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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

भारतीय सेना की ‘क्वांटम कंप्यूटिंग प्रयोगशाला’ और ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता केंद्र’

  • 31 Dec 2021
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

क्वांटम कंप्यूटिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता/आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, औद्योगिक क्रांति 4.0

मेन्स के लिये:

क्वांटम टेक्नोलॉजी के अनुप्रयोग और इससे जुड़ी चुनौतियाँ, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इसके फायदे एवं नुकसान।

चर्चा में क्यों?

भारतीय सेना ने मध्य प्रदेश के महू में ‘क्वांटम कंप्यूटिंग’ प्रयोगशाला और ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ हेतु एक केंद्र स्थापित किया है।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय

    • इस ‘क्वांटम कंप्यूटिंग प्रयोगशाला’ की स्थापना विभिन्न प्रमुख तकनीकी क्षेत्रों में अनुसंधान एवं प्रशिक्षण का नेतृत्व करने हेतु ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय’ (NSCS) की मदद से की गई है।
      • राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद’ एक त्रिस्तरीय संगठन है जो सामरिक चिंता के राजनीतिक, आर्थिक, ऊर्जा और सुरक्षा मुद्दों का प्रबंधन करता है।
    • भारतीय सेना ने इसी संस्थान में एक ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ (AI) केंद्र भी स्थापित किया है, जिसमें विभिन्न अग्रणी क्षेत्रों में 140 से अधिक उद्योगविदो और शिक्षाविदों का सक्रिय समर्थन शामिल है।
    • भारतीय सेना द्वारा अत्याधुनिक साइबर रेंज और साइबर सुरक्षा प्रयोगशालाओं के माध्यम से साइबर युद्ध पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
  • उद्देश्य:

    • दोनों केंद्र सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग के लिये परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियों के विकास में व्यापक शोध करेंगे।
    • साथ ही ये केंद्र क्वांटम प्रोद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धि जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान और प्रशिक्षण की सुविधा भी प्रदान करेंगे।
    • ये केंद्र संचार के क्षेत्र में प्रगति सुनिश्चित करने में मदद करेंगे और क्रिप्टोग्राफी की वर्तमान प्रणाली को पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी में बदलने में भी मददगार साबित होंगे।
    • क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन, क्वांटम कंप्यूटिंग और क्वांटम संचार, क्वांटम प्रौद्योगिकी के प्रमुख क्षेत्र हैं।
      • ‘क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन’ जिसे ‘क्वांटम क्रिप्टोग्राफी’ भी कहा जाता है, सुरक्षित संचार विकसित करने का एक तंत्र है।

क्वांटम प्रौद्योगिकी/कंप्यूटिंग

  • परिचय:

    • क्वांटम प्रौद्योगिकी, क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों पर आधारित है जिसे 20वीं शताब्दी की शुरुआत में परमाणुओं और प्राथमिक कणों की प्रकृति का वर्णन करने के लिये विकसित किया गया था।
      • क्वांटम सुपरपोज़िशन इनक्रिपटेड कोड या सुपर-स्पीड सूचना प्रसंस्करण का एक सेट है जो समानांतर में काम करने वाले कई क्लासिकल कंप्यूटरों की नकल कर सकता है।
    • क्वांटम कंप्यूटर क्यूबिट्स में गणना करते हैं। वे क्वांटम यांत्रिकी के गुणों का फायदा उठाते हैं और यह नियंत्रित करता है कि परमाणु पैमाने पर पदार्थ कैसे व्यवहार करता है।
    • इस क्रांतिकारी तकनीक के पहले चरण ने प्रकाश तथा पदार्थ की अंतःक्रिया सहित भौतिक जगत के बारे में हमारी समझ विकसित करने के लिये आधार प्रदान किया और लेज़र एवं अर्द्धचालक ट्रांजिस्टर जैसे आविष्कारों को बढ़ावा दिया।
  • अनुप्रयोग:

    • सुरक्षित संचार:
      • चीन ने हाल ही में स्थलीय स्टेशनों और उपग्रहों के बीच सुरक्षित क्वांटम संचार लिंक का प्रदर्शन किया।
      • यह अन्य क्षेत्रों के साथ उपग्रहों, सैन्य और साइबर सुरक्षा के लिये महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह अपने उपयोगकर्त्ताओं को अकल्पनीय रूप से तीव्र कंप्यूटिंग और सुरक्षित एवं हैकरहित उपग्रह संचार की सुविधा प्रदान करता है।
    • अनुसंधान:
      • यह गुरुत्वाकर्षण, ब्लैक होल आदि से संबंधित भौतिकी के कुछ मूलभूत प्रश्नों को हल करने में मदद कर सकता है।
      • इसी तरह, क्वांटम पहल जीनोम इंडिया परियोजना को बड़ा बढ़ावा दे सकती है।
    • आपदा प्रबंधन:
      • क्वांटम अनुप्रयोगों से सुनामी, सूखा, भूकंप और बाढ़ का अधिक सटीकता से पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।
      • क्वांटम प्रौद्योगिकी के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से संबंधित आंँकड़ों के संग्रह को बेहतर तरीके से सुव्यवस्थित किया जा सकता है।
    • फार्मास्युटिकल:
      • क्वांटम कंप्यूटिंग नए अणुओं और संबंधित प्रक्रियाओं की खोज की समय सीमा को 10 साल तक कम कर सकता है जिसका अनुमान वैज्ञानिकों द्वारा लगाया है।
    • औद्योगिक क्रांति 4.0 को बढ़ावा:
  • क्वांटम कंप्यूटिंग से जुड़ी चुनौतियाँ:

    • क्वांटम कंप्यूटिंग का एक चुनौतिपूर्ण पक्ष विघटनकारी प्रभाव है जो क्रिप्टोग्राफिक एन्क्रिप्शन (जो संचार और कंप्यूटर को सुरक्षित करता है) से संबंधित हो सकता है।
    • यह सरकार के लिये एक चुनौती भी हो सकती है क्योंकि अगर यह तकनीक गलत हाथों में चली जाती है, तो सरकार के सभी आधिकारिक और गोपनीय डेटा के हैक होने और दुरुपयोग होने का खतरा होगा।
  • संबंधित भारतीय पहल:

    • बजट 2020 में पाँच साल की अवधि के लिये ‘क्वांटम टेक्नोलॉजीज एंड एप्लिकेशन’ (NM-QTA) पर एक राष्ट्रीय मिशन को 8000 करोड़ रूपए आवंटित किये गए।
    • वर्ष 2018 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत को साइबर-भौतिक प्रणालियों में अग्रणी बनाने के लिये अंतःविषयक साइबर-भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन (NM-ICPS) के शुभारंभ को मंज़ूरी दी गई।
    • वर्ष 2018 में सरकार ने क्वांटम प्रौद्योगिकियों पर गंभीर चर्चा शुरू की और QUEST - क्वांटम सक्षम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के तहत 51 संगठनों में अनुसंधान परियोजनाओं को शुरू किया। हालाँकि NM-QTA तक इस क्षेत्र में कोई महत्त्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई है।
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