपुर और तमिलनाडु के तिरुवल्लूर में चार प्लास्टिक पार्क स्थापित करने की योजना बनाई थी। इन पार्कों में प्लास्टिक क्षेत्र की इकाइयाँ स्थापित होने से प्रत्यक्ष रोज़गार के साथ छोटे उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।

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