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डेली न्यूज़

भारतीय राजव्यवस्था

प्रवासियों का शहर बनते जा रहे हैं दिल्ली तथा देश के अन्य महानगर

  • 29 Jul 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, दिल्ली में रहने वाली लगभग 38.5 प्रतिशत आबादी दिल्ली से बाहर जन्मी है।

प्रमुख बिंदु

Migrant magnets

  • इस स्थिति को देखते हुए यदि दिल्ली को प्रवासियों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला चुंबक कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
  • दिल्ली की तुलना में चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता जैसे राज्यों में राज्य के बाहर जन्मे लोगों की संख्या 10 प्रतिशत से भी कम थी।
  • देश के अन्य प्रमुख राज्यों, जैसे- मुंबई, बेंगलुरु और पुणे में इस प्रकार की आबादी क्रमशः 27.7, 17.3 और 10.1 प्रतिशत थी।
  • मिलेनियम सिटी के रूप में जाना जाने वाला गुरुग्राम (जो दिल्ली NCR में शामिल है) भी इस सूची में दिल्ली के आस-पास ही दिखाई पड़ता है, जहाँ तक़रीबन 36 प्रतिशत आबादी का जन्म किसी अन्य स्थान पर हुआ था।
  • दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर, जिसमें नोएडा और ग्रेटर नोएडा शामिल हैं, में भी ऐसे प्रवासियों की संख्या लगभग 18.4 प्रतिशत के आस-पास थी।
  • आँकड़ों से पता चलता है कि बड़े शहरों की ओर होने वाला अधिकतर पलायन राज्यगत (Intra-State) होता है न कि अंतर-राज्यीय (inter-State)। ऐसे में इस बात में कोई दम नहीं दिखाई देता कि महानगरों में आने वाले प्रवासी उस क्षेत्र विशेष का रोज़गार छीन रहे हैं।
  • 2011 की जनगणना के आँकड़ों में यह भी पाया गया कि कई बड़े शहरों में होने वाला अंतर-राज्यीय पलायन अधिकतर अंतर-क्षेत्रीय पलायन भी होता था, क्योंकि अधिकांश प्रवासी अपने घर के आस-पास ही रहने को वरीयता देते थे।
  • उदाहरण के लिये चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद में आने वाले अधिकतर प्रवासी उत्तर भारत से न आकर दक्षिण भारत से आए थे और इसी तरह कोलकाता के प्रवासियों की बड़ी संख्या बिहार और झारखंड से थी।
  • भारत के आई.टी. हब, बेंगलुरु की बात करें तो वहाँ की 17.3 प्रतिशत जनसंख्या का जन्म कर्नाटक से बाहर हुआ था तथा इसमें से दो-तिहाई आबादी सिर्फ आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु से आई थी।
  • उपलब्ध आँकड़ों में उपरोक्त तथ्यों के कुछ अपवाद भी मौजूद हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान से बड़े शहरों में होने वाले प्रवास की वज़ह से देश के लगभग हर बड़े शहर में इन तीन राज्यों के लोगों की मौजूदगी है।
  • उपरोक्त तीन राज्यों (उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान) का अन्य बड़े शहरों जैसे- दिल्ली, गुरुग्राम और मुंबई में आबादी प्रतिशत क्रमशः 26, 19 और 15 है। इसके अतिरिक्त इन राज्यों के लोग पुणे और बेंगलुरु में भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं।

स्रोत: द हिंदू (बिजनेस लाइन)

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