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जैव विविधता और पर्यावरण

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 12 जून, 2018

  • 12 Jun 2018
  • 19 min read

मोबाइल एप ‘मेन्यू ऑन रेल्स’ हुआ लॉन्च

चर्चा में क्यों?
रेल यात्रा के दौरान परोसे जाने वाले भोजन या खाद्य पदार्थों के बारे में रेल यात्रियों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिये आईआरसीटीसी द्वारा विकसित एक नए मोबाइल एप ‘मेन्यू ऑन रेल्स’ को लॉन्च किया गया है। 

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • यह मोबाइल एप सभी प्रकार की रेलगाड़ियों में परोसे जाने वाले मेन्यू (व्यंजन-सूची) के बारे में व्यापक जानकारी देता है। 
  • इसमें खाद्य पदार्थ चार श्रेणियों में शामिल हैं, अर्थात् पेय पदार्थ, नाश्ता, भोजन और ए-ला-कार्टे (अलग-अलग कीमतों के साथ सूचीबद्ध व्यक्तिगत व्यंजन वाले मेनू)।
  • ए-ला-कार्टे में नाश्ता, हल्का भोजन, कॉम्बो भोजन, ,माँसाहारी, जैन भोजन, मिठाई, मधुमेह रोगियों के लिये खाद्य पदार्थ आदि की श्रेणियों के तहत 96 वस्तुओं की एक सूची शामिल है।
  • मानक खाद्य वस्तुओं के लिये दरों (करों सहित) को ट्रेनों के साथ-साथ स्टेशनों (खाद्य प्लाजा और फास्ट फूड इकाइयों को छोड़कर) के लिये निर्धारित किया जाता है।
  • यह मोबाइल एप राजधानी/शताब्दी/दुरंतो समूह की ट्रेनों में परोसे जाने वाले मेन्यू के बारे में भी जानकारी देता है ।   
  • शताब्दी ट्रेनों में एक्जीक्यूटिव क्लास एवं चेयर कार क्लास और राजधानी एवं दुरंतो ट्रेनों में फर्स्ट एसी, सेकेंड एसी तथा थर्ड एसी क्लास के लिये परोसे जाने वाले भोजन (पहले से ही बुक किये गए) को अलग से दर्शाया जाता है। दुरंतो ट्रेनों में स्लीपर क्लास के लिये भी खाद्य पदार्थ प्रदर्शित किये जाते हैं। इन ट्रेनों के देरी से चलने की स्थिति में भी मेन्यू दिया जाता है।   
  • गतिमान और तेजस ट्रेनों में परोसे जाने वाले भोजन (पहले से ही बुक किये गए) को भी दर्शाया जाता है। 
  • शताब्दी/राजधानी/दुरंतो/गतिमान/तेजस इत्यादि ट्रेनों के यात्रीगण पहले से ही खाद्य पदार्थों को बुक करने की स्थिति में परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थों और उनकी मात्राओं के बारे में अवगत होंगे। 
  • मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में यह मोबाइल एप खान-पान की वस्तुओं की अधिक कीमतें वसूले जाने की प्रवृत्ति को नियंत्रण में रखने में मदद करेगा।

‘रेल मदद’

चर्चा में क्यों?
भारतीय रेलवे ने पहली बार शिकायत प्रबंधन प्रणाली को पूरी तरह डिजिटल बनाने की पहल करते हुए ‘रेल मदद’ नामक एप जारी किया है। यह एप यात्रियों की शिकायतों के निवारण की प्रक्रिया को सुधारने एवं उसमें तेज़ी लाने के लिये जारी किया गया है। 

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • इस मोबाइल एप्लीकेशन का विकास उत्तर रेलवे द्वारा किया गया है। 
  • यह एप यात्रियों की शिकायतों को दर्ज करेगा और शिकायतों के निवारण की स्थिति के बारे में उन्हें लगातार जानकारी उपलब्ध कराएगा। 
  • यात्री को पंजीकरण के तुरंत बाद sms द्वारा शिकायत संख्या उपलब्ध कराई जाएगी जिसके बाद रेलवे द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी sms द्वारा दी जाती रहेगी।
  • रेल मदद यात्रियों की शिकायतों को न्यूनतम जानकारी एवं फोटोग्राफ के साथ दर्ज़ करता है तथा एक शिकायत संख्या जारी करता है और तुरंत ही इस जानकारी को डिवीजन के संबंधित फील्ड अधिकारियों को उपलब्ध करवाता है। 
  • यह एप यात्री को शिकायत के संबंध में की गई कार्यवाही से भी अवगत कराता है, जिससे शिकायत के पंजीकरण एवं समाधान की पूरी प्रक्रिया को त्वरित बनाया जाता है।
  • रेल मदद विभिन्न प्रकार की सहायता सेवाओं के नंबर भी प्रदर्शित करता है और साथ ही तत्काल सहायता के लिये सीधे फोन करने की सुविधा भी प्रदान करता है।
  • आँकड़ों का विश्लेषण रेलगाड़ियों एवं स्टेशनों के विभिन्न पहलुओं जैसे- स्वच्छता और सुविधाओं के बारे में जानकारी देता है ताकि प्रबंधकीय निर्णय और सटीक एवं प्रभावी बन सकें।

