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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (19 July)

  • 19 Jul 2019
  • 7 min read
  • केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल एक महीना और बढ़ाकर 30 नवंबर तक करने का फैसला किया है। इसके साथ ही वित्त आयोग की सिफारिशों का दायरा बढ़ाकर इसमें रक्षा और आंतरिक सुरक्षा के लिये कोष को भी शामिल किया गया है। आयोग को इस साल 30 अक्तूबर तक अपनी रिपोर्ट देनी थी। इसे अन्य मुद्दों के अलावा 1 अप्रैल, 2020 से पाँच साल के लिये केंद्र द्वारा राज्यों को कोष के बँटवारे का फॉर्मूला सुझाना है। सरकार ने 27 नवंबर, 2017 को एन.के. सिंह की अध्यक्षता वाले 15वें वित्त आयोग को अधिसूचित किया था। आपको बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 280 में वित्त आयोग के गठन का प्रावधान किया गया है और प्रथम वित्त आयोग का गठन के.सी. नियोगी की अध्यक्षता में 1951 में किया गया था। राज्य वित्त आयोगों का गठन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243(1) के तहत किया जाता है।
  • डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिये देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ने इन पर लगने वाले सभी शुल्कों को हटाने का फैसला किया है। अब इंटरनेट या मोबाइल पर NEFT और RTGS से लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। बैंक ने यह कदम भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन शुल्कों को खत्म करने के बाद उठाया है। इसके अलावा बैंक ने तत्काल भुगतान सेवा IMPS (Immediate Payment Service) से लेनदेन करने पर भी शुल्क हटाने का निर्णय किया है। ज्ञातव्य है कि बड़ी राशि के लेनदेन के लिये RTGS (Real Time Gross Settlement) और दो लाख रुपए तक के लेनदेन के लिये NEFT (National Electric Funds Transfer) प्रणाली का उपयोग किया जाता है। अभी तक बैंक NEFT पर एक से पाँच रुपए और RTGS पर पाँच से 50 रुपए तक का शुल्क लेता रहा है। बैंक ने शाखा पर जाकर NEFT और RTGS का उपयोग करने वाले ग्राहकों से लिये जाने वाले शुल्क में 20 प्रतिशत की कटौती की है। गौरतलब है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने बीते दिनों डिजिटल लेन-देन को मज़बूत बनाने के इरादे से धन अंतरण (लेनदेन) के लिये बैंकों पर लगने वाले शुल्क समाप्त करने की घोषणा की थी और बैंकों को इसका लाभ ग्राहकों को देने को कहा था।
  • भारत और इटली ने एक-दूसरे के यहाँ अपनी कंपनियों और निवेशकों को आगे बढ़ाने के लिये फास्‍ट ट्रैक प्रणाली बनाने का फैसला किया है। उद्योग और आंतरिक व्‍यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) इन्‍वेस्‍ट इंडिया के साथ सहयोग करके भारत में इस प्रणाली के भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्‍व करेगा। DPIIT अन्‍य महत्त्वपूर्ण मंत्रालयों और प्राधिकारों की भागीदारी बढ़ाएगा तथा इन्‍वेस्‍ट इंडिया अलग-अलग मामलों को जारी रखने और उनकी निगरानी के लिये ज़िम्‍मेदार एजेंसी होगी। DPIIT द्वारा इसकी लगातार समीक्षा की जाएगी। फास्‍ट ट्रैक प्रणाली का मुख्‍य उद्देश्‍य भारत में इतालवी कंपनियों और निवेशकों के सामने उनके कार्य में आने वाली समस्‍याओं की पहचान कर उनके समाधान का मार्ग प्रशस्‍त करना है। यह प्रणाली भारत में कारोबार में सुगमता के संबंध में इतालवी कंपनियों और निवेशकों के नज़रिये से मिलने वाले सामान्‍य सुझावों पर विचार-विमर्श के लिये एक मंच के रूप में काम करेगी। भारत में इटली का दूतावास इतालवी व्‍यापार एजेंसी और इटली में महत्त्वपूर्ण मंत्रालयों के सहयोग से भारत में इस प्रणाली के भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्‍व करेगा। दोनों पक्षों द्वारा इस फास्‍ट ट्रैक प्रणाली की वर्ष में दो बार समीक्षा की जाएगी।
  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अनुसुइया उइके को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया है। कुछ समय से मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के पास छत्तीसगढ़ के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार था। इसके साथ विश्वभूषण हरिचंदन को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। उन्होंने ई.एस.एल. नरसिम्हन का स्थान लिया है जो 10 वर्ष से प्रदेश के राज्यपाल थे। इससे पहले राष्ट्रपति ने कलराज मिश्र को हिमाचल प्रदेश का नया राज्यपाल नियुक्त किया, जबकि वहाँ के राज्यपाल आचार्य देबब्रत को गुजरात का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। विदित हो कि कलराज मिश्र को वर्ष 2014 से 2019 के पहले कार्यकाल में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया था। हालाँकि, उन्होंने 75 वर्ष की उम्र पार करने पर वर्ष 2017 में ही मंत्री पद छोड़ दिया था। विदित हो कि राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 155 के तहत राज्यपालों की नियुक्ति केंद्र सरकार की सलाह से की जाती है, लेकिन राज्य में राज्यपाल केंद्र के अधीनस्थ नहीं है, यह एक स्वतंत्र संवैधानिक पद है।
  • पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के ननकाना साहिब में सिख धर्म के संस्थापक बाबा गुरु नानक देव के नाम पर एक अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। इसे बनाने के लिये लगभग एक दशक पहले प्रस्ताव आया था और हाल ही में इसका शिलान्यास किया गया। यह विश्वविद्यालय 10 एकड़ क्षेत्र में बनेगा और इस पर लगभग 258 करोड़ रुपए का खर्च आएगा, लेकिन इसका निर्माण पूरा होने के लिये कोई अनुमानित समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है। गौरतलब है कि गुरु नानक देव जी का जन्म ननकाना साहिब में हुआ था और पहली बार उन्होंने यहीं पर उपदेश देना शुरू किया था। लाहौर से लगभग 80 किमी. दूर स्थित ननकाना साहिब सिखों के लिये उच्च ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व का शहर है।
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