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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

पाकिस्तान का गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रांतीय दर्जा

  • 03 Nov 2020
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये

गिलगित-बाल्टिस्तान की भौगोलिक अवस्थिति

मेन्स के लिये

पाकिस्तान द्वारा गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रांतीय दर्जा देने के निर्णय का महत्त्व

चर्चा में क्यों?

गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांतीय दर्जा देने के पाकिस्तान के निर्णय को भारत ने दृढ़ता से खारिज कर दिया।

Gilgit-Baltistan

प्रमुख बिंदु:

  • गिलगित-बाल्टिस्तान भारत के विवादित क्षेत्रों में से एक है।
  • गिलगित-बाल्टिस्तान
    • यह केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के उत्तर-पश्चिम में उच्च भूमि पर स्थित क्षेत्र है।
    • यह रणनीतिक रूप से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन की सीमाओं पर स्थित है।
    • यद्यपि गिलगित-बाल्टिस्तान जम्मू-कश्मीर के पूर्ववर्ती रियासत का हिस्सा था, किंतु वर्ष 1947 में पाकिस्तान द्वारा समर्थित कबाइली सेना के आक्रमण के बाद 4 नवंबर, 1947 से यह क्षेत्र पाकिस्तान के नियंत्रण में है।
      • जम्मू-कश्मीर के अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह ने 26 अक्तूबर,  1947 को भारत के साथ ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ (Instrument of Accession) पर हस्ताक्षर किये।
      • भारत ने 1 जनवरी, 1948 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में  पाकिस्तानी आक्रमण का मुद्दा उठाया।
      • जम्मू-कश्मीर से पाकिस्तान सेना को वापस हटाने तथा इस क्षेत्र में भारतीय सेना की संख्या को न्यूनतम करने के लिये संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसके बाद वहाँ के लोगों की इच्छा जानने के लिये जनमत संग्रह आयोजन किया जाना था।
      • हालाँकि पाकिस्तान की सेनाएँ कभी वापस नहीं हुईं और यह दो देशों के बीच विवाद का विषय बना हुआ है।
  • पृष्ठभूमि:
    • हाल ही में पाकिस्तान के एक प्रमुख सहयोगी देश, सऊदी अरब ने अपने नए बैंक नोट से पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान के नक्शे से हटा दिया, क्योंकि भारत ने अपनी क्षेत्रीय सीमाओं के गलत प्रदर्शन पर सऊदी अरब को सुधारात्मक कदम उठाने के लिये कहा।
    • जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति वापस लेने की पहली वर्षगाँठ पर पाकिस्तान सरकार ने एक नया "राजनीतिक मानचित्र" जारी किया जिसमें जम्मू और कश्मीर, लद्दाख तथा पश्चिमी गुजरात के कुछ हिस्सों को शामिल किया गया था।
      • भारत सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि पाकिस्तान का तथाकथित नया राजनीतिक मानचित्र, “राजनीतिक गैर-बराबरी” की एक कवायद है, जो गुजरात, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर लगातार दावा कर रहा है
      • भारत ने यह कहते हुए दावा खारिज कर दिया कि हास्यापद बयानों की न तो कानूनी वैधता है और न ही अंतर्राष्ट्रीय विश्वसनीयता भारत ने यह कहते हुए कदम पीछे खींच लिये कि पाकिस्तान का नया प्रयास केवल सीमा पार आतंकवाद द्वारा समर्थित क्षेत्रीय आंदोलन के साथ पाकिस्तान के दुस्साहस की वास्तविकता की पुष्टि करता है
    • गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र 65 बिलियन अमेरिकी डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे की आधारभूत संरचना विकास योजना के केंद्र में है।
  • भारत का रुख:
    • भारत ने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू- कश्मीर और लद्दाख जिसमें गिलगित- बाल्टिस्तान भी शामिल है, पूरी तरह से कानूनी और अपरिवर्तनीय विलय के तहत भारत का अभिन्न अंग है।
    • गिलगित-बाल्टिस्तान को अपने पाँचवें प्रांत के रूप में शामिल करने के लिये पाकिस्तान द्वारा उठाया गया यह कदम सात दशकों से यहाँ रहने वाले लोगों के "मानव अधिकारों के उल्लंघन, शोषण और स्वतंत्रता पर पाबंदी को छुपा नहीं सकता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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