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डेली न्यूज़

भारतीय अर्थव्यवस्था

न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB)

  • 19 Aug 2021
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये

न्यू डेवलपमेंट बैंक, ब्रिक्स समूह

मेन्स के लिये

न्यू डेवलपमेंट बैंक के विस्तार की आवश्यकता और इसकी कार्यपद्धति से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘ब्रिक्स’ (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) समूह की बैठक के दौरान भारत ने प्रस्तावित किया कि उद्योग को बढ़ावा देने के साथ-साथ सामाजिक बुनियादी अवसंरचना को मज़बूत करने के लिये ‘न्यू डेवलपमेंट बैंक’ के दायरे का विस्तार किया जाए।

  • सामाजिक बुनियादी अवसंरचना में स्वास्थ्य, शिक्षा और आवास जैसी सामाजिक सेवाओं का समर्थन करने वाली सुविधाओं का निर्माण और रखरखाव शामिल है।
  • भारत वर्ष 2021 के लिये ब्रिक्स समूह की अध्यक्षता कर रहा है।

प्रमुख बिंदु

‘न्यू डेवलपमेंट बैंक’ के विषय में

  • यह वर्ष 2014 में ब्राज़ील के ‘फोर्टालेज़ा’ में आयोजित छठे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देशों द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित एक बहुपक्षीय विकास बैंक है।
  • इसका गठन ब्रिक्स और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं में नवाचार एवं अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से तीव्र विकास के लिये बुनियादी अवसंरचना एवं सतत् विकास प्रयासों का समर्थन करने हेतु किया गया था।
  • इसका मुख्यालय शंघाई (चीन) में स्थित है।
  • वर्ष 2018 में ‘न्यू डेवलपमेंट बैंक’ ने संयुक्त राष्ट्र के साथ सक्रिय और उपयोगी सहयोग के लिये एक मज़बूत आधार स्थापित करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त किया था।
  • उद्देश्य
    • सदस्य देशों के विकास को बढ़ावा देना।
    • आर्थिक विकास का समर्थन करना।
    • प्रतिस्पर्द्धात्मकता को बढ़ावा देना और रोज़गार सृजन की सुविधा प्रदान करना।
    • विकासशील देशों के बीच ज्ञान साझाकरण मंच का निर्माण करना।
  • अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिये यह बैंक ऋण, गारंटी, इक्विटी भागीदारी और अन्य वित्तीय साधनों के माध्यम से सार्वजनिक या निजी परियोजनाओं का समर्थन करता है।

भारत में NDB  द्वारा वित्तपोषित प्रमुख परियोजनाएंँ:

उपलब्धियांँ:

  • नवाचार:
    • कुछ क्षेत्रों में NDB के नवाचार कामयाब रहे हैं, जैसे उधार लेने वाले देशों को मज़बूत डॉलर से बचाने के लिये स्थानीय मुद्राओं में उधार देना, जो इसकी संस्थापक विशेषताओं में से एक था।
    • NDB का एक और नवाचार यह है कि बैंक अपने सदस्यों की नीतियों का सम्मान करते हुए उधारकर्त्ताओं द्वारा डिज़ाइन किये गए पर्यावरण और सामाजिक मानकों के अनुपालन हेतु मानकों को स्वीकार करता है।
  • अन्य विकास बैंकों के साथ साझेदारी:
    • NDB द्वारा लैटिन अमेरिकी क्षेत्रीय विकास बैंक सीएएफ, चीन के नेतृत्व वाले महत्त्वपूर्ण संस्थान एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक और विश्व बैंक समूह जैसे महत्त्वपूर्ण विकास बैंकों के साथ साझेदारी स्थापित की गई है।
    • AA+ क्रेडिट रेटिंग:
    • NDB की क्रेडिट रेटिंग AA+ है, जो अधिकतम अर्थात् AAA से एक कम है अधिकतम क्रेडिट रेटिंग (AAA) अन्य विकास बैंकों जैसे- AIIB के पास है। यह इसके कई सदस्यों, विशेष रूप से ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका के घरेलू स्तर पर कठिन आर्थिक स्थितियों का सामना करने के बावजूद है।
  • विभिन्न बॉण्डों का प्रसार:
    • वर्ष 2016 में बैंक ने 'ग्रीनबॉण्ड' सहित कई बॉण्ड सफलतापूर्वक जारी किये तथा वर्तमान में सदस्य देशों में 42 परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है जो कुल 12 बिलियन अमेरिकी  डाॅलर से अधिक की हैं और AIIB's के लगभग 8 बिलियन अमेरिकी  डाॅलर के पोर्टफोलियो से अधिक है।

