लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली न्यूज़

प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 06 अक्तूबर, 2018

  • 06 Oct 2018
  • 10 min read

चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड- 2018

हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड’ प्राप्त किया।

  • भारतीय प्रधानमंत्री को इंटरनेशनल सौर गठबंधन में अपने अग्रणी कार्यों और 2022 तक भारत में सभी प्रकार के एकल उपयोग वाले प्लास्टिक को खत्म करने की अभूतपूर्व प्रतिज्ञा के लिये नेतृत्व (leadership) की श्रेणी में चुना गया है।
  • 2005 में लॉन्च किया गया यह पुरस्कार उन सार्वजनिक क्षेत्रों, निजी क्षेत्रों और सिविल सोसाइटी के उत्कृष्ट आँकड़ों को मान्यता देता है जिनके कार्यों से पर्यावरण पर एक परिवर्तनीय सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • ‘चैंपियंस ऑफ द अवार्ड’ के अंतर्गत निम्नलिखित श्रेणियों में पुरस्कार दिये जाते हैं:
  • लाइफटाइम अचीवमेंट
  • नीति नेतृत्व (Policy Leadership)
  • कार्य और प्रेरणा
  • उद्यमी दृष्टि
  • विज्ञान और नवाचार

चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड- 2018 विजेताओं की सूची

  • लाइफटाइम अचीवमेंट – जोआन कार्लिंग (Joan Carling)
  • नीति नेतृत्व – नरेंद्र मोदी (भारत के प्रधानमंत्री) तथा इमानुअल मैक्रॉन (फ्राँस के राष्ट्रपति)
  • कार्य और प्रेरणा – ज्हेजिंग ग्रीन रूरल रिवाइवल प्रोग्राम (Zhejing Green Rural Revival Programme), चीन
  • उद्यमी दृष्टि – कोचीन इंटरनेशनल एअरपोर्ट
  • विज्ञान और नवाचार – बियॉन्ड मीट तथा इम्पॉसिबल फूड्स (संयुक्त रूप से)

अलफांसो आम को मिला जी.आई टैग

महाराष्ट्र के रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, पालघर, ठाणे और रायगढ़ ज़िलों के अल्फांसो आम को भौगोलिक संकेत (Geographical Indication- GI) टैग प्रदान किया गया है।

  • अलफांसों आम को फलों का राजा माना जाता है तथा महाराष्ट्र में इसे ‘हापुस’ नाम से भी जाना जाता है।
  • अपने स्वाद ही नहीं बल्कि सुगंध और रंग के चलते इस आम की माँग भारतीय बाज़ारों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में भी है।

भौगौलिक संकेत और उनका महत्त्व

  • भौगोलिक संकेत (Geographical Indication) का इस्तेमाल एक ऐसे उत्पादों के लिये किया जाता है, जिसका एक विशिष्ट भौगोलिक मूल क्षेत्र होता है।
  • इन उत्पादों की विशिष्ट विशेषताएँ एवं प्रतिष्ठा भी इसी मूल क्षेत्र के कारण होती है। इस तरह का संबोधन उत्पाद की गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है।
  • उदाहरण के तौर पर- दार्जिलिंग की चाय, महाबलेश्वर की स्ट्राबेरी, जयपुर की ब्लू पोटरी, बनारसी साड़ी और तिरुपति के लड्डू ऐसे ही कुछ प्रसिद्ध भौगोलिक संकेत हैं।
  • भौगोलिक संकेत किसी भी देश की प्रसिद्धि एवं संस्कृति के प्रचार-प्रसार के कारक होते हैं। किसी भी देश की प्रतिष्ठा में इनका अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान होता हैं। वस्तुतः ये भारत की समृद्ध संस्कृति और सामूहिक बौद्धिक विरासत का एक अभिन्न अंग हैं।
  • विशिष्ट प्रकार के उत्पादों को जी.आई. टैग प्रदान किये जाने से दूरदराज़ के क्षेत्रों की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिला है।
  • पहली बार वर्ष 2004 में भौगौलिक संकेत टैग दार्जिलिंग चाय को मिला था।
  • भारत में अभी तक कुल 325 उत्पादों को जी.आई टैग मिल चुका है।

मेथनॉल कुकिंग ईंधन कार्यक्रम

राज्य की स्वामित्व वाली कंपनी- नार्थईस्ट एंड असम पेट्रो-केमिकल्स ने एशिया का पहला कनस्तर आधारित और भारत का पहला ‘मेथनॉल कुकिंग ईंधन कार्यक्रम’ लॉन्च किया।

