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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17 जुलाई, 2020

  • 17 Jul 2020
  • 9 min read

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का 92वाँ स्थापना दिवस

16 जुलाई, 2020 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research-ICAR) ने अपना 92वाँ स्थापना दिवस मनाया, इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि वैज्ञानिकों की सराहना की, जिनकी बदौलत ICAR ने बीते 9 दशकों के दौरान देश में कृषि के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है। गौरतलब है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री) के तहत एक स्वायत्तशासी संस्था है, जिसकी स्थापना 16 जुलाई, 1929 में रॉयल कमीशन की कृषि पर रिपोर्ट का अनुसरण करते हुए की गई थी। स्थापना के समय इस संस्था का नाम इंपीरियल काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (Imperial Council of Agricultural Research) था, जिसे बाद में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के रूप में परिवर्तित कर दिया गया। यह परिषद देश भर में बागवानी, मत्स्य पालन एवं पशु विज्ञान समेत कृषि में अनुसंधान एवं शिक्षा के समन्वय, मार्गदर्शन और प्रबंधन हेतु एक सर्वोच्च निकाय के रूप में कार्य करता है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। देश भर के 102 ICAR संस्थान व राज्यों के 71 कृषि विश्वविद्यालयों के साथ यह संस्थान विश्व में सबसे बड़ी राष्ट्रीय कृषि प्रणालियों में से एक है। ICAR ने हरित क्रांति को बढ़ावा देने और इस क्रम में शोध एवं तकनीक विकास के माध्यम से भारत में कृषि के विकास में अहम भूमिका निभाई है। राष्ट्र की खाद्य और पोषण सुरक्षा पर इसका प्रभाव स्पष्ट दिखाई दे देता है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने कृषि में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा को प्रोत्साहन देने में प्रमुख भूमिका अदा की है। ध्यातव्य है कि भारतीय कृषि एवं अनुसंधान परिषद (ICAR) प्रत्येक वर्ष संस्थानों, वैज्ञानिकों, शिक्षकों और कृषि पत्रकारों को मान्यता और पुरस्कार भी प्रदान करता है।

बिहार विधानसभा चुनाव में डाक मतपत्र

हाल ही में चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में 65 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के लिये पोस्टल बैलेट की सुविधा लागू नहीं की जाएगी। चुनाव आयोग ने बिहार में होने वाले आम चुनावों और निकट भविष्य में होने वाले उप-चुनावों में 65 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के लिये डाक मतपत्र (Postal Ballot) की सुविधा बढ़ाने के लिये अधिसूचना को जारी नहीं करने का निर्णय लिया है। हालाँकि, 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं, दिव्यांग मतदाताओं, आवश्यक सेवाओं में लगे हुए मतदाताओं और COVID-19 से संक्रमित मतदाताओं, क्वारंटाइन (घर/संस्थागत) मतदाताओं को वैकल्पिक डाक मतपत्र की सुविधा प्रदान की जाएगी। गौरतलब है कि इससे पूर्व मौजूदा COVID-19 की असाधारण स्थिति को ध्यान में रखते हुए, चुनाव आयोग ने मतदान केंद्रों पर 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के मतदाताओं की संवेदनशीलता और उपस्थिति को कम करने और COVID-19 से संक्रमित मतदाताओं और क्वारंटाइन के अंतर्गत आने वाले मतदाताओं के लिये वैकल्पिक डाक मतपत्र की सुविधाओं का विस्तार करने की सिफारिश की थी, ताकि वे अपने मताधिकार से वंचित न हो सकें। हालाँकि अब आयोग ने संसाधनों की कमी के मद्देनज़र बिहार में 65 और उससे अधिक आयु के लोगों को डाक मतपत्र की सुविधा उपलब्ध कराने से संबंधित अधिसूचना जारी न करने का निर्णय लिया है। ध्यातव्य है कि बिहार में चुनाव आयोग ने प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या को 1000 तक सीमित करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के पश्चात् राज्य द्वारा लगभग 34,000 अतिरिक्त मतदान केंद्रों (45 प्रतिशत से अधिक) का निर्माण किया जा रहा है, जिससे मतदान केंद्रों की कुल संख्या बढ़कर लगभग 1,06,000 हो जाएगी। इससे बिहार में अधिक संख्या में वाहनों की आवश्यकता के साथ-साथ 1.8 लाख अधिक मतदानकर्मियों और अन्य अतिरिक्त संसाधनों को जुटाने की गंभीर चुनौतियाँ उत्पन्न हो गई हैं। 

अत्याधुनिक फुटवियर प्रशिक्षण केंद्र 

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने चमड़ा कारीगरों को प्रशिक्षित करने के लिये दिल्ली में अपनी तरह के पहले फुटवियर प्रशिक्षण केंद्र (Footwear Training Center) का आज उद्घाटन किया है। दिल्ली स्थित इस फुटवियर प्रशिक्षण केंद्र में उच्च गुणवत्ता वाले फुटवियर बनाने के लिये चमड़ा कारीगरों को 2 माह का एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम मुहैया कराएगा। गौरतलब है कि यह प्रशिक्षण केंद्र प्रशिक्षित कारीगरों को सफलतापूर्वक दो माह की ट्रेनिंग पूरी करने के पश्चात् अपना स्वयं का जूता बनाने का व्यवसाय शुरू करने में भी मदद करेगा। प्रशिक्षण के दौरान कारीगरों को भविष्य में अपने कार्य को पूरा करने के लिये 5000 रुपए की एक टूल किट भी प्रदान की जाएगा। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के अध्यक्ष वी.के. सक्सेना ने केंद्र का उद्घाटन करते हुए चमड़े के कारीगरों को ‘चर्म चिकित्सक’ अर्थात् चमड़े के डॉक्टर के रूप में संबोधित किया। ध्यातव्य है कि अब फुटवियर, फैशन का एक अभिन्न अंग बन गया है और जूता बनाना अब एक सिर्फ एक कार्य नहीं रह गया है।

‘कोरोश्योर’ (Corosure)

हाल ही में केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- दिल्ली (IIT-D) द्वारा विकसित कम लागत वाली COVID-19 परीक्षण किट लॉन्च की है। शोधकर्त्ताओं द्वारा किये गए दावे के अनुसार, ‘कोरोश्योर’ (Corosure) नाम की यह COVID-19 परीक्षण किट विश्व की सबसे सस्ती कोरोना डायग्नोस्टिक किट है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- दिल्ली (IIT-D) द्वारा विकसित इस परीक्षण किट का बेस प्राइस 399 रुपए है, जबकि अन्य लागतों को जोड़ने पर भी इसकी कीमत 650 रुपए से अधिक नहीं होगी। इस आधार पर यह किट बाज़ार में मौजूद सभी किटों की अपेक्षा सबसे सस्ती है। IIT-दिल्ली की यह COVID-19 परीक्षण किट मात्र 3 घंटे के अंदर परिणाम देने में सक्षम है। यह परीक्षण किट देश भर की सभी अधिकृत टेस्टिंग लैब्स में प्रयोग के लिये उपलब्ध होगी, उल्लेखनीय है कि इस किट को पूरी तरह से भारत में बनाया गया है। देश भर में कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी का प्रकोप तेज़ी से बढ़ता जा रहा है, ऐसे में वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिये सस्ते और विश्वसनीय परीक्षण की काफी अधिक आवश्यकता है।

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