भारतीय राजव्यवस्था
एकल पुरुष अभिभावक के लिये चाइल्ड केयर लीव
- 27 Oct 2020
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प्रिलिम्स के लियेछठा और सातवाँ वेतन आयोग, चाइल्ड केयर लीव मेन्स के लियेसरकारी कर्मचारियों की दक्षता बढ़ाने हेतु सरकार के प्रयास |
चर्चा में क्यों?
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) द्वारा किये गए कुछ प्रमुख सुधारों के बारे में सूचना देते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने घोषणा की है कि पुरुष सरकारी कर्मचारी भी अब बच्चों की देखभाल से संबंधित ‘चाइल्ड केयर लीव’ प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) द्वारा इस संबंध में पहले ही आदेश जारी कर दिया गया था, किंतु कुछ कारणों की वजह से लाभार्थियों तक इसका प्रचार नहीं हो सका था।
- कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) के निर्णय के मुताबिक, केंद्र सरकार के केवल वही पुरुष कर्मचारी ‘चाइल्ड केयर लीव’ (Child Care Leave) प्राप्त कर सकेंगे, जो ‘एकल पुरुष अभिभावक’ हैं, जिसमें ऐसे पुरुष कर्मचारी शामिल हैं जो विधुर (Widower) अथवा तलाकशुदा हैं या फिर अविवाहित हैं और इस कारण एकल अभिभावक के रूप में उन पर बच्चे की देखभाल करने का उत्तरदायित्त्व है।
- ‘चाइल्ड केयर लीव’ पर जाने वाला कोई कर्मचारी अब सक्षम प्राधिकारी की पूर्व स्वीकृति से मुख्यालय छोड़ सकता है। इसके अलावा ‘चाइल्ड केयर लीव’ पर जाने वाले कर्मचारी छुट्टी के दौरान भी ‘लीव ट्रैवल कंसेशन’ (LTC) का लाभ उठा सकते हैं।
- दिव्यांग बच्चे के मामले में ‘चाइल्ड केयर लीव’ को बच्चे की 22 वर्ष की आयु तक ही दिये जाने के प्रावधान को हटा दिया गया है और अब किसी भी उम्र के दिव्यांग बच्चे के लिये सरकारी कर्मचारी द्वारा ‘चाइल्ड केयर लीव’ का लाभ उठाया जा सकता है।
महत्त्व
- केंद्र सरकार के इस निर्णय को सरकारी कर्मचारियों के जीवन को और अधिक आसान बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण तथा प्रगतिशील सुधार के रूप में देखा जा सकता है।
- इससे पूर्व एकल पुरुष अभिभावकों को प्रायः अपने बच्चों की देखभाल के लिये समस्याओं का सामना करना पड़ता था।
- इन सुधारों से उन सरकारी कर्मचारियों को काफी लाभ होगा, जिनके बच्चे किसी प्रकार की दिव्यंगता से प्रभावित हैं।
- इन सभी फैसलों का मूल उद्देश्य एक सरकारी कर्मचारी को अपनी अधिकतम क्षमता के साथ योगदान करने में सक्षम बनाना है। विदित हो कि सातवें केंद्रीय वेतन आयोग ने भी ऐसे पुरुष सरकारी कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लीव (CCL) का लाभ प्राप्त करने की अनुमति देने की सिफारिश की थी, जो अकेले बच्चे का पालन-पोषण कर रहे हैं।
चाइल्ड केयर लीव (CCL)
- नियमों के अनुसार, चाइल्ड केयर लीव (CCL) अब तक महिला सरकारी कर्मचारियों को उनके छोटे बच्चों (18 वर्ष की आयु तक) की देखभाल के लिये पूरी सेवा के दौरान अधिकतम दो वर्ष (730 दिन) के लिये दी जाती थी।
- चाइल्ड केयर लीव (CCL) का लाभ केवल 2 बच्चों तक ही प्राप्त किया जा सकती है।
- चाइल्ड केयर लीव (CCL) से संबंधित अवकाश की मंज़ूरी पहले 365 दिनों के लिये 100 प्रतिशत सवेतन अवकाश और अगले 365 दिनों के लिये 80 प्रतिशत सवेतन अवकाश के साथ दी जाती है, जिसकी सिफारिश सातवें केंद्रीय वेतन आयोग द्वारा की गई थी।
- पृष्ठभूमि
- असल में छठे केंद्रीय वेतन आयोग ने सरकार से ऐसी नीतियाँ बनाने की सिफारिश की थी, जिससे महिला कर्मचारी अपनी पारिवारिक ज़िम्मेदारी निभा सकें, इसी के साथ केंद्र सरकार ने महिला कर्मचारियों के लिये चाइल्ड केयर लीव (CCL) की शुरुआत की।