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भारत और सिंगापुर के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता

  • 02 Jun 2018
  • 6 min read

संदर्भ

भारत और सिंगापुर द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिये अपने व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते को अपग्रेड करने पर सहमत हुए हैं| दोनों पक्षों ने हाल ही में लोक सेवा अधिकारियों के प्रशिक्षण, साइबर सुरक्षा, नशीले पदार्थों के नियंत्रण और रक्षा सहयोग समेत आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किये|

समझौते के महत्त्वपूर्ण बिंदु 

  • भारत और सिंगापुर ने व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) की दूसरी समीक्षा संपन्न की  जिसे 1 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लुंग द्वारा आधिकारिक रूप से घोषित किया गया|
  • समीक्षा में 30 अतिरिक्त उत्पादों के लिये विस्तारित टैरिफ रियायतें शामिल हैं| समीक्षा में सिंगापुर के साथ निर्यात के लिये भारत को अधिमान्य शुल्क हेतु अर्हता प्राप्त करने के लिये नियमों में अधिक लचीलापन लाने पर विचार किया गया| 
  • बैठक में स्टार्ट-अप सेक्टर, प्रौद्योगिकी और नवाचार में भारत एवं सिंगापुर के बीच सहयोग पर भी बातचीत की गई।
  • भारत-सिंगापुर CECA 1 अगस्त, 2005 को लागू हुआ  और इसकी पहली समीक्षा 1 अक्तूबर, 2007 को संपन्न हुई थी।
  • भारत को इससे एक बड़ा लाभ यह हुआ है कि  सिंगापुर म्यूचुअल रिकग्निशन एग्रीमेंट (mutual recognition agreement-MRA) के तहत सात नर्सिंग संस्थानों को मान्यता देकर भारतीय नर्सिंग संस्थानों के कवरेज का विस्तार करने पर सहमत हो गया|
  • इस समझौते ने हमारे स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को संस्थागत रूप से विदेशी बाज़ारों तक पहुँचने का मार्ग प्रशस्त किया है।
  • भारत और सिंगापुर ने 2005  में CECA पर हस्ताक्षर किये थे। सिंगापुर भारत के साथ इस तरह के समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला पहला देश है।

आठ समझौतों पर हस्ताक्षर 

  • भारतीय नौसेना और सिंगापुर की नौसेना के बीच एक कार्यान्वयन समझौते पर हस्ताक्षर किये गए  जो आपसी समन्वय, नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों और नौसेना के विमानों के रखरखाव और लाँजिस्टिक्स से संबंधित है।
  • भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-IN) और सिंगापुर की साइबर सुरक्षा टीम के सिंगापुर कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया समूह (SINGCERT) के बीच साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किये गए।
  • भारत के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और सिंगापुर के सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो के बीच मादक पदार्थों, मनोत्तेजक (Psychotropic) पदार्थो की तस्करी से निपटने में सहयोग के लिये एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किये गए।
  • कार्मिक प्रबंधन और लोक प्रशासन के क्षेत्र में सहयोग के लिये भारत के कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय ने सिंगापुर के लोक सेवा विभाग के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
  • अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारतीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग और मॉनेटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर ने फिनटेक पर एक संयुक्त कार्यकारी समूह (JWG) के गठन संबंधी एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
  • नियोजन के क्षेत्र में सहयोग के लिये भारत के नीति आयोग और सिंगापुर कोऑपरेशन इंटरप्राइज़ (SCE) ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किये|
  • नर्सिग पर साझी मान्यता को लेकर एक अलग समझौते पर हस्ताक्षर किये गए।
  • दोनों पक्ष हवाई सेवाओं को मज़बूती प्रदान करने और उसे बढ़ावा देने के लिये जल्द ही नागरिक विमानन समझौते की समीक्षा करेंगे।

समझौते से क्या फायदे होंगे?

  • अपग्रेड किये गए समझौतों से सिंगापुर की अधिकांश कंपनियाँ कम टैरिफ के लिये अर्हता प्राप्त करने में सक्षम होंगी|
  • इससे स्थानीय निर्यातकों की भारतीय बाज़ार में पहुँच बढ़ेगी।
  • इससे सिंगापुर की कंपनियों को अपग्रेडेड समझौतों का पूर्ण उपयोग करने और भारत में सहयोग के अवसरों का पता लगाने के लिये प्रोत्साहन मिलेगा|
  • अपग्रेड किये गए CECA से एक अन्य महत्त्वपूर्ण लाभ नर्सिंग पर म्यूचुअल रिकग्निशन एग्रीमेंट है जिससे नर्सिंग के प्रशिक्षण और अनुशीलन को विनियमित करने में बेहतर समझ विकसित होगी।
  • भारत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बड़ा बाज़ार है इसलिये सिंगापुर को एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में देखा जा रहा है|
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