‘घोस्ट पार्टिकल’

चर्चा में क्यों?
जर्मनी के शोधकर्त्ताओं ने ब्रह्मांड के सबसे हल्के कण के द्रव्यमान को निर्धारित करने में मदद के लिये 60 मिलियन यूरो ($ 71 मिलियन) लागत से निर्मित मशीन के साथ डेटा एकत्र करना शुरू किया है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • कार्ल्सरूहे इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में भौतिकविदों, इंजीनियरों और तकनीशियनों को उम्मीद है कि 200-मीट्रिक टन वज़नी यह डिवाइस न्यूट्रिनो के वास्तविक द्रव्यमान का पता लगाने में मदद करेगा।
  • न्यूट्रिनो को कभी-कभी "घोस्ट पार्टिकल" भी कहा जाता है क्योंकि इन्हें पहचानना बहुत मुश्किल होता है। 
  • शोधकर्त्ताओं का अनुमान है कि अगले दशक में न्यूट्रिनों के द्रव्यमान की सही माप ली जा सकेगी।
  • न्यूट्रिनो के द्रव्यमान का निर्धारण कण भौतिकी के सबसे महत्त्वपूर्ण प्रश्नों में से एक है और यह वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड के इतिहास को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा। 
  • सात देशों के 20 संस्थानों के 200 लोग इस परियोजना का हिस्सा हैं।

पृथ्वी के समान आकार वाले तीन नए ग्रहों की खोज

चर्चा में क्यों?
वैज्ञानिकों ने दो नई ग्रह प्रणालियों (planetary systems) की खोज की है, जिनमें से एक प्रणाली में पृथ्वी के आकार के तीन ग्रह हैं। 

प्रमुख बिंदु

  • स्पेन इंस्टीटयूट डी एस्ट्रोफिसिका डी कैनारीस (आईएसी) और स्पेन में ओवियडो यूनिवर्सिटी के शोधकर्त्ताओं ने नासा के K-2 मिशन द्वारा एकत्रित आँकड़ों का विश्लेषण किया जो कि 2013 में शुरू किया गया था।
  • मासिक पत्रिका ‘मंथली नोटिसिस ऑफ द रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी’ (MNRAS) में प्रकाशित अध्ययन में सितारों के प्रकाश में उत्पन्न ग्रहण से पता चला है कि यहाँ दो नई ग्रह प्रणालियों का अस्तित्व भी है।
  • पहला एक्सोप्लानेटरी सिस्टम स्टार K2-239 में स्थित है, जो कि रोक डी लॉस मुचैचोस ऑब्जर्वेटरी, गारफिया, ला पाल्मा (Roque de los Muchachos Observatory, Garafia, La Palma) में ग्रैन टेलीस्कोपियो कैनारीस (Gran Telescopio Canarias-GTS) के साथ किये गए अवलोकन से क्षुद्र तारा M3 की विशेषता बताता है।
  • यह सूर्य से लगभग 160 प्रकाश वर्ष पर सेक्स्टेंट के नक्षत्र में स्थित है। 
  • इसमें पृथ्वी (1.1, 1.0 और 1.1 पृथ्वी त्रिज्या) के समान आकार के कम-से-कम तीन चट्टानी ग्रहों की एक कॉम्पैक्ट प्रणाली है। 
  • इन ग्रहों को अपने मूल तारे का चक्कर लगाने में क्रमश: 5.2, 7.8 और 10.1 दिन का समय लगता है। 
  • दूसरा लाल रंग का क्षुद्र तारा जिसका नाम K-240 है, के पास पृथ्वी के समान दो बड़े ग्रह हैं इनका आकार हमारी पृथ्वी के आकार का लगभग दोगुना है।
  • K-239 तथा K-240 जिसके चारों ओर ये ग्रह परिक्रमा करते हैं, का वायुमंडलीय तापमान क्रमशः 3,450 तथा 3,800 केल्विन है जो कि सूर्य के तापमान का लगभग आधा है।

