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शासन व्यवस्था

मॉब लिंचिंग को नियंत्रित करने हेतु उच्च स्तरीय समिति का गठन

  • 24 Jul 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

राजस्थान के अलवर में गो-रक्षकों द्वारा 28 वर्षीय रकबर खान की हत्या किये जाने के तीन दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घटना की जाँच करने और निवारक उपायों का प्रस्ताव देने के लिये एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है।

प्रमुख बिंदु 

  • इन स्थितियों से निपटने के लिये सरकार ने केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो इन मामलों पर विचार करेगी और अनुशंसाएँ देगी।
  • न्याय विभाग, कानूनी मामलों के विभाग, विधायी विभाग तथा सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव इस समिति के सदस्य बनाए गए हैं। समिति चार सप्ताह में अपनी अनुशंसाएँ सरकार के समक्ष पेश करेगी।
  • सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय मंत्री समूह के गठन का भी निर्णय लिया है जो अनुशंसाओं पर विचार करेगा।
  • मंत्री समूह में निम्नलिखित मंत्रालयों के मंत्री शामिल हैं- विदेश, सड़क परिवहन व राजमार्ग, नौवहन, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण, कानून व न्याय तथा सामाजिक न्याय व अधिकारिता। मंत्री समूह अपनी अनुशंसाएँ प्रधानमंत्री को सौंपेगा|
  • सरकार देश के कुछ हिस्सों में भीड़ द्वारा हिंसा किये जाने की घटनाओं से चिंतित है। सरकार ने पहले भी ऐसी घटनाओं की निंदा की है और संसद में अपना रुख स्पष्ट किया है कि वह कानून का शासन बनाए रखने के लिये प्रतिबद्ध है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये प्रभावी कदम उठा रही है।
  • संविधान के अनुसार, पुलिस और कानून व्यवस्था राज्य के विषय हैं। अपराध को नियंत्रित करने, कानून-व्यवस्था को बनाए रखने तथा नागरिकों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करने के लिये राज्य सरकारें ज़िम्मेदार हैं। अपराध की रोकथाम करने के लिये कानून बनाने तथा उन्हें लागू करने का अधिकार राज्य सरकारों के पास है।
  • 04 जुलाई, 2018 को बच्चा-चोरी के संदेह में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डालने के मामले में भी सरकार द्वारा ऐसी घटनाओं पर नियंत्रण के लिये सलाह जारी की गई थी। इसके पहले 9 अगस्त, 2016 को गो-रक्षा के नाम पर उपद्रवियों द्वारा गड़बड़ी फैलाने के संदर्भ में भी सरकार ने सलाह जारी करते हुए कठोर कार्रवाई करने को कहा था।
  • सरकार ने सलाह जारी करते हुए राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि वे भीड़ की हिंसा और भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डालने की घटनाओं की रोकथाम के लिये प्रभावी कदम उठाएँ और इन मामलों में कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई करें। 
  • राज्य सरकारों को सलाह दी गई है कि वे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 17 जुलाई, 2018 को दिये गए दिशा-निर्देशों को लागू करें।
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