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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

बेलारूस-पोलैंड सीमा संकट

  • 15 Nov 2021
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये: 

यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र अभिसमय, 1951 या शरणार्थी अभिसमय, अरब स्प्रिंग 

मेन्स के लिये:

बेलारूस-पोलैंड सीमा संकट का वर्तमान कारण 

चर्चा में क्यों?   

हाल ही में बेलारूस और रूस के पैराट्रूपर्स (Paratroopers) द्वारा पोलैंड और लिथुआनियाई सीमाओं के पास संयुक्त अभ्यास किया गया।

  • यह अभ्यास उस समय संपन्न हुआ जब सीमावर्ती जंगलों में डेरा डाले हुए प्रवासियों को लेकर बेलारूस और यूरोपीय संघ (European Union- EU) के मध्य गतिरोध की स्थिति है।

Belarus

प्रमुख बिंदु 

  • पृष्ठभूमि:
    • अगस्त 2020 के चुनाव के बाद से बेलारूस में महीनों विरोध प्रदर्शन हुए, जिसने सत्तावादी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको को छठा कार्यकाल प्रदान किया।
      • विपक्ष और पश्चिम देशों ने परिणाम को दिखावा बताकर खारिज कर दिया।
    • बेलारूस के अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एक भीषण कार्रवाई की गई, जिसमें 35,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया और पुलिस द्वारा हज़ारों लोगों को पीटा गया।
    • यूरोपीय संघ और अमेरिका ने बेलारूस सरकार पर प्रतिबंध लगाकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
    • मई 2021 में बेलारूस द्वारा एक यात्री जेट को जबरन डायवर्ट किया गया तथा  "स्टेट पाइरेसी" (जहांँ राज्य शामिल है) के रूप में पश्चिमी शक्तियों द्वारा निंदा किये गए एक अधिनियम के तहत गिरफ्तार करने हेतु एक विपक्षी पत्रकार से हाथापाई की गई जिसके बाद प्रतिबंधों को और मज़बूत कर दिया गया।
      • बेलारूस सरकार ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह अब अवैध प्रवासन को रोकने हेतु समझौते का पालन नहीं करेगा तथा तर्क दिया कि प्रवासियों के प्रवाह को रोकने के लिये यूरोपीय संघ ने प्रतिबंधों द्वारा आवश्यक धन से उनकी सरकार को वंचित कर दिया।
      • यह अनिर्दिष्ट प्रवासियों और शरणार्थियों को यूरोपीय संघ तक पहुंँचने की कोशिश से रोक देगा।
    • बेलारूस में विपक्ष ने यूरोपीय संघ से और भी सख्त कदम उठाने का आग्रह किया है, जिसमें व्यापार प्रतिबंध तथा बेलारूस के माध्यम से कार्गो के पारगमन पर प्रतिबंध लगाना शामिल है।
      • हालाँकि बेलारूस सरकार ने बेलारूस से पाइपलाइनों के माध्यम से यूरोप को रूस से गैस की आपूर्ति में कटौती करने की धमकी दी है लेकिन रूस उस खतरे से खुद को दूर करता हुआ दिखाई दिया।
  • वर्तमान संकट:
    • पोलैंड यूरोपीय संघ का सदस्य है। 
      • पोलैंड पर दक्षिणपंथी लोकलुभावन लॉ एंड जस्टिस पार्टी (PiS) का शासन है जो अप्रवासियों के प्रति शत्रुतापूर्ण व्यवहार रखती है। 
    • मध्य पूर्व से आने वाले हज़ारों लोग पोलैंड के साथ सीमा पर डेरा डाले हुए हैं, ठंड की स्थिति को सहन करने वाले प्रवासियों में महिलाएंँ और बच्चे भी शामिल हैं।
  • रूस का समर्थन:
    • बेलारूस को अपने मुख्य सहयोगी रूस से मज़बूत समर्थन प्राप्त है, जिसने लुकाशेंको की सरकार को ऋण और राजनीतिक समर्थन के साथ मदद की है।
    • रूस ने कहा कि इराक और अफगानिस्तान में प्रवासियों का प्रवाह अमेरिका के नेतृत्व वाले युद्धों और मध्य पूर्व तथा उत्तरी अफ्रीका में पश्चिमी समर्थित अरब स्प्रिंग विद्रोह के परिणामस्वरूप हुआ। 
    • बेलारूस के साथ अपनी सीमा पर पोलैंड की सेना द्वारा किये गए निर्माण कार्य के जवाब में रूस ने सीमा क्षेत्र में गश्त के लिये दो रणनीतिक, लंबी दूरी के टीयू-22एम3 बमवर्षक भेजे।
    • रूस ने भी यह तर्क देते हुए प्रवासी संकट के लिये यूरोपीय संघ को पूरी तरह से दोषी ठहराया है कि यह संकट पैदा होने का मुख्य कारण शरणार्थियों को स्वीकार करने से यूरोपीय संघ का इनकार था।
  • यूरोपियन संघ का पक्ष:
    • यूरोपीय संघ ने पोलैंड, लिथुआनिया और लातविया के साथ एकजुटता का मज़बूत प्रदर्शन किया है। यूरोपीय संघ के अधिकारियों से बेलारूस के खिलाफ प्रतिबंधों के एक और दौर पर चर्चा किये जाने की उम्मीद है।
    • यूरोपीय संघ ने बेलारूस पर हज़ारों प्रवासियों, मुख्य रूप से पश्चिम एशिया से उड़ान भरने और पोलैंड में अवैध रूप से सीमा पार करने की कोशिश करने से रोककर इस ब्लॉक पर "हाइब्रिड हमला" करने का आरोप लगाया है। 
      • बेलारूस के पड़ोसियों ने चिंता व्यक्त की है कि यह संकट एक सैन्य टकराव के रूप में आगे बढ़ सकता है।
      • हालाँकि बेलारूस ने भी प्रवासियों के प्रवाह को प्रोत्साहित करने से इनकार किया है और कहा कि यूरोपीय संघ प्रवासियों के अधिकारों का उल्लंघन कर उन्हें सुरक्षित मार्ग से वंचित कर रहा है।
  • वैश्विक प्रतिक्रिया:
    • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पश्चिमी सदस्यों ने पोलैंड से लगी सीमा पर फँसे प्रवासियों के बढ़ते संकट के लिये बेलारूस की निंदा की है।
    • संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी और प्रवासन हेतु अंतर्राष्ट्रीय संगठन (आईओएम) स्थिति के तत्काल समाधान तथा यूरोपीय संघ के लिये तत्काल एवं निर्बाध पहुँच सुनिश्चित करने के प्रयास कर रहे हैं ताकि मानवीय सहायता प्रदान की जा सके।

आगे की राह

  • यूरोपीय संघ के बेलारूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाने के साथ ही पोलैंड ने प्रवासियों को बाहर रखने का दृढ़ संकल्प किया, बेलारूस बिना भोजन या पानी के जंगलों में डेरा डाले हुए प्रवासियों की सहायता के लिये उपाय करने को तैयार नहीं है और हज़ारों प्रवासियों का भाग्य इस पर टिका हुआ है।
  • यूरोपीय संघ को अपने हिस्से के लिये पोलैंड के साथ एकजुटता की अपनी अंधी घोषणाओं को रोकना चाहिये और सीमा पर मानवीय समाधान हेतु तुरंत काम करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की मदद से सरकार पर दबाव डालना चाहिये।

स्रोत: द हिंदू  

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