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डेली न्यूज़

आंतरिक सुरक्षा

ब्रू शरणार्थी समझौता

  • 16 Jan 2020
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

ब्रू समुदाय की भौगोलिक स्थिति

मेन्स के लिये:

आतंरिक सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव

चर्चा में क्यों?

ब्रू शरणार्थी संकट (Bru Refugee Crisis) को समाप्त करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार तथा त्रिपुरा सरकार, मिज़ोरम सरकार तथा ब्रू जनजाति के प्रतिनिधियों के बीच 16 जनवरी 2020 को समझौता किये जाने की उम्मीद है।

प्रमुख बिंदु:

  • संभावित नए समझौते के ड्राफ्ट के अनुसार, लगभग 35,000 ब्रू शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाया जाएगा और केंद्र व राज्य सरकार द्वारा इनके पुनर्वास में मदद करने के लिये सहायता दी जाएगी।
  • नवंबर 2019 में त्रिपुरा सरकार ने ब्रू शरणार्थियों के पुनर्वास के लिये स्वीकृति प्रदान की थी।
  • वर्ष 2018 में हुए समझौते के अनुसार, ब्रू शरणार्थियों को मिज़ोरम में बसाया गया जबकि नए समझौते के ड्राफ्ट के अनुसार अब इन्हें त्रिपुरा में बसाया जाएगा।
  • संभावित नए समझौते के ड्राफ्ट के अनुसार, ब्रू समुदाय के प्रत्येक परिवार को कृषि भूमि के पट्टों के अलावा व्यक्तिगत भू-खंड भी आवंटित किये जाएंगे।
  • प्रत्येक व्यक्तिगत भू-खंड 2,500 वर्ग फीट का होगा। इसके अतिरिक्त प्रत्येक परिवार को आजीविका हेतु प्रतिमाह 5,000 रुपए की आर्थिक मदद तथा अगले दो वर्षों तक निशुल्क राशन प्रदान किया जाएगा।
  • ब्रू समुदाय को त्रिपुरा की मतदाता सूची में भी सम्मिलित किया जाएगा।

ब्रू समुदाय (Bru Community)

  • ब्रू समुदाय पूर्वोत्तर भारत तथा बांग्लादेश के चटगाँव पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाला एक जनजातीय समूह है।
  • मिज़ोरम में ब्रू समुदाय को अनुसूचित जनजाति का एक समूह तथा त्रिपुरा में एक अलग जाति समूह माना जाता है।
  • ब्रू समुदाय को त्रिपुरा में रिआंग (Reang) नाम से जाना जाता है।
  • इस समुदाय के लोग ब्रू भाषा बोलते हैं।

पृष्ठभूमि:

  • ब्रू समुदाय का आवासीय क्षेत्र भारत में मिज़ोरम, त्रिपुरा और बांग्लादेश में चटगाँव पहाड़ी के कुछ क्षेत्रों तक फैला हुआ है।
  • वर्ष 1995 में मिज़ोरम राज्य के चुनावों में भागीदारी को लेकर ब्रू समुदाय और मिज़ो समुदाय के लोगों के मध्य तनाव उत्त्पन्न हो गया। मिज़ो समुदाय के लोगों का कहना था कि ब्रू समुदाय के लोग राज्य के निवासी नहीं हैं।
  • ब्रू और बहुसंख्यक मिज़ो समुदाय के लोगों के बीच वर्ष 1996 में हुआ सांप्रदायिक दंगा इनके पलायन का कारण बना।
  • वर्ष 1997 में ब्रू नेशनल लिबरेशन फ्रंट (Bru National Liberation Front-BNLF) ने एक मिज़ो अधिकारी की हत्या कर दी जिसके बाद दोनों समुदायों के बीच विवाद के चलते दंगे भड़क गए और अल्पसंख्यक होने के कारण ब्रू समुदाय को अपना घर-बार छोड़कर त्रिपुरा के शरणार्थी शिविरों में आश्रय लेना पड़ा।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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