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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 12 फरवरी, 2018

  • 12 Feb 2018
  • 7 min read

स्वच्छ भारत स्वच्छता पार्क (Swachh Bharat Sanitation Park)

प्रमुख बिंदु 

  • विभिन्न सुरक्षित तकनीकी विकल्पों के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से पर्यावरण स्वच्छता संस्थान और टाटा ट्रस्ट के सहयोग से पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने नई दिल्ली में एक स्वच्छता पार्क विकसित किया है।
  • इस पार्क में शौचालय प्रौद्योगिकीयों से संबंधित विभिन्न विकल्पों और ठोस तथा तरल अपशिष्ट प्रबंधन तकनीकों के प्रदर्शन के साथ ही इन प्रौद्योगिकीयों का संक्षिप्त विवरण भी दर्शाया गया है।
  • इस पार्क में स्वच्छ भारत मिशन के तहत किये गए विभिन्न हस्तक्षेपों के बारे में जानकारी भी प्रदर्शित की गई है। इससे दर्शकों को स्वच्छ भारत मिशन विभिन्न घटकों और पहलुओं को समझने और विभिन्न प्रौद्योगिकीयों के साथ सहज होने का अवसर मिलेगा।

स्वाधार गृह योजना

प्रमुख बिंदु 

  • देश में वर्तमान में 17331 लाभार्थियों के साथ 559 स्वाधार गृह मौजूद हैं।
  • यौन उत्पीड़न की शिकार सहित कठिन परिस्थितियों में पीड़ित महिलाओं की राहत और पुनर्वास के लिये महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2002 से ‘स्वाधार गृह योजना’ का संचालन किया जा रहा है।
  • इस योजना के तहत प्रत्येक ज़िले में 30 महिलाओं की क्षमता वाले ‘स्वाधार गृह’ स्थापित कर ऐसी महिलाओं के लिये आवास, भोजन, कपड़ा और स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाता है।
  • इसी तरह यौन उत्पीड़न के शिकार सहित कठिन परिस्थितियों में बच्चों की देखभाल, संरक्षण, पुनर्वास और पुनर्मिलन के लिये एक केंद्रीय प्रायोजित योजना एकीकृत बाल संरक्षण योजना (Integrated Child Protection Scheme-ICPS) भी वर्ष 2006 से क्रियान्वित की जा रही है।
  • ICPS के तहत विविध बाल संरक्षण कार्यक्रम शुरू किये गए हैं जिनमें बाल न्याय के लिये कार्यक्रम, फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के लिये एकीकृत कार्यक्रम और एक ही जगह पर विस्तृत नियमों और नए कार्यक्रमों सहित देश के भीतर बच्चों को गोद लेने को बढ़ावा देने के लिये गृहों (शि‍शु गृह) को सहायता देने जैसे कार्यक्रम शामिल हैं।

केंचुए की दो नई प्रजातियों की खोज

प्रमुख बिंदु 

  • वैज्ञानिकों ने केरल के पश्चिमी घाट की पर्वत श्रृंखला में केंचुए की दो नई प्रजातियों ‘ड्राविडा पॉलीडाइवर्सिकुलेटा’ (Drawida polydiverticulata) तथा ‘ड्राविडा थॉमसी’ (Drawida thomasi) की खोज की है।
  • ये प्रजातियाँ केंचुए की ‘Moniligastridae’ परिवार  से संबंधित हैं। अब तक द्रविड वर्ग की कुल 200 केंचुए की प्रजातियों को पहचाना जा चुका है, जिनके निवास-स्थल संपूर्ण भारत-चीन क्षेत्र से दक्षिण-पूर्व एशिया तथा उत्तर में जापान में फैले हुए हैं।
  • इन 200 में से 73 प्रजातियाँ भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जाती हैं, जिनमें से 43 प्रजातियाँ दक्षिण भारत स्थित पश्चिमी घाट में पाई जाती हैं।
  • ‘ड्राविडा पॉलीडाइवर्सिकुलेटा’ केंचुए में कई लोब्स होते हैं, जिन्हें ‘डाइवर्सिकुलम’ कहा जाता है। यह इराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान, पंपादुन शोला नेशनल पार्क और चिन्नार वन्यजीव अभयारण्य सहित मुन्नार क्षेत्र के संरक्षित शोला घास के मैदानों में व्यापक रूप से पाया गया है।
  • ‘‘ड्राविडा थॉमसी’ नामक केंचुए की इस प्रजाति को मालाप्पुरम तथा कोझीकोड की सीमा के बीच स्थित कोझिप्पाड़ा झरना के समीप पाया गया है।
  • केंचुए की इस प्रजाति का नाम प्रोफेसर ए.पी. थॉमस के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने केरल में केंचुओं के वर्गीकरण विज्ञान पर अध्ययन प्रारंभ किया था।

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की बैठक

प्रमुख बिंदु 

  • प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (Economic Advisory Council to the Prime Minister -EAC-PM) की चौथी बैठक 12 फरवरी, 2018 को नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय की अध्यक्षता में हुई। 
  • हाल ही में प्रस्तुत वर्ष 2018-19 के बजट में सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना को ध्यान में रखते हुए, EAC-PM ने इस योजना को लागू करने की संभावित रूपरेखाओं पर चर्चा की।
  • इस बैठक में परिषद के सदस्यों द्वारा ‘स्वास्थ्य सुधार’, ‘भारतीय राजकोषीय-मौद्रिक फ्रेमवर्क : वर्चस्व या समन्वय’ और ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर विश्व बैंक रिपोर्ट’ जैसी प्रेज़ेंटेशन्स दी गई।
  • EAC-PM एक गैर-संवैधानिक, गैर-सांविधिक और अस्थायी प्रकार का एक स्वतंत्र निकाय है। पाँच सदस्यीय इस परिषद के प्रमुख कार्यों में आर्थिक मामलों का अध्ययन कर प्रधानमंत्री को इनसे अवगत कराना, प्रधानमंत्री द्वारा दिये गए आर्थिक या अन्य संबंधित मुद्दों का विश्लेषण करना और इन पर प्रधानमंत्री को सुझाव देना, वृहद् आर्थिक महत्व के मुद्दों का समाधान और उसके बारे में प्रधानमंत्री को सुझाव देना तथा प्रधानमंत्री द्वारा समय-समय पर दिये गए अन्य कार्यों को भी निष्पादित करना शामिल है। 
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