मोबाइल एप ‘मेन्यू ऑन रेल्स’ हुआ लॉन्च

चर्चा में क्यों?
रेल यात्रा के दौरान परोसे जाने वाले भोजन या खाद्य पदार्थों के बारे में रेल यात्रियों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिये आईआरसीटीसी द्वारा विकसित एक नए मोबाइल एप ‘मेन्यू ऑन रेल्स’ को लॉन्च किया गया है। 

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • यह मोबाइल एप सभी प्रकार की रेलगाड़ियों में परोसे जाने वाले मेन्यू (व्यंजन-सूची) के बारे में व्यापक जानकारी देता है। 
  • इसमें खाद्य पदार्थ चार श्रेणियों में शामिल हैं, अर्थात् पेय पदार्थ, नाश्ता, भोजन और ए-ला-कार्टे (अलग-अलग कीमतों के साथ सूचीबद्ध व्यक्तिगत व्यंजन वाले मेनू)।
  • ए-ला-कार्टे में नाश्ता, हल्का भोजन, कॉम्बो भोजन, ,माँसाहारी, जैन भोजन, मिठाई, मधुमेह रोगियों के लिये खाद्य पदार्थ आदि की श्रेणियों के तहत 96 वस्तुओं की एक सूची शामिल है।
  • मानक खाद्य वस्तुओं के लिये दरों (करों सहित) को ट्रेनों के साथ-साथ स्टेशनों (खाद्य प्लाजा और फास्ट फूड इकाइयों को छोड़कर) के लिये निर्धारित किया जाता है।
  • यह मोबाइल एप राजधानी/शताब्दी/दुरंतो समूह की ट्रेनों में परोसे जाने वाले मेन्यू के बारे में भी जानकारी देता है ।   
  • शताब्दी ट्रेनों में एक्जीक्यूटिव क्लास एवं चेयर कार क्लास और राजधानी एवं दुरंतो ट्रेनों में फर्स्ट एसी, सेकेंड एसी तथा थर्ड एसी क्लास के लिये परोसे जाने वाले भोजन (पहले से ही बुक किये गए) को अलग से दर्शाया जाता है। दुरंतो ट्रेनों में स्लीपर क्लास के लिये भी खाद्य पदार्थ प्रदर्शित किये जाते हैं। इन ट्रेनों के देरी से चलने की स्थिति में भी मेन्यू दिया जाता है।   
  • गतिमान और तेजस ट्रेनों में परोसे जाने वाले भोजन (पहले से ही बुक किये गए) को भी दर्शाया जाता है। 
  • शताब्दी/राजधानी/दुरंतो/गतिमान/तेजस इत्यादि ट्रेनों के यात्रीगण पहले से ही खाद्य पदार्थों को बुक करने की स्थिति में परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थों और उनकी मात्राओं के बारे में अवगत होंगे। 
  • मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में यह मोबाइल एप खान-पान की वस्तुओं की अधिक कीमतें वसूले जाने की प्रवृत्ति को नियंत्रण में रखने में मदद करेगा।

‘रेल मदद’

चर्चा में क्यों?
भारतीय रेलवे ने पहली बार शिकायत प्रबंधन प्रणाली को पूरी तरह डिजिटल बनाने की पहल करते हुए ‘रेल मदद’ नामक एप जारी किया है। यह एप यात्रियों की शिकायतों के निवारण की प्रक्रिया को सुधारने एवं उसमें तेज़ी लाने के लिये जारी किया गया है। 

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • इस मोबाइल एप्लीकेशन का विकास उत्तर रेलवे द्वारा किया गया है। 
  • यह एप यात्रियों की शिकायतों को दर्ज करेगा और शिकायतों के निवारण की स्थिति के बारे में उन्हें लगातार जानकारी उपलब्ध कराएगा। 
  • यात्री को पंजीकरण के तुरंत बाद sms द्वारा शिकायत संख्या उपलब्ध कराई जाएगी जिसके बाद रेलवे द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी sms द्वारा दी जाती रहेगी।
  • रेल मदद यात्रियों की शिकायतों को न्यूनतम जानकारी एवं फोटोग्राफ के साथ दर्ज़ करता है तथा एक शिकायत संख्या जारी करता है और तुरंत ही इस जानकारी को डिवीजन के संबंधित फील्ड अधिकारियों को उपलब्ध करवाता है। 
  • यह एप यात्री को शिकायत के संबंध में की गई कार्यवाही से भी अवगत कराता है, जिससे शिकायत के पंजीकरण एवं समाधान की पूरी प्रक्रिया को त्वरित बनाया जाता है।
  • रेल मदद विभिन्न प्रकार की सहायता सेवाओं के नंबर भी प्रदर्शित करता है और साथ ही तत्काल सहायता के लिये सीधे फोन करने की सुविधा भी प्रदान करता है।
  • आँकड़ों का विश्लेषण रेलगाड़ियों एवं स्टेशनों के विभिन्न पहलुओं जैसे- स्वच्छता और सुविधाओं के बारे में जानकारी देता है ताकि प्रबंधकीय निर्णय और सटीक एवं प्रभावी बन सकें।