  • इस पायलट परियोजना में असम पेट्रो कॉम्प्लेक्स के अंतर्गत 500 परिवारों को शामिल किया जाएगा, जिसे बाद में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, गोवा और कर्नाटक में 40,000 परिवारों तक बढ़ाया जाएगा।
  • सुरक्षित रूप से संचालित होने वाले ये कनस्तर आधारित कुकिंग स्टोव स्वीडिश टेक्नोलॉजी से बने हैं।
  • यह एक अद्वितीय तकनीक है जो मेथनॉल का बेहद सुरक्षित ढंग से उपयोग करती है और इसमें किसी रेगुलेटर या किसी भी पाइपिंग सिस्टम की आवश्यकता नहीं होती है।

मेथनॉल क्या है? 

  • मेथनॉल एक हल्का, वाष्पशील, रंगहीन, ज्वलनशील द्रव है।
  • यह सबसे सरल संरचना वाला अल्कोहल है।
  • यह जैवईंधन के रूप में भी उपयोगी है।
  • यह कार्बनिक यौगिक है।
  • इसे काष्ठ अल्कोहल भी कहते हैं।
  • यह प्राकृतिक गैस, कोयला एवं विभिन्न प्रकार के पदार्थों से बनता है।
  • इसके दहन से कार्बन उत्सर्जन कम होता है इसलिये यह एक स्वच्छ ईंधन है।

मेथनॉल ईंधन की आवश्यकता क्यों?

  • मेथनॉल ईंधन में विशुद्ध ज्‍वलनशील कण विद्यमान होते हैं इसलिये यह परिवहन में पेट्रोल और डीज़ल दोनों तथा रसोई ईंधन में एलपीजी, लकड़ी एवं मिट्टी तेल का स्थान ले सकता है।
  • यह रेलवे, समुद्री क्षेत्र, जेनसेट्स, पावर जेनरेशन में डीज़ल को भी प्रतिस्‍थापित कर सकता है और मेथनॉल आधारित संशोधक, हाइब्रिड एवं इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये आदर्श पूरक हो सकते हैं।

गीता गोपीनाथ

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारतीय मूल की अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ को अपना मुख्य अर्थशास्त्री नियुक्त किया है। वह मौरी ओब्सफेल्ड का स्थान लेंगी।

  • गीता इस पद पर पहुँचने वाली दूसरी भारतीय हैं। उल्लेखनीय है कि उनसे पहले इस पद पर पहुँचने वाले भारतीय रघुराम राजन थे।
  • वर्तमान में वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल स्टडीज़ ऑफ़ इकोनॉमिक्स में प्रोफ़ेसर हैं और दिसंबर 2018 में IMF में मुख्य अर्थशास्त्री का पद ग्रहण करेंगी।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष

  • आईएमएफ एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्था है जो अपने सदस्य देशों की वैश्विक आर्थिक स्थिति पर नज़र रखने का कार्य करती है। 
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष  की कल्पना पहली बार वर्ष 1944 में सयुंक्त राष्ट्र संघ द्वारा आयोजित ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में की गई थी।
  • इस सम्मेलन का आयोजन  सयुंक्त राज्य अमेरिका के न्यू हेम्पशायर शहर के ब्रेटन वुड्स नामक स्थान पर किया गया था। 
  • ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक के गठन की भी कल्पना की गई थी। अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक, विश्व बैंक की महत्त्वपूर्ण संस्था है।
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक को प्रायः सयुंक्त रूप से ब्रेटन वुड्स के जुड़वाँ (Bretton woods twins) के नाम से जाना जाता है। 
  • ब्रेटन वुड्स सम्मेलन के निर्णयानुसार अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की औपचारिक स्थापना 27 दिसंबर, 1945 को सयुंक्त राज्य अमेरिका के वाशिंगटन शहर में हुई थी, लेकिन इसने वास्तविक रूप से 01 मार्च, 1947 से कार्य करना प्रारंभ किया।
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का मुख्यालय वाशिंगटन डी.सी. संयुक्त राज्य अमेरिका में है। 
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के वर्तमान में 189 सदस्य हैं। नौरू गणराज्य  अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का सदस्य बनने  वाला आखिरी (189वाँ) देश है।
  • क्रिस्टीन लेगार्ड (Christine Lagarde) वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक हैं। इसके प्रथम  प्रबंध निदेशक कैमिल गट्ट  (Camille Gutt) थे। 
  • भारत अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के संस्थापक सदस्यों में से एक है, यह 27 दिसंबर, 1945 को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में शामिल हुआ।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2