    मुद्दे :

    • ऋणों का कम संवितरण :
      • हालाँकि बैंक ने 12 बिलियन अमेरिकी डाॅलर से अधिक के ऋण को मंज़ूरी दी है, लेकिन इसने अब तक 1 बिलियन अमेरिकी डाॅलर से कम का वितरण किया है, जो कि न्यूनतम आँकड़े को प्रदर्शित करता है।
    • राजनीतिक अस्थिरता :
      • चीन और भारत के बीच संबंधों में दरार आ गई, रूस के खिलाफ प्रतिबंधों ने रूसी कंपनियों को उधार देना मुश्किल बना दिया जिसके परिणामस्वरूप दक्षिण अफ्रीका और ब्राज़ील दोनों में राजनीतिक अस्थिरता एवं आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया।
      • एक अस्थिर राजनीतिक व्यवस्था में विकासशील देशों के हितों को आगे बढ़ाना जटिल कार्य साबित हुआ, जिसमें सदस्य देशों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन नहीं किया।
    • स्थिरता का मुद्दा :
      • हालाँकि एनडीबी ने हाल ही में ब्राज़ील में जलवायु परिवर्तन शमन और अनुकूलन तथा भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के लिये ऋणों को मंज़ूरी दी है, लेकिन इसने कई परियोजनाओं को स्थायी के रूप में  चिह्नित किया है, जो इसके द्वारा उपयोग किये जाने वाले मानदंडों की व्याख्या किये बिना पर्यावरण की दृष्टि से संदिग्ध हैं।
        • इसकी स्थायी परियोजनाओं में से एक ब्राज़ील में ट्रांस-अमेज़ोनियन राजमार्ग है, जो एक अत्यधिक विवादास्पद सड़क है जिसे कई पर्यावरणविद दुनिया के सबसे बड़े उष्णकटिबंधीय वर्षावन में वनों की कटाई को तीव्र गति प्रदान करने हेतु दोषी ठहराते हैं।

    आगे की राह

    • निकट भविष्य में इसके सदस्य देशों और अन्य कमज़ोर देशों के लिये स्वास्थ्य देखभाल क्षमताओं व राष्ट्रीय स्वास्थ्य तैयारियों पर ज़ोर दिया जाना चाहिये, जिसमें कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिये विशेष सहायता, आय और नौकरियों के मामले में सामाजिक तथा आर्थिक सुधार सहायता शामिल है।
    • एक मध्यम अवधि के दृष्टिकोण से वायु प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने और जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन के लिये मेगा-शहरों तथा घनी आबादी वाले समूहों में शहरी लचीलेपन को मज़बूत करने हेतु निवेश पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
    • अपने वर्तमान अवधारणा को ध्यान में रखते हुए ब्रिक्स (BRICS) और अन्य देशों के समग्र ऊर्जा मिश्रण में इनके प्रसार को बेहतर बनाने में मदद करने के लिये अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों (सौर, पवन व बायोमास) हेतु प्राथमिकता होनी चाहिये। इन सभी प्रयासों में बैंक लंबे समय वित्तीय स्थिरता हेतु सार्वजनिक-निजी भागीदारी के लिये तंत्र विकसित करने का प्रयास कर सकता है।

    स्रोत: इंडियन एक्स्प्रेस

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