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सुरक्षा

‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन

  • 08 Nov 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

‘नो मनी फॉर टेरर’ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन

मेन्स के लिये:

मुख्य बिंदु, भारत का दृष्टिकोंण

चर्चा में क्यों?

‘नो मनी फॉर टेरर’ (No Money for Terror) पर मंत्री स्तरीय सम्मेलन का आयोजन 6 से 8 नवंबर तक मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया) मे किया जा रहा है।

मुख्य बिंदु

इस सम्मेलन में आतंकवाद के वित्तपोषण (Terrorism Financing) को रोकने के लिये 5 विषयों पर विचार-विमर्श किया गया:

  • इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक एंड सीरिया (Islamic State in Iraq and Syria-ISIS) की क्षेत्रीय स्तर पर हार के बाद वैश्विक एवं हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में उत्पन्न नए खतरों (ISIS अब नए भौगोलिक क्षेत्रों में, सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन नए लड़ाकों को भर्ती करने का प्रयास करेगा) पर विचार करना।
  • आतंकवाद के वित्तपोषण (फिरौती के लिये अपहरण भी शामिल है) को रोकने के लिये अंतरर्राष्ट्रीय सहयोग और एक तंत्र की स्थापना करने के लिये समर्थन पर विचार करना।
  • आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिये सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की साझेदारी को बढ़ाने हेतु व्यावहारिक तरीकों की पहचान करना।
  • उभरती प्रौद्योगिकियों (क्रिप्टोकरेंसी, ऑनलाइन फ्रॉड) से उत्पन्न नए जोखिमों का पता लगाना।
  • गैर-लाभकारी संगठनों के वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता और सरकार द्वारा इनकी निगरानी से जुड़े मुद्दों पर विचार करना।

भारत का दृष्टिकोंण

भारत की ओर से निम्नलिखित 4 बिंदुओं को भी प्रस्ताव में शामिल करने का सुझाव दिया गया है:

  • आतंकवाद शांति, सुरक्षा और विकास के लिये सबसे बड़ा खतरा है।
  • सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र के तहत अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर एक व्यापक अभिसमय को मंजूरी देनी चाहिये।
  • फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स (Financial Action Task Force-FATF) के मानकों को प्रभावी रूप से लागू करने पर सहमति बनाने के साथ ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी आतंकी संगठनों की सूची एवं FATF का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिये।
  • कट्टरपंथ को आतंकवाद की प्रारंभिक चरण मानते हुए कट्टरपंथ के वित्तपोषण को रोकने हेतु पहल पर चर्चा।

उद्देश्य:

  • इस सम्मेलन का उद्देश्य नए आतंकी खतरों की पहचान, आतंकवाद के वित्तपोषण के नए तरीकों पर चर्चा एवं उन जोखिमों का मुकाबला करने के लिये सर्वोत्तम पद्धतियों और रणनीतियों को परस्पर साझा करना है।
  • डिजिटल और क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बढ़ते उपयोग, स्टोर् वैल्यू कार्ड (Stored Value Cards), ऑनलाइन भुगतान प्रणाली (Online Payment System) और क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म (Crowdfunding Platform) जैसे माध्यमों का प्रयोग आतंकवाद के वित्तपोषण हेतु किये जाने के खतरे को कम करना।

अन्य प्रमुख बिंदु

  • वर्ष 2020 में भारत ‘नो मनी फॉर टेरर’ पर मंत्री स्तरीय सम्मेलन की मेज़बानी करेगा।
  • वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2017 के अनुसार, आतंकवादी घटनाओं के कारण वैश्विक स्तर पर 52 बिलियन अमेरिकी डॉलर आर्थिक हानि का अनुमान था।

‘नो मनी फॉर टेरर’ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन

(No Money for Terror Ministerial Conference)

  • यह सम्मेलन एग्मोंट ग्रुप (Egmont Group) द्वारा आयोजित किया जाता है।
  • यह एग्मोंट ग्रुप 164 देशों की वित्तीय खुफिया इकाइयों (Financial Intelligence Units) का समूह है।
  • वर्ष 2018 में इस सम्मेलन का प्रथम आयोजन पेरिस में किया गया था।
  • यह समूह मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के लिये विशेषज्ञता एवं वित्तीय खुफिया जानकारी के सुरक्षित आदान-प्रदान के लिये एक मंच प्रदान करता है।

स्रोत: PIB

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