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डेली न्यूज़

भारतीय अर्थव्यवस्था

पीएम स्वनिधि योजना के तहत आवेदन

  • 06 Oct 2020
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

पीएम स्वनिधि, नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया

मेन्स के लिये: 

COVID-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के प्रयास 

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (Prime Minister Street Vendor’s Atmanirbhar Nidhi) अर्थात् पीएम स्वनिधि (PM SVANidhi) के तहत 20 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स ने कार्यशील पूंजी के रूप में 10,000 रुपए के ब्याज मुक्त ऋण के लिये आवेदन किया है। 

प्रमुख बिंदु:

  • इन आवेदनों में फल एवं सब्जियों के लगभग 10 लाख विक्रेता शामिल हैं और स्नैक्स एवं फास्ट फूड (जैसे- चाट, गोल गप्पे आदि) वाले 4 लाख से अधिक विक्रेता शामिल हैं। 
    • इसके अतिरिक्त फूल एवं पूजा का सामान, सौंदर्य उत्पाद, जूते, रसोई का सामान और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान जैसे कि-मोबाइल फोन एवं चार्जर वाले विक्रेता भी इस सूची में हैं।

आवंटित बजट एवं प्रावधान:  

  • 700 करोड़ रुपए के स्वीकृत बजट के साथ जून, 2020 में शुरू की गई इस योजना के तहत लिये गए ऋण को एक वर्ष के भीतर चुकाना होगा।
  • पुनर्भुगतान होने पर एक स्ट्रीट वेंडर ऋण के रूप में 10,000 रुपए के लिये पात्र होता है।

राज्यवार प्राप्त आवेदन: 

राज्य 

आवेदन संख्या 

उत्तर प्रदेश

4.3 लाख 

तेलंगाना

3.4 लाख

महाराष्ट्र एवं आंध्र प्रदेश

1.5 लाख से अधिक

दिल्ली

लगभग 8,000

जम्मू एवं कश्मीर

1,600 

लद्दाख

32 

आवेदकों को ऋण का भुगतान: 

  • हालाँकि अभी तक केवल 2 लाख आवेदकों को ही ऋण का भुगतान किया गया है। 

आवेदन के दौरान आने वाली बाधाएँ: अधिकारियों एवं आवेदकों ने कई बाधाओं को इंगित किया है जो ऋण देने की प्रक्रिया को धीमा कर रहे हैं। जैसे:- 

  • कई बैंक 100 रुपए से 500 रुपए के स्टांप पेपर पर आवेदन की मांग कर रहे हैं।
  • बैंकों द्वारा पैन कार्ड की मांग करना और यहाँ तक ​​कि आवेदकों के CIBIL स्कोर की जाँच करना।
  • राज्य अधिकारियों द्वारा वोटर आईडी कार्ड माँगना जिसे कई प्रवासी विक्रेता अपने साथ नहीं रखते हैं।
  • पुलिस एवं नगर निगम के अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न किया जाना।

CIBIL स्कोर:

  • बैंक, ऋण मंज़ूर करेगा या नहीं इसे तय करने में CIBIL स्कोर की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
  • CIBIL स्कोर 3 अंकों का होता है, यह बैंक ग्राहक की क्रेडिट हिस्‍ट्री को दर्शाता है। 
  • किसी व्‍यक्ति ने अपने कर्ज की अदायगी कैसे की है या कई तरह के बिलों का पुनर्भुगतान करने में उसका व्यवहार कैसा रहा है, इन्‍हीं बिंदुओं से ग्राहक का क्रेडिट स्‍कोर तैयार होता है।
  • CIBIL स्कोर की रेंज 300 से 900 के बीच होती है। 
  • CIBIL स्कोर 900 के जितना पास होगा ग्राहक को कर्ज या क्रेडिट कार्ड मिलने की संभावना उतनी ज्‍यादा बढ़ जाती है।
  • लगभग 10 लाख विक्रेताओं का प्रतिनिधित्त्व करने वाली शीर्ष संस्था नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया (NASVI) के अनुसार इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर बैंकों एवं नगर निकायों में बहुत अधिक प्रतिरोध है किंतु नीतिगत स्तर पर यह एक उपयोगी योजना है क्योंकि यह बहुत आवश्यक कार्यशील पूंजी प्रदान करती है।

नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया (NASVI):

  • NASVI एक ऐसा संगठन है जो देशभर के हज़ारों स्ट्रीट वेंडरों के आजीविका अधिकारों की सुरक्षा के लिये कार्य कर रहा है।
  • वर्ष 1998 में एक नेटवर्क के रूप में शुरुआत करते हुए NASVI को वर्ष 2003 में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम- 1860 (Societies registration Act- 1860) के तहत पंजीकृत किया गया था।
  • उद्देश्य: NASVI की स्थापना का मुख्य उद्देश्य भारत में स्ट्रीट वेंडर संगठनों को एक साथ लाना था ताकि वृहद स्तर के बदलावों के लिये सामूहिक रूप से संघर्ष किया जा सके।

आवेदकों के लिये सुविधाएँ: 

  • केंद्र सरकार ने आवेदकों को ‘पसंदीदा ऋणदाता’ (Preferred Lender) या जहाँ विक्रेता का एक बचत खाता हो, के रूप में सूचीबद्ध बैंक शाखाओं में सीधे आवेदन भेजने का निर्णय लिया है।
    • प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिये एक सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है जो बैंकों को लगभग 3 लाख आवेदनों को भेज सकता है।

ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी (Swiggy) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर:

  • केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत स्ट्रीट फूड वेंडर्स को हज़ारों की संख्या में ग्राहक उपलब्ध कराने के लिये ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी (Swiggy) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
  • केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के प्रायोगिक कार्यक्रम के रूप में इस समझौते में 5 शहरों अहमदाबाद, चेन्नई, दिल्ली, इंदौर और वाराणसी के 250 विक्रेताओं को शामिल किया जाएगा।
  • आरंभिक कार्यक्रम की सफलता के उपरांत केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय तथा स्विगी इस पहल को देशभर में चरणबद्ध ढंग से लागू करेंगे।

प्रशिक्षण कार्यक्रम:  

  • स्ट्रीट वेंडर्स को पैन कार्ड और एफएसएसएआई (FSSAI) पंजीकरण उपलब्ध कराने के साथ-साथ साझेदार एप इस्तेमाल करने संबंधी तकनीकी प्रशिक्षण से लेकर मेन्यू डिज़िटाइजेशन और कीमत निर्धारण, स्वच्छता तथा पैकिंग की बेहतर प्रक्रिया के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

लाभ:

  • इस समझौते से स्ट्रीट वेंडर्स को ऑनलाइन माध्यम से बड़ी संख्या में ग्राहकों से जुड़ने का अवसर मिलेगा। 
  • इससे उनके व्यवसाय में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी होगी। 
  • केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की इस पहल से ऑनलाइन फूड डिलीवरी के क्षेत्र में लोकप्रिय मंच स्विगी से स्ट्रीट फूड वेंडर न सिर्फ तकनीकी रूप से सशक्त बनेंगे बल्कि उनकी आय के लिये बड़ा मार्ग प्रशस्त होगा।

पीएम स्वनिधि डैशबोर्ड का संशोधित संस्करण:

  • इस अवसर पर पीएम स्वनिधि डैशबोर्ड के संशोधित संस्करण को भी लॉन्च किया गया जो उपयोगकर्त्ताओं को न केवल पीएम स्वनिधि योजना की बेहतर जानकारी देगा बल्कि उत्पादों की तुलना हेतु अतिरिक्त उपकरणों की सुविधा भी प्रदान करेगा।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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