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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 27 मई, 2020

  • 27 May 2020
  • 7 min read

मेजर सुमन गवनी

भारतीय सेना की अधिकारी मेजर सुमन गवनी को प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र सैन्य जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड-2019 (United Nations Military Gender Advocate of the Year Award-2019) के लिये चुना गया है। उल्लेखनीय है कि यह पहली बार है जब किसी भारतीय को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। मेजर सुमन गवनी संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत दक्षिण सूडान में तैनात थीं और उन्होंने हाल ही में अपना मिशन पूरा किया था। मेजर सुमन गवनी के अतिरिक्त ब्राज़ील सेना की एक कमांडर ‘कर्ला मोंटेइरो डे कास्त्रो अराउजो’ (Carla Monteiro de Castro Araujo) को भी ‘संयुक्त राष्ट्र सैन्य जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड-2019’ से सम्मानित किया जाएगा। इस संबंध में घोषणा करते हुए संयुक्त राष्ट्र (United Nations-UN) के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) ने दोनों ही महिलाओं को ‘प्रभावशाली आदर्श’ की संज्ञा दी। यह लगातार दूसरा अवसर है जब ब्राज़ील के शांतिदूत को यह सम्मान मिला है। ब्राज़ील की सेना की कमांडर ‘कर्ला मोंटेइरो डे कास्त्रो अराउजो’ वर्तमान में सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में कार्य कर रही हैं। मेजर सुमन गवानी वर्ष 2011 में भारतीय सेना में शामिल हुईं थीं, जहाँ उन्होंने ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (Officers Training Academy) से स्नातक किया और फिर सेना सिग्नल कोर (Army Signal Corps) में शामिल हो गईं। ‘संयुक्त राष्ट्र सैन्य जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड’ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1325 में उल्लेखित सिद्धांतों को बढ़ावा देने में एक व्यक्तिगत शांतिदूत के समर्पण और प्रयास को मान्यता देता है। यह पुरस्कार सर्प्रथम वर्ष 2016 में प्रदान किया गया था।

सनराइज़ फूड्स का अधिग्रहण

भारतीय बहु-उद्योग कंपनी ITC ने सनराइज़ फूड्स प्राइवेट लिमिटेड की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने पर सहमति व्यक्त की है। इस प्रस्तावित अधिग्रहण को FMCG व्यवसाय को तेज़ी से बढ़ाने की ITC की रणनीति का हिस्सा माना जा सकता है। विदित हो कि सनराइज़ फूड्स प्राइवेट लिमिटेड पश्चिम बंगाल में संगठित मसाला उद्योग की एक महत्त्वपूर्ण इकाई है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान इसका राजस्व 25.5 प्रतिशत बढ़कर 502 करोड़ रुपए हो गया था। इस संबंध में ITC द्वारा की गई  घोषणा के अनुसार, अधिग्रहण का यह निर्णय वर्ष 2030 तक अपने FMCG कारोबार से राजस्व में 1 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। ITC भारत की अग्रणी निजी क्षेत्र की कंपनियों में से एक है, जिसका बाज़ार पूंजीकरण (Market Capitalisation) लगभग 50 बिलियन डॉलर और सकल बिक्री मूल्य (Gross Sales Value) 10.8 बिलियन डॉलर है। ITC की स्थापना वर्ष 1910 में की गई थी और इसका मुख्यालय पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में स्थित है।

रामकिंकर बैज

हाल ही में संस्कृति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (National Gallery of Modern Art-NMGA) द्वारा रामकिंकर बैज की 115वीं जयंती के अवसर पर वर्चुअल टूर (Virtual Tour) का आयोजन किया गया। आधुनिक भारत के सबसे मौलिक कलाकारों में से एक रामकिंकर बैज एक प्रतिष्ठित मूर्तिकार और चित्रकार थे। रामकिंकर बैज का जन्म पश्चिम बंगाल के बांकुरा ज़िले में हुआ था, वे ऐसे परिवार से संबंधित थे जिनकी आर्थिक और आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति काफी कमज़ोर थी, किंतु वे अपनी प्रतिभा के बल पर पर भारतीय कला के सबसे प्रतिष्ठित प्रारंभिक आधुनिकतावादियों में स्‍वयं को शुमार करने में सफल रहे। वर्ष 1925 में उन्होंने शांतिनिकेतन स्थित कला विद्यालय यानी कला भवन में प्रवेश लिया और नंदलाल बोस के मार्गदर्शन में कला से संबंधित अनेक बारीकियां सीखीं। कला भवन से अपनी पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद ही वे संकाय के एक सदस्य बन गए और फि‍र उन्‍होंने नंदलाल बोस और बिनोद बिहारी मुखर्जी के साथ मिलकर शांतिनिकेतन को आज़ादी-पूर्व भारत में आधुनिक कला के सबसे महत्त्वपूर्ण केंद्रों में से एक बनाने में अग्रणी भूमिका अदा की। वर्ष 1970 में भारत सरकार ने उन्हें भारतीय कला में उनके अमूल्‍य योगदान के लिये पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था। तमाम उपलब्धियों और प्रसिद्धियों के बाद  2 अगस्त, 1980 को रामकिंकर बैज का निधन हो गया।

लाख की खेती को कृषि का दर्जा

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में लाख की खेती (Lac Farming) को कृषि गतिविधि घोषित करने के वन विभाग के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अनुसार, इस प्रकार का निर्णय राज्य के किसानों के लिये काफी लाभदायक साबित होगा। विदित हो कि राज्य में लाख की खेती को कृषि का दर्जा मिलने के बाद, लाख उत्पादन से जुड़े किसान भी अन्य किसानों की तरह सहकारी समितियों के माध्यम से आसान ऋण प्राप्त कर सकेंगे। छत्तीसगढ़, भारत में लाख के प्रमुख उत्पादक राज्यों में से एक है। छत्तीसगढ़ में लाख की खेती की अपार संभावनाएँ हैं और यहाँ के किसान कुसुम, पलाश तथा बेर के पेड़ों में परंपरागत तरीके से लाख की खेती करते आ रहे हैं, किंतु व्यवस्थित और आधुनिक तरीके के अभाव में किसानों को उतना लाभ मिल पाता है।

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