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शासन व्यवस्था

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 22 मई, 2018

  • 22 May 2018
  • 7 min read

संजारी: एक भारत श्रेष्ठ भारत

संस्‍कृति मंत्रालय का इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र अपने 30वें स्थापना दिवस से शुरू हुई “संजारी: एक भारत-श्रेष्ठ भारत” श्रृंखला का हर माह सफल आयोजन कर रहा है। इस प्रयास का मुख्य उद्देश्य देश के विभिन्न भागों से लुप्त हो रहे लोक संगीत को आम जन तक पहुँचाना है।

  • इस कार्यक्रम के तहत, हर माह देश की राजधानी दिल्ली में आम श्रोताओं के लिये लोक संगीत को उसके वास्तविक रूप में उपलब्ध कराया जाता है।
  • इस कार्यक्रम के माध्यम से देश की सांस्कृतिक पहचान के रूप में लोक संगीत के सभी रूपों का वजूद कायम रखने का प्रयास किया जा रहा है ताकि नयी पीढ़ी तक इसकी पहुँच सुनिश्चित की जा सके|
  • इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र द्वारा अभी तक “संजारी: एक भारत-श्रेष्ठ भारत” के 6 सफल आयोजन किये जा चुके हैं, जिसमें अरुणाचल प्रदेश, बिहार, राजस्थान, गोवा, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर के लोक कलाकारों ने प्रस्तुति दी हैं|
  • प्रति मास आयोजित “संजारी: एक भारत - श्रेष्ठ भारत” की 7वीं श्रृंखला में उत्तराखंड की लोक गायिका पद्मश्री बसंती बिष्ट एवं कर्नाटक के जोगीला सिद्धूराजू ने अपनी प्रस्तुति दीं|

241 बस्तरीया बटालियन

21 मई, 2018 को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित ज़िलों के आदिवासी युवाओं की बहुप्रतीक्षित बस्तरीया बटालियन को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में शामिल कर लिया गया। यह बटालियन, न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि देश भर में अपनी सेवाएँ देगी।

  • बस्तरीया बटालियन 1 अप्रैल, 2017 को अस्तित्व में आई थी। इसका गठन बस्तरीया युवकों को रोजगार देने के लिये एक विश्वसनीय और आसान मंच प्रदान करने के अलावा बस्तर क्षेत्र में सीआरपीएफ की युद्ध स्थिति में स्थानीय प्रतिनिधित्व बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया था। 
  • CRPF की 241वीं नंबर की इस नई बटालियन को बस्तरीया बटालियन का नाम इसलिये दिया गया है क्योंकि इसमें छत्तीसगढ़ के सबसे अधिक नक्सल प्रभावित ज़िलों- बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा के आदिवासी युवकों को शामिल किया गया है।
  • शुरुआती समय में बस्तरीया बटालियन को छत्तीसगढ़ में तैनात किया जाएगा, आवश्यकता पड़ने पर इसकी नियुक्ति देश के अन्य भागों में भी की जा सकती है।
  • इस बटालियन में शामिल युवाओं को जंगल युद्ध, हथियार चलाने, मानचित्र अध्ययन, पुलिस कानून एवं बिना शस्त्र लड़ाई जैसा विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
  • सर्वप्रथम मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने नागा बटालियन की तर्ज़ पर बस्तरीया बटालियन तैयार करने का सुझाव दिया था, केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मार्च 2016 में इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए भर्ती प्रकिया शुरू की गई।
  • वर्तमान में इस बटालियन में कुल 534 आदिवासी युवाओं को शामिल किया गया है, जिसमें 33 फीसदी अर्थात् 189 महिलाएँ हैं।
  • स्थानीय युवाओं के सुरक्षा दल में शामिल होने के बाद आदिवासियों के बीच एक सकारात्मक संदेश जाएगा, जिससे नक्सलवाद की ओर से उनके रुझान में कमी आएगी।

कांस फिल्म फेस्टिवल, 2018

फ्राँस के कान शहर में 8 से 19 मई के मध्य 71वें कांस फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया। फिल्म फेस्टिवल की समाप्ति पर कान फिल्म पुरस्कार विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये गए।

  • इस वर्ष कांस फिल्म पुरस्कार ज्यूरी की अध्यक्षता मशहूर अभिनेत्री केट ब्लैंचेट ने की। 
सर्वश्रेष्ठ फिल्म शॉपलिफ्रटर (डायरेक्टर हिरोकाजु कोरे इदा)
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री कजाखस्तान की सैमल यसलीमोवा (फिल्म आयका)
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता मार्सेलो फोंटे (फिल्म डॉगमैन)
सर्वश्रेष्ठ डायरेक्टर  पोलैंड के पावेल पावलीकोव्स्की (फिल्म कोल्ड वॉर के लिये)
सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले संयुक्त रूप से  इटली के लेखक-डायरेक्टर एलिस रोहवाकर को फिल्म हैप्पी एज़ लज्जेरो और ईरान के ज़फर पनाही तथा नादेर को फिल्म थ्री फेसेज़ के लिये 
टाइटन रेजिनेल्ड एफ लेविस (फिल्म आइकन पुरस्कार) दिवंगत भारतीय अभिनेत्री श्रीदेवी
 

ओडिशी मोराय : ईल की नई प्रजाति

ज़ूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के शोधकर्त्ताओं ने बंगाल की खाड़ी में (ओडिशा के तट से) मोराय ईल की एक नई प्रजाति की खोज की है। ओडिशा में इसके खोजे जाने के कारण, इसे ओडिशी मोराय (odishi moray) नाम दिया गया है।

  • इस प्रजाति का वैज्ञानिक नाम Gymnothorax odishi है। यह भारत में खोजी गई brown short unpatterned eel की दूसरी प्रजाति है। 
  • ईल नदियों और समुद्रों के तल में पाई जाती हैं।
  • ये साँप की तरह दिखती हैं। समुद्र में पाई जाने वाली ईल अक्सर काले एवं भूरे रंग की होती हैं।
  • ये घोंघा एवं केकड़ों का शिकार करती हैं।
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