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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 25 नवंबर, 2017

  • 25 Nov 2017
  • 6 min read

अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह रक्षा अभ्‍यास’ (डी.ए.एन.एक्‍स-17)

अंडमान एवं निकोबार कमान के तत्त्वावधान में ‘अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह रक्षा अभ्‍यास’ (Defence of Andaman & Nicobar Islands Exercise- DANX-17) का परिचालन किया गया। 

  • इस अभ्यास का अंगीकरण योजना निर्माण चरण से लेकर, संयुक्‍त प्‍लानिंग एवं समेकित दृष्टिकोण का सैन्य बलों के सहक्रियाशील अनुप्रयोग के लिये किया गया। 
  • इस रक्षा अभ्‍यास का मुख्‍य उद्देश्‍य अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की रक्षा हेतु सभी कमान बलों की प्रक्रियाओं एवं ड्रिलों की प्रैक्टिस करने के साथ-साथ उनका सुदृढ़ीकरण करना था।
  • इसके अंतर्गत फाइटर्स, विशेष बलों, नौसेना जहाजों तथा हैवी लिफ्ट ट्रांसपोर्ट वायुयानों समेत मुख्‍य ज़मीनी एक्रेटिशनल बलों ने भाग लिया गया।

अंतर्राष्‍ट्रीय भूगर्भीय विज्ञान संघ

अंतर्राष्‍ट्रीय भूगर्भीय विज्ञान संघ (International Union of Geological Sciences - IUGS) भूगर्भ विज्ञान के ओलंपिक्‍स के रूप में विख्‍यात है। आई.यू.जी.एस. के तत्त्वावधान में आई.जी.सी. (International Geological Congress - IGC) का आयोजन हर चार वर्ष में वैश्विक निविदा की प्रक्रिया के ज़रिये होता है।

  • अंतर्राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक विज्ञान संघ, भूविज्ञान के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग हेतु समर्पित एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है।
  • आई.यू.जी.एस. की स्थापना वर्ष 1961 में हुई थी। यह इंटरनेशनल काउंसिल फॉर साइंस (आईसीएसयू) का एक वैज्ञानिक संघीय सदस्य भी है, जहाँ इसे विज्ञान के अंतर्राष्ट्रीय संगठन के समन्वयन निकाय के रूप में जाना जाता है। 
  • वर्तमान में आई.यू.जी.एस. के अंतर्गत एक 121 अनुवर्ती संगठनों के माध्यम से 121 देशों (और क्षेत्रों) के भूवैज्ञानिकों का प्रतिनिधित्त्व शामिल है। 
  • आई.यू.जी.एस. भूगर्भीय समस्याओं (विशेषकर दुनिया के महत्त्व की) के अध्ययन को प्रोत्साहन प्रदान करने के साथ-साथ पृथ्वी विज्ञान के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय और अंतःविषय सहयोग की सुविधा और सहायता प्रदान करता है। 
  • आई.यू.जी.एस का सचिवालय चीन के बीजिंग शहर में भूवैज्ञानिक विज्ञान के चीनी अकादमी (Chinese Academy of Geological Sciences) में अवस्थित है।
  • आई.यू.जी.एस., इंटरनेशनल जियोसाइंस प्रोग्राम (International Geoscience Programme (IGCP) हेतु यूनेस्को का एक संयुक्त सहयोगी संगठन है।
  • इनके द्वारा संयुक्त रूप से ग्लोबल नेटवर्क ऑफ नेशनल जियोपार्क (Global Network of National Geoparks (GGN)) में भी भाग लिया जाता है। 
  • जियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन द्वारा आई.यू.जी.एस. पब्लिकेशंस के प्रकाशनों और उनके वितरण संबंधी मामलों की देख-रेख की जाती है। 

बैक्टीरिया से बनाया गया सबसे छोटा डाटा रिकॉर्डर

हाल ही में शोधकर्त्ताओं ने प्राकृतिक जीवाणु प्रतिरक्षा प्रणाली को दुनिया के सबसे छोटे डाटा रिकॉर्डर में परिवर्तित करने में सफलता हासिल की है।

  • बैक्टीरिया सेल्स (जीवाणु कोशिकाओं) के ज़रिये बीमारियों के उपचार से लेकर पर्यावरण निगरानी तक हर कार्य में यह तकनीक अहम् साबित होगी।
  • अमेरिका के ‘कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर’ के शोधकर्त्ताओं ने लैब में जीवाणु को ऐसे रूप में परिवर्तित किया, जिसे रोगग्रस्त व्यक्ति के शरीर के अंदर भेजा जा सके।
  • चूँकि ये अतिसूक्ष्म होते हैं इसलिये इन्हें इस तरह से बनाया गया कि ये अंदर की गतिविधियों को रिकॉर्ड कर सकें।
  • ये न केवल आंतरिक गतिविधियों बल्कि मौसम के साथ होने वाले परिवर्तन को भी बता सकते हैं।
  • इस तकनीक का प्रयोग पर्यावरणीय संवेदना, पारिस्थितिकी और कीटाणु-विज्ञान के बुनियादी अध्ययन में भी किया जा सकता है।
  • इस माइक्रोस्कोपिक यानी सूक्ष्मदर्शी रिकॉर्डर को बनाने में प्लाजिम्ड नामक डीएनए के टुकड़े को परिवर्तित किया गया।
  • शोधकर्त्ताओं का मानना है कि इस तरह मरीज के पाचन तंत्र की मदद से उसके शरीर की बीमारियों का पता लगाने में यह तकनीक मददगार साबित हो सकती है।
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