लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 15 दिसंबर, 2017

  • 15 Dec 2017
  • 9 min read

सेरेंडिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल, गोवा
(Serendipity Arts Festival)

मंडोवि नदी (Mandovi river) के किनारे पर आयोजित होने वाला ‘सेरेंडिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल’ (Serendipity Arts Festival) एक ऐसा फेस्टिवल है जहाँ दृश्य, प्रदर्शन और पाक कलाओं का एक साथ संगम होता है। इस फेस्टिवल का आयोजन दिसम्बर माह में गोवा में किया जाता है। 

  • इसके अंतर्गत 40 से अधिक साधिकार परियोजनाएँ (Commissioned projects) संचालित की जाती हैं।
  • कलाकारों के एक पैनल और संस्थागत आँकड़ों द्वारा तैयार की गई संरचना के आधार पर इस वर्ष का फेस्टिवल एक दीर्घकालिक सांस्कृतिक प्रोजेक्ट का पहला संस्करण होगा, जिससे एक बड़े पैमाने पर भारत में कलाओं में सकारात्मक बदलाव लाने की उम्मीद की जा रही है। 
  • सिर्फ एक भारतीय कला का प्रदर्शन होने के बजाय यह फेस्टिवल एक सांस्कृतिक प्रयोग (cultural experiment) है, जिसका समय के साथ भारतीय कलाओं पर गहरा असर होगा। 
  • जिस तरह से भारतीय अपने रोज़मर्रा के जीवन में विभिन्न कलाओं (शिक्षा, संरक्षण संस्कृति, अंतःविषय व्याख्यान इत्यादि) से रूबरू होते हैं, यह त्यौहार उन सभी को एक नए अंदाज़ में संबोधित करता है।
  • इसके अंतर्गत संगीत, नृत्य, थियेटर, दृश्य कला और पाककला के प्रदर्शनों और प्रदर्शनियों का एक गहन, रोमांचक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे सामाजिक और शैक्षिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। 

भारत-म्याँमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग

भारत जनवरी 2018 में होने वाली भारत-आसियान वार्ता में भारत-म्याँमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग को वियतनाम तक विस्तारित करने के संबंध में बातचीत करने की योजना बना रहा है। भारतीय प्रस्ताव के अनुसार, लाओस और कंबोडिया के माध्यम से इस राजमार्ग को वियतनाम तक बढ़ाया जा सकता है। 

  • यदि इस राजमार्ग का विस्तार किया जाता है, तो स्पष्ट रूप से इससे कनेक्टिविटी में भी विस्तार होगा। 
  • इसके अतिरिक्त इस विस्तार के परिणामस्वरूप वर्ष 2025 तक वृद्धिशील सकल घरेलू उत्पाद (incremental GDP) में अनुमानित $ 70 बिलियन और वृद्धिशील सकल रोज़गार (incremental aggregate employment) में 20 मिलियन डॉलर का सृजन होने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है। 
  • सड़क के माध्यम से दक्षिण पूर्वी देशों के साथ भारत को जोड़ने की इस योजना से पूर्वोत्तर के पहाड़ी क्षेत्रों में पैदा फसलों के लिये बेहतर बाज़ार और रोज़गार के अवसर उत्पन्न होंगे।
  • इससे न केवल किसानों को बल्कि उत्पादकों को भी अपने उत्पाद के लिये बेहतर मूल्य प्राप्त होगा, जो देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में एक उल्लेखनीय भूमिका निभाएगा। 

आई.एम.टी. राजमार्ग 

  • भारत-म्याँमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग भारत की लुक ईस्ट पॉलिसी के तहत आने वाला एक राजमार्ग है। इसके राजमार्ग से आसियान-भारत मुक्त व्यापार क्षेत्र के साथ-साथ दक्षिण-पूर्व एशिया के बाकी हिस्सों में भी व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलने की संभावना है। हालाँकि, यहाँ यह स्पष्ट कर देना अत्यंत आवश्यक है कि यह परियोजना न केवल पहले ही चरण में वर्ष 2015 की अपनी पहली समय सीमा को चूक गई है बल्कि म्याँमार में अपनी परियोजनाओं को कार्यान्वित करने में भारत को लगातार कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ रहा है। 
  • वस्तुतः जितना अधिक महत्त्वपूर्ण इससे प्राप्त लाभ का मूल्यांकन करना है उतना ही अधिक महत्त्वपूर्ण यह सुनिश्चित करना है कि इसे तय समय-सीमा के भीतर शुरू करते हुए सही समय पर पूरा किया जाए।

