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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 06 फरवरी, 2020

  • 06 Feb 2020
  • 6 min read

जयपुर को विश्व धरोहर स्थल का प्रमाणपत्र

हाल ही में यूनेस्‍को (UNESCO) की महानिदेशक ऑड्रे अज़ाउले ने ऐतिहासिक एलबर्ट हॉल में आयोजित एक समारोह में राजस्थान के शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल को जयपुर के लिये 'विश्व धरोहर स्थल' का प्रमाणपत्र प्रदान किया। ज्ञात हो कि अपनी प्रतिष्ठित स्थापत्य विरासत और जीवंत संस्कृति के लिये प्रसिद्ध जयपुर को बीते वर्ष (2019) जुलाई में विश्‍व धरोहर स्‍थल घोषित किया गया था। सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक महत्त्व के स्थलों को विश्व धरोहर या विरासत कहा जाता है। ये स्थल ऐतिहासिक और पर्यावरण के लिहाज़ से भी काफी महत्त्वपूर्ण होते हैं। इनके अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व को देखते हुए इनके सरंक्षण हेतु विशेष प्रयास किये जाते हैं। संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्‍को ऐसे स्थलों को आधिकारिक तौर पर विश्व धरोहर स्थल की मान्यता प्रदान करती है। जुलाई 2019 में जयपुर को एक सांस्कृतिक स्थल के रूप में शामिल करने के साथ ही यूनेस्को के विश्‍व धरोहर स्थलों में भारत के स्थलों की कुल संख्या 38 हो गई थी। इसमें 30 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक तथा 1 मिश्रित स्थल हैं। जयपुर को वर्ष 1727 में सवाई जय सिंह द्वितीय के संरक्षण में स्थापित किया गया था। वर्तमान में यह राजस्थान की राजधानी है।

राष्ट्रीय बागवानी मेला-2020

बंगलुरू स्थित भारतीय बागवानी अनुसंधान परिषद द्वारा 5 फरवरी से 8 फरवरी, 2020 तक राष्ट्रीय बागवानी मेला-2020 का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले का उद्देश्य प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन तथा अन्य प्रदर्शनियों के माध्यम से बागवानी के नवाचारों के संदर्भ में जानकारी का आदान-प्रदान करना है। साथ ही इस मेले का उद्देश्य किसानों से परिचर्चा के लिये बागवानी क्षेत्र के विभिन्न सेवादाताओं जैसे- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विभिन्न संस्थान, राज्य कृषि विश्वविद्यालय, विकास विभाग, निजी उद्योग, वित्तीय संस्थाएं, गैर-सरकारी संगठन, कृषक उत्पादक संगठन और बाज़ार पदाधिकारियों को एक मंच पर लाना भी है। वर्ष 2020 का यह मेला ‘बागवानी : कृषि को उद्यम बनाती हुई’ थीम पर आधारित है। भारतीय बागवानी अनुसंधान परिषद (बंगलूरू) की स्थापना वर्ष 1967 में की गई थी। वर्तमान में यहाँ 54 प्रकार की बागवानी फसलों पर कार्य किया जा रहा है, जिसमें 13 फल, 26 सब्जियां, 10 पुष्प और 5 औषधीय फसलें शामिल हैं।

किर्क डगलस

हॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता किर्क डगलस (Kirk Douglas) का 103 वर्ष की उम्र में कैलीफोर्निया में निधन हो गया। किर्क डगलस की प्रसिद्धि का अंदाज़ा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि उन्होंने वर्ष 1940 से वर्ष 2000 के मध्य 6 दशक तक 90 से अधिक फिल्मों में काम किया था। किर्क डगलस को मुख्य रूप से ‘स्पार्टाक्स’ (Spartacus) नामक फिल्म में उनकी यादगार भूमिका के लिये जाना जाता है। डगलस का जन्म वर्ष 1916 में न्यूयार्क में हुआ था। डगलस ने हॉलिवुड के स्वर्ण युग में ख्याति प्राप्त की और 4 ऑस्कर पुरस्कार भी जीते।

अंतर्राष्ट्रीय गांधी पुरस्‍कार

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 6 फरवरी 2020 को कुष्‍ठ रोग के खिलाफ किये गए प्रयासों के लिये डॉ एन.एस धर्मशक्‍तु को व्‍यक्तिगत श्रेणी तथा कुष्‍ठ रोग मिशन ट्रस्‍ट को संस्‍थागत श्रेणी में अंतर्राष्ट्रीय गांधी पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया है। कुष्ठ रोग दीर्घकालिक संक्रामक रोग है, जो मुख्यतः माइकोबैक्टेरियम लेप्री (Mycobacterium leprae) के कारण होता है। संक्रमण के बाद औसतन पाँच साल की लंबी अवधि के पश्चात् रोग के लक्षण दिखाई देते हैं, क्योंकि माइकोबैक्टेरियम लेप्री धीरे-धीरे बढ़ता है। यह मुख्यत: मानव त्वचा, ऊपरी श्वसन पथ की श्लेष्मिका, परिधीय तंत्रिकाओं, आँखों और शरीर के कुछ अन्य हिस्सों को प्रभावित करता है। यह पुरस्कार महात्मा गांधी द्वारा कुष्ठ रोग से लड़ने में किये गए योगदान को देखते हुए उनके नाम पर दिया जाता है।

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