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डेली न्यूज़


कृषि

अंतर्राष्ट्रीय बीज संधि

  • 14 Nov 2019
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

अंतर्राष्ट्रीय बीज संधि, PPV&FR 2001, FAO

मेन्स के लिये:

बीजों पर बौद्धिक संपदा अधिकार से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

खाद्य और कृषि के लिये वनस्पति आनुवंशिक संसाधनों की अंतर्राष्ट्रीय संधि के शासी निकाय का आठवाँ सत्र (रोम) इटली में 11 से 16 नवंबर, 2019 तक आयोजित किया जा रहा है।

प्रमुख बिंदु

  • इसका शासी निकाय सत्र अर्द्धवार्षिक रूप से आयोजित किया जाता है।
  • भारत द्वारा संबंधित मुद्दों को दूर करने के लिये वनस्पति आनुवंशिक संसाधनों के संरक्षण और भारतीय कानून संरक्षण की विविधता और किसानों के अधिकार (Protection of Plant Varieties and Farmers’ Rights- PPV&FR) अधिनियम की विशिष्टता पर चर्चा की गई।

खाद्य और कृषि के लिये वनस्पति आनुवांशिक संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय संधि
(International Treaty of Plant Genetic Resources for Food and Agriculture- ITPGRFA)

  • इसे 3 नवंबर 2001 को संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization- FAO) के 31वें सत्र सम्मेलन में अपनाया गया था।

उद्देश्य:

  • किसानों का योगदान: फसलों की विविधता को पहचानने के लिये किसानों का योगदान।
  • पहुँच और लाभ साझा करना (Access and Benefit Sharing): किसानों, पौधों के प्रजनकों (Breeders) और वैज्ञानिकों को आनुवंशिक सामग्री के उपयोग की सुविधा प्रदान करने के लिये एक वैश्विक प्रणाली स्थापित करना।
  • संधारणीयता (Sustainability): खाद्य और कृषि के लिये संयंत्र आनुवंशिक संसाधनों (Plant Genetic Resource) का संरक्षण और निरंतर उपयोग करना तथा उनके उपयोग से होने वाले लाभों का उचित- न्यायसंगत साझाकरण एवं जैविक विविधता पर सम्मेलन (Convention on Biological Diversity) के साथ स्वभाव।
  • यह बीज संधि के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह विश्व के खाद्य और कृषि के लिये वनस्पति आनुवंशिक संसाधन के संरक्षण, विनिमय और स्थायी उपयोग के माध्यम से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये एक व्यापक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है।
  • भारत इस संधि का हस्ताक्षरकर्त्ता (Signatory) देश है।

पौधों की विविधता और किसानों के अधिकार अधिनियम, 2001
Protection of Plant Varieties and Farmers’ Rights (PPV&FR) Act, 2001

  • इसका उद्देश्य किसानों और प्रजनकों (Breeder’s) के अधिकारों की रक्षा करना है।
  • अधिनियम के अनुसार, एक किसान ब्राॅण्ड (Brand) के नाम को छोड़कर PPV&FR अधिनियम, 2001 के तहत संरक्षित किस्म के बीज सहित अपने खेत की उपज को सुरक्षित करने (Save), उपयोग करने, बोने, विनिमय करने, साझा करने या बेचने का हकदार है।
  • यह अधिनियम अंतर्राष्ट्रीय संधि के अनुच्छेद-9 के अनुरूप है।
  • इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत, 138 कृषकों/कृषक समुदायों को पादप किस्मों और किसानों के अधिकार प्राधिकरण द्वारा संयंत्र जीनोम उद्धारकर्त्ता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • यह पुरस्कार प्रतिवर्ष किसानों को आनुवंशिक संसाधनों (एक संवर्द्धित पौधे की गतिशील जनसंख्या) और वाणिज्यिक पौधों को नुकसान पहुँचाने वाले आक्रामक पौधों के उन्मूलन में लगे किसानों को दिया जाता है।

स्रोत- PIB

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