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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

क्वांटम एंटैंगलमेंट

  • 23 May 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

क्वांटम एंटैंगलमेंट

मेन्स के लिये:

एंटैंगलमेंट की अवस्था से संबंधित मुद्दे  

चर्चा में क्यों?

‘सत्येंद्र नाथ बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंस’ (Satyendra Nath Bose National Centre for Basic Sciences) के शोधकर्त्ताओं ने ‘क्या इलेक्ट्रॉनों का एक युग्म एंटैंगलमेंट अवस्था में है’ का पता लगाने हेतु एक प्रोटोकॉल विकसित किया है। एंटैंगलमेंट अवस्था क्वांटम सूचना प्रसंस्करण के कार्यों में मददगार साबित हो सकती है।

प्रमुख बिंदु:

  • क्वांटम एंटैंगलमेंट (Quantum Entanglement)
    • क्वांटम यांत्रिकी की कई विशेषताओं में से एक क्वांटम एंटैंगलमेंट है जो ‘क्वांटम टेलीपोर्टेशन को संभव बनाता है।
    • क्वांटम एंटैंगलमेंट एक भौतिक घटना है। यह घटना तब होती है जब कणों का युग्म या कणों का समूह इस तरह से उत्पन्न या मिलते हैं कि प्रत्येक कणों की क्वांटम अवस्था को स्वतंत्र रूप से दूसरों कण की अवस्था के रूप में वर्णित नहीं किया जा सकता है।
    • इनटैंगल अवस्था कई क्वांटम सूचना प्रसंस्करण कार्यों और क्वांटम क्रिप्टोग्राफिक प्रोटोकॉल हेतु महत्त्वपूर्ण संसाधन हैं। 
  • आवश्यकता क्यों?
    • एंटैंगलमेंट की अवस्था बहुत ही नाज़ुक होती है साथ ही वातावरण के माध्यम से फोटॉनों के आवागमन के दौरान एंटैंगलमेंट आसानी से खो जाते हैं।
    • एंटैंगलमेंट को संसाधन के रूप में उपयोग करने हेतु यह जानना बेहद आवश्यक है कि क्या फोटॉन का युग्म इनटैंगल होता है।
    • एंटैंगलमेंट की अवस्था को जाँच करने हेतु उपकरणों के उपयोग की आवश्यकता होती है लेकिन ऐसे उपकरणों को हैकरों द्वारा हैक किया जा सकता है।
    • डिवाइस इंडिपेंडेंट सेल्फ टेस्टिंग (Device Independent Self Testing DIST) एक ऐसी विधि है, जिसके उपयोग से ऐसी संभावना को दूर किया जा सकता है।
    • DIST विधि के माध्यम से एंटैंगलमेंट में दो फोटॉनों की अज्ञात क्वांटम अवस्था को सत्यापित किया जा सकता है।

शोधकार्य:

Beta-Barium-Borate

  • उल्लेखनीय है कि यह प्रोटोकॉल ‘फिज़िकल रिव्यू’ (Physical Review) में प्रकाशित किया गया है।
  • बीजिंग कम्प्यूटेशनल साइंस रिसर्च सेंटर (Computational Science Research Centre) के एक समूह और क्वांटम सूचना की प्रमुख प्रयोगशाला- हेफ़ेई के सहयोग द्वारा प्रयोगात्मक रूप से कार्यान्वित किया गया है।
  • प्रयोग में एक ऑल-ऑप्टिकल संरचना का उपयोग किया गया है, जिसमें ‘बीटा बेरियम बोरेट’ (Beta Barium Borate- BBO) क्रिस्टल पर लेज़र प्रकाश की मदद से एंटैंगलमेंट प्रोटाॅन का युग्म बनाया गया है।
  • शोधकर्त्ताओं ने फोटॉन के युग्म की एंटैंगलमेंट अवस्था को सत्यापित करने हेतु बॉब (Bob) को पक्ष तथा ऐलिस (Alice) को विपक्ष के रूप में उपयोग किया है।
  • शोधकर्त्ताओं के द्वारा प्रयोग के दौरान एक फोटॉन ऐलिस (नीचे बाएँ) की तरफ गया जबकि दूसरा फोटॉन बॉब (ऊपर से दाएँ) की तरफ गया।
  • शोधकर्त्ताओं ने फोटॉन का पता लगाने से पहले बीम-स्प्लिटर्स (Beam Splitters), फेज-शिफ्टर्स (Phase Shifters) और क्वांटम गेट ऑपरेशंस (Quantum Gate Operations) का उपयोग करते हुए कई ऑप्टिकल प्रयोग किये।
  • शोधकर्त्ताओं ने न केवल एंटैंगलमेंट की अवस्था को सत्यापित किया बल्कि न्यूनतम त्रुटि के साथ  फोटॉन युग्म के एंटैंगलमेंट की परिमाण को भी निर्धारित किया है।

स्रोत: पीआईबी

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