भारतीय राजव्यवस्था
राष्ट्रपति ने चार अध्यादेशों को मंज़ूरी दी
- 23 Feb 2019
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा चार महत्त्वपूर्ण अध्यादेशों को मंज़ूरी प्रदान की गई। इनमें से कुछ अध्यादेशों को दूसरी बार लागू किया गया है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
राष्ट्रपति की मंज़ूरी प्राप्त अध्यादेश निम्नलिखित है -
- मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) दूसरा अध्यादेश, 2019 [The Muslim Women (Protection of Rights on Marriage) Second Ordinance, 2019]
- भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) दूसरा अध्यादेश, 2019 [The Indian Medical Council (Amendment) Second Ordinance, 2019]
- कंपनी (संशोधन) दूसरा अध्यादेश, 2019 [The Companies (Amendment) Second Ordinance, 2019]
- अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध से संबंधित अध्यादेश, 2019 [The Banning of Unregulated Deposit Schemes Ordinance, 2019]
भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) दूसरा अध्यादेश, 2019 [The Indian Medical Council (Amendment) Second Ordinance, 2019]
- यह अध्यादेश पूर्व में जारी अध्यादेश के प्रावधानों के अनुरूप संचालक मंडल (Board of Governors-BOG) द्वारा शुरू किये गए कार्यों को जारी रखने के लिये दूसरी बार लागू किया गया है।
- यह अध्यादेश पूर्व में जारी अध्यादेश के प्रावधानों के तहत किये गए कार्यों को मान्यता देने एवं कार्यों को आगे भी जारी रखने को सुनिश्चित करता है।
- भारतीय चिकित्सा परिषद के निवर्तन के बाद गठित संचालक मंडल को दो वर्षों तक या परिषद के दोबारा गठन तक जो भी पहले हो, उसके सभी अधिकारों का इस्तेमाल करने का अधिकार देता है।
- इस अध्यादेश का मुख्य उद्देश्य देश में चिकित्सा शिक्षा को ज़्यादा पारदर्शी, गुणवत्ता युक्त और जवाबदेह बनाना है।
कंपनी (संशोधन) दूसरा अध्यादेश, 2019 [The Companies (Amendment) Second Ordinance, 2019]
- इस अध्यादेश को कानून का पालन करने वाली कंपनियों को कारोबारी सुगमता का माहौल प्रदान करने तथा कंपनी कानून अधिनियम 2013 (Companies Act, 2013) की कॉर्पोरेट गवर्नेंस और नियमों के अनुपालन की व्यवस्था को और सख्त बनाने के लिये दूसरी बार लागू किया गया है।
- इसमें कानून का पालन करने वाली कंपनियों के लिये प्रोत्साहन तथा उल्लंघन करने पर कठोर सज़ा का प्रावधान है।
- इसके माध्यम से केंद्र सरकार को वित्तीय कारोबार से जुड़ी कुछ कंपनियों को ट्रिब्यूनल द्वारा तय किये गए वित्त वर्ष की बजाय भिन्न-भिन्न वित्त वर्ष चुनने की अनुमति का अधिकार दिया गया है।
- इसमें तकनीकी तथा प्रक्रिया संबंधी छोटी गलतियों के लिये सिविल सज़ा (Civil Liability) का प्रावधान है। इससे कॉर्पोरेट प्रशासन तथा अनुपालन रूपरेखा के अंतर्गत बहुत सारे मामलों में कमियों को दूर किया जाएगा।
अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध से संबंधित अध्यादेश, 2019 [The Banning of Unregulated Deposit Schemes Ordinance, 2019]
- इस अध्यादेश को देश में अवैध रूप से धनराशि जमा करने वाली योजनाओं को रोकने के लिये केंद्र द्वारा सख्त काननू लाने के इरादे से लागू किया गया है।
- अब तक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा बनाए गए विभिन्न कानूनों के तहत आम जनता से पैसा एकत्र कर भाग जाती थी। ऐसे में नए अध्यादेश के जरिए इन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने की प्रभावी व्यवस्था की गई है।
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) दूसरा अध्यादेश ,2019 [The Muslim Women (Protection of Rights on Marriage) Second Ordinance, 2019]
- इस अध्यादेश को मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अध्यादेश, 2019 के प्रावधानों को बनाए रखने के लिये दूसरी बार लाया गया है।
- इस अध्यादेश के ज़रिये तीन तलाक को अमान्य और गैर-कानूनी करार देते हुए इसे एक दंडनीय अपराध माना गया है, जिसके तहत तीन साल की सज़ा और जुर्माने का प्रावधान है।
- यह अध्यादेश विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा करेगा एवं उनके पतियों द्वारा दिये जाने वाले तात्कालिक एवं अपरिवर्तनीय ‘तलाक-ए-बिद्दत‘ के प्रचलन को रोकेगा।
- प्रस्तावित अध्यादेश ऐसी मुस्लिम महिलाओं को आजीविका भत्ता, उनके नाबालिग बच्चों के संरक्षण का भी अधिकार प्रदान करेगा।
स्रोत – PIB