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ओडिशा में हैं सबसे अधिक नॉन-परफॉर्मिंग NGOs: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय

  • 10 Jul 2018
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा एक सूची ज़ारी की गई है जिसके अनुसार, देश में सबसे अधिक नॉन-परफॉर्मिंग NGO की संख्या ओडिशा में है। उल्लेखनीय है कि इस तरह के संगठनों द्वारा किये गए कार्यों के प्रति जनता और प्रायोजकों को जागरूक  बनाने के लिये केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा जारी की गई यह अपनी तरह की पहली सूची है।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्रालय के अनुसार, ओडिशा में 289 नॉन-परफॉर्मिंग NGOs हैं जो कि राज्य में स्थित कुल गैर-सरकारी संगठनों का 80 प्रतिशत है। 
  • इस क्रम में आंध्र प्रदेश दूसरे नंबर पर है जहाँ 190 गैर-सरकारी संगठनों में से 149 नॉन-परफॉर्मिंग NGOs की सूची में हैं। 
  • दिल्ली में नॉन-परफॉर्मिंग NGOs की संख्या सबसे कम है। यहाँ 201 गैर-सरकारी संगठनों में से केवल 43 नॉन-परफॉर्मिंग की सूची में शामिल हैं।
  • महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने नॉन-परफॉर्मिंग NGOs को वर्गीकृत करने के लिये कई मानदंडों की एक सूची शामिल की है, जैसे किसी भी मंत्रालय या स्वायत्त निकाय जैसे नाबार्ड, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW), राष्ट्रीय महिला कोष और केंद्रीय सामाजिक कल्याण बोर्ड द्वारा की गई ब्लैकलिस्टिंग।
  • नॉन परफॉर्मिंग NGOs वे है जो कुछ गतिविधियों के लिये धन लेते हैं लेकिन उन्हें प्रदर्शित नहीं करते हैं।
  • गैर-सरकारी संगठन जिनके पास दर्पण पोर्टल पंजीकरण संख्या (नीति आयोग और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा प्रामाणिक निकायों की सूची के लिये सरकार द्वारा प्रस्तावित एक सुविधा) या FCRA पंजीकरण संख्या नहीं है वे नॉन-परफॉर्मिंग की श्रेणी में आते हैं। कुछ गैर-सरकारी संगठनों को "ब्लैकलिस्टेड" नामित किया गया है, जबकि अन्य को "ब्लैकलिस्टेड होने की प्रक्रिया में" कहा गया है।
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