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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (13 May)

  • 13 May 2019
  • 10 min read
  • चार दिन की वियतनाम यात्रा पर गए भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने बुद्ध वैश्विक नेतृत्व से आह्वान किया कि शांति, साहचर्य, स्थिर विकास और परस्पर समन्वय वाली विश्व व्यवस्था के लिये बुद्ध के बताए मार्ग का अनुसरण करना होगा। 12 मई को वेंकैया नायडू 16वें संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस के अवसर पर वियतनाम के विश्व प्रसिद्ध तामचुक पगोड़ा में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस समारोह में वियतनाम बौद्ध संघ के प्रमुख और वेसाक समारोह 2019 संयुक्त राष्ट्र दिवस के अध्यक्ष डॉ. थिक थिएन न्हून, म्यांमार के राष्ट्रपति विन म्यिंट, नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली, वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक सहित दुनियाभर से बड़ी संख्या में बौद्ध धर्मावलंबी और अनेक देशों के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए। वेसक एक उत्सव है जो विश्वभर के बौद्धों द्वारा मनाया जाता है। यह उत्सव बुद्ध पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो विभिन्न देशों के पंचांग के अनुसार अलग-अलग दिन पड़ता है। भारत में इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा 18 मई को मनाई जानी है। इसके अलावा भारत और वियतनाम रक्षा, सुरक्षा, परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग और बाहरी अंतरिक्ष, तेल एवं गैस तथा नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्रों में अपने संबंध और भी मज़बूत करने के लिये सहमत हुए।
  • भारत के चुनाव आयोग ने 17वीं लोकसभा के चल रहे आम चुनावों का अवलोकन करने के लिये 65 से अधिक प्रतिनिधियों को नई दिल्ली आमंत्रित किया। इनमें 20 देशों- ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, बोस्निया और हर्ज़ेगोविना, फिजी, जॉर्जिया, केन्या, दक्षिण कोरिया, किर्गिस्तान, मलेशिया, मेक्सिको, म्यांमार, रोमानिया, रूस, श्रीलंका, सूरीनाम, संयुक्त अरब अमीरात, उज्बेकिस्तान और ज़िम्बाब्वे तथा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस (IEDEA) के चुनाव प्रबंधन निकायों (EMB) के प्रमुख और प्रतिनिधि नई दिल्ली आए। चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने विदेशी प्रतिनिधियों को भारत के चुनाव आयोग की भूमिका और ज़िम्मेदारियों से अवगत कराने और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनावों की योजना बनाने और उन्हें प्रबंधित करने की राह में आने वाली विभिन्न चुनौतियों को लेकर प्रस्तुति दी। इस अवसर पर चुनाव आयोग द्वारा अपनी त्रैमासिक पत्रिका 'माई वोट मैटर्स' के दूसरे अंक का विमोचन भी किया गया। इस पत्रिका का प्रथम अंक मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर 25 जनवरी को भेंट किया था।
  • अमेरिका के बोइंग उत्पादन केंद्र में 10 मई को प्रथम AH-64E(I)-अपाचे गार्जियन हेलीकॉप्टर औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना को सौंप दिया गया। ज्ञातव्य है कि भारतीय वायुसेना ने सितंबर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों के लिये एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये थे। इन हेलीकॉप्टरों के पहले जत्थे को इस वर्ष जुलाई तक भारत भेजने की योजना है। इस हेलीकॉप्टर का भारतीय वायुसेना के हेलीकाप्टर बेड़े में शामिल हो जाना भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना की भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया गया है, खासतौर पर पहाड़ी इलाकों में इसकी क्षमता महत्त्वपूर्ण होगी। इस हेलीकॉप्टर में सीमाओं पर सटीक हमले करने और ज़मीन से होने वाले खतरों के साथ-साथ हवाई क्षेत्र में शत्रुतापूर्ण कार्यवाही से निपटने की अपार क्षमता है। इन हेलिकॉप्टरों के माध्यम से युद्ध की तस्वीर प्राप्त करने और भेजने के साथ-साथ डेटा नेटवर्किंग के माध्यम से हथियार प्रणालियों को संचालित भी किया जा सकता है। भारतीय वायुसेना और थल सेना के चयनित कर्मियों ने अलबामा में अमेरिकी सेना के बेस फोर्ट रकर में इसका प्रशिक्षण लिया है। प्रशिक्षण प्राप्त ये कर्मी भारतीय वायुसेना में अपाचे बेड़े का संचालन करेंगे।