लंदन गोल्ड पूल 
(London gold pool)

यह ब्रेटन वुड्स मौद्रिक प्रणाली (Bretton Woods monetary system) को अपनाने के लिये आठ केंद्रीय बैंकों द्वारा बनाए गए सोने के भंडार के पूल को संदर्भित करता है। जब कभी भी बाज़ार में सोने की कीमत $35 से ऊपर जाने लगती है तब बैंकों द्वारा लंदन में खुले बाज़ार में अतिरिक्त सोने का प्रवाह बढ़ा दिया जाता है। 

  • ब्रेटन वुड्स के तहत, विभिन्न राष्ट्रीय मुद्राओं के धारकों को $ 35 की निश्चित कीमत पर एक औंस सोने का हकदार माना गया। इसलिये यह बहुत अधिक महत्त्वपूर्ण हो गया कि सोने के बाज़ार मूल्य को $ 35 पर निश्चित किया जाए। 
  • अन्यथा, इसके परिणामस्वरूप उन दलों की ऋणमुक्ति संबंधी मांग में इज़ाफा हो जाएगा, जो इस निश्चित मांग में कमी करते हुए उच्च कीमत पर बाज़ार में सोने को बेचने का प्रयास करेंगे।
  • ब्रेटन वुड्स के तहत निम्नलिखित राष्ट्रीय मुद्रा धारक देशों को शामिल किया गया है –
    ► संयुक्त राष्ट्र अमेरिका
    ► जर्मनी
    ► यूनाइटेड किंगडम
    ► फ्राँस
    ► इटली
    ► बेल्ज़ियम
    ► नीदरलैंड
    ► स्विट्ज़रलैंड 

आसियान
(Association of Southeast Asian Nations - Asean)

आसियान की स्थापना 8 अगस्त,1967 को थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में की गई थी।  थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस और सिंगापुर इसके संस्थापक सदस्य थे। वर्तमान में ब्रूनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्याँमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम इसके दस सदस्य हैं। 

  • इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है।

उद्देश्य

  • आसियान के सदस्य देश आपस में आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने के लिये साझा प्रयास करते हैं।  
  • यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है। चूँकि आसियान इस क्षेत्र को सांस्कृतिक और व्यावसायिक केंद्र के रूप में प्रस्तुत करता है, इसलिये इसके पास इससे आगे बढ़कर दुनिया के व्यापक हितों को आगे बढ़ाने और संतुलित करने की अनोखी क्षमता है। 

भारत के लिये आसियान का महत्त्व

  • भारत आसियान का प्रमुख आर्थिक भागीदार देश है एवं भारत तथा आसियान मिलकर विश्व का एक महत्त्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्र निर्मित करते हैं। भारत अपने निवल व्यापार का लगभग 10% आसियान के साथ करता है।  भारत-आसियान संबंधों का भू-राजनीतिक एवं सामरिक महत्त्व भी है। दक्षिण चीन सागर में नौ-संचालन की स्वतंत्रता बनाए रखने, नशीले पदार्थों की तस्करी, आतंकवाद, साइबर अपराध आदि की रोकथाम तथा चीन की आक्रामक नीति को संतुलित करने के लिये भी भारत के लिये आसियान महत्त्वपूर्ण है। 
  • भारत म्याँमार, वियतनाम, मलेशिया एवं इंडोनेशिया जैसे आसियान देशों के साथ संबंध स्थापित कर अपनी ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकता है, चूँकि दक्षिण चीन सागर में तेल और प्राकृतिक गैस के व्यापक भंडार विद्यमान है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2