‘घोस्ट पार्टिकल’

चर्चा में क्यों?
जर्मनी के शोधकर्त्ताओं ने ब्रह्मांड के सबसे हल्के कण के द्रव्यमान को निर्धारित करने में मदद के लिये 60 मिलियन यूरो ($ 71 मिलियन) लागत से निर्मित मशीन के साथ डेटा एकत्र करना शुरू किया है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • कार्ल्सरूहे इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में भौतिकविदों, इंजीनियरों और तकनीशियनों को उम्मीद है कि 200-मीट्रिक टन वज़नी यह डिवाइस न्यूट्रिनो के वास्तविक द्रव्यमान का पता लगाने में मदद करेगा।
  • न्यूट्रिनो को कभी-कभी "घोस्ट पार्टिकल" भी कहा जाता है क्योंकि इन्हें पहचानना बहुत मुश्किल होता है। 
  • शोधकर्त्ताओं का अनुमान है कि अगले दशक में न्यूट्रिनों के द्रव्यमान की सही माप ली जा सकेगी।
  • न्यूट्रिनो के द्रव्यमान का निर्धारण कण भौतिकी के सबसे महत्त्वपूर्ण प्रश्नों में से एक है और यह वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड के इतिहास को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा। 
  • सात देशों के 20 संस्थानों के 200 लोग इस परियोजना का हिस्सा हैं।

पृथ्वी के समान आकार वाले तीन नए ग्रहों की खोज

चर्चा में क्यों?
वैज्ञानिकों ने दो नई ग्रह प्रणालियों (planetary systems) की खोज की है, जिनमें से एक प्रणाली में पृथ्वी के आकार के तीन ग्रह हैं। 

प्रमुख बिंदु

  • स्पेन इंस्टीटयूट डी एस्ट्रोफिसिका डी कैनारीस (आईएसी) और स्पेन में ओवियडो यूनिवर्सिटी के शोधकर्त्ताओं ने नासा के K-2 मिशन द्वारा एकत्रित आँकड़ों का विश्लेषण किया जो कि 2013 में शुरू किया गया था।
  • मासिक पत्रिका ‘मंथली नोटिसिस ऑफ द रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी’ (MNRAS) में प्रकाशित अध्ययन में सितारों के प्रकाश में उत्पन्न ग्रहण से पता चला है कि यहाँ दो नई ग्रह प्रणालियों का अस्तित्व भी है।
  • पहला एक्सोप्लानेटरी सिस्टम स्टार K2-239 में स्थित है, जो कि रोक डी लॉस मुचैचोस ऑब्जर्वेटरी, गारफिया, ला पाल्मा (Roque de los Muchachos Observatory, Garafia, La Palma) में ग्रैन टेलीस्कोपियो कैनारीस (Gran Telescopio Canarias-GTS) के साथ किये गए अवलोकन से क्षुद्र तारा M3 की विशेषता बताता है।
  • यह सूर्य से लगभग 160 प्रकाश वर्ष पर सेक्स्टेंट के नक्षत्र में स्थित है। 
  • इसमें पृथ्वी (1.1, 1.0 और 1.1 पृथ्वी त्रिज्या) के समान आकार के कम-से-कम तीन चट्टानी ग्रहों की एक कॉम्पैक्ट प्रणाली है। 
  • इन ग्रहों को अपने मूल तारे का चक्कर लगाने में क्रमश: 5.2, 7.8 और 10.1 दिन का समय लगता है। 
  • दूसरा लाल रंग का क्षुद्र तारा जिसका नाम K-240 है, के पास पृथ्वी के समान दो बड़े ग्रह हैं इनका आकार हमारी पृथ्वी के आकार का लगभग दोगुना है।
  • K-239 तथा K-240 जिसके चारों ओर ये ग्रह परिक्रमा करते हैं, का वायुमंडलीय तापमान क्रमशः 3,450 तथा 3,800 केल्विन है जो कि सूर्य के तापमान का लगभग आधा है।
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