  • आयरलैंड की संसद ने देश में जलवायु आपातकाल घोषित कर दिया है। ब्रिटेन के बाद ऐसा कदम उठाने वाला वह विश्व का दूसरा देश बन गया है। आयरलैंड ने संसदीय रिपोर्ट में एक संशोधन करके जलवायु आपातकाल घोषित किया। साथ ही आयरिश सरकार से आह्वान किया गया कि वह किस तरह से जाँच कर जैवविविधता को होने वाले नुकसान के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया में सुधार कर सकती है। यह संशोधन बिना मतदान के स्वीकार कर लिया गया। ज्ञातव्य है कि ब्रिटेन ने यह कदम लंदन में हुए आंदोलन के बाद उठाया था। यह आंदोलन एक्सटिंशन रिबेलियन एन्वायरनमेंटल कैम्पेन समूह ने चलाया था। इस समूह का लक्ष्य वर्ष 2025 तक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन की सीमा शून्य पर लाने और जैवविविधता के नुकसान को समाप्त करना है।
  • चाइनीज अकेडमी ऑफ साइंसेज़ के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला है कि मनुष्यों द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण का असर समुद्र की गहराई में अनुमान से कहीं अधिक तेज़ी से पहुँच रहा है। इन वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की सबसे गहरी समुद्री गर्त मानी जाने वाली मारियाना ट्रेंच के जीवों में रेडियोएक्टिव कार्बन (कार्बन-14) की मौजूदगी पाई है। पश्चिमी प्रशांत महासागर में मारियाना द्वीपसमूह से 200 किलोमीटर पूर्व में स्थित इस मारियाना ट्रेंच की गहराई करीब 11 किलोमीटर है। यह रेडियोएक्टिव कार्बन पिछली सदी में किये गए परमाणु परीक्षणों के कारण वातावरण में फैला था। वैज्ञानिकों के अनुसार समुद्र की सतह पर रहने वाले जीव वातावरण में होने वाले प्रदूषण से सीधे प्रभावित होते हैं। मरने के बाद ये जीव समुद्र तल तक पहुँच जाते हैं। वहाँ समुद्री गर्त में रहने वाले जीवों के लिये यही मृत जीव भोजन होते हैं। इसी खाद्य श्रृंखला के जरिये वातावरण का प्रदूषण उम्मीद से कहीं ज्यादा जल्दी समुद्री गर्त तक पहुँच जाता है। कार्बन-14 एक रेडियोएक्टिव कार्बन है तथा वातावरण में मौजूद नाइट्रोजन से आकाशीय किरणों का संपर्क होने से प्राकृतिक तौर पर इसका निर्माण होता है। प्रकृति में सामान्य कार्बन की तुलना में इसकी उपस्थिति बेहद कम है। हालाँकि लगभग हर जैविक तत्त्व में इसका अंश होता है। विभिन्न पुरातत्त्व व भूवैज्ञानिक सर्वेक्षणों के दौरान वैज्ञानिक इसी कार्बन की मदद से उनके काल का पता लगाते हैं।
  • वित्तीय संकट में फँसी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RComm) के ऋणदाताओं ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLAT) से नए निपटान पेशेवर की नियुक्ति करने और ऋणदाताओं की समिति (COC) गठित करने की अपील की है। यह अनिल अंबानी समूह की कंपनी के लिये दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की दिशा में पहला कदम है। इस कंपनी पर भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले 31 बैंकों के गठजोड़ का 50 हज़ार करोड़ रुपए बकाया है। RComm को करीब दो साल पहले अपना परिचालन बंद करना पड़ा था। कंपनी ने रिलायंस जियो को स्पेक्ट्रम बेचकर दिवाला प्रक्रिया से बचने का प्रयास किया, लेकिन लंबी कानूनी प्रक्रिया तथा सरकार की ओर से मंजूरियों में देरी से इसमें बाधा आई। इसके अलावा कंपनी सार्वजनिक रूप से रियल एस्टेट और स्पेक्ट्रम संपत्तियों के मौद्रीकरण के ज़रिये बैंकों का पैसा लौटाने के सार्वजनिक तौर पर किये गए वादे को भी पूरा नहीं कर पाई।
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