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डेली न्यूज़

आंतरिक सुरक्षा

भारत-रूस: ‘PASSEX’ अभ्यास

  • 17 Jan 2022
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भारत-रूस PASSEX अभ्यास, आईएनएस कोच्चि, जायद तलवार, अल-मोहद अल-हिंदी, प्रोजेक्ट 15A

मेन्स के लिये:

भारत के लिये रूस का महत्त्व

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत का आईएनएस ‘कोच्चि’ और रूस के जहाज़ ‘अंतर्राष्ट्रीय पैसेज अभ्यास’ (PASSEX) में शामिल हुए।

  • पूर्व-नियोजित समुद्री अभ्यासों के विपरीत ‘पैसेज सैन्य अभ्यास’ अवसर के अनुसार कभी भी आयोजित किया जा सकता है।
  • इससे पूर्व भारतीय नौसेना के जहाज़ों ने अमेरिकी नौसेना के साथ भी ‘PASSEX’ का आयोजन किया था।

Passex

प्रमुख बिंदु

  • भारत के लिये रूस का महत्व:
    • हिंद महासागर क्षेत्र में:
      • हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) के एक संवाद भागीदार के रूप में रूस के शामिल होने से हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में संतुलन बनाने और वैज्ञानिक एवं अनुसंधान प्रयासों पर एक संभावित समुद्री सुरक्षा संरचना सहित भारत के साथ सहयोग के लिये कई सारे अवसर खुल गए हैं।
    • आर्कटिक क्षेत्र में: आर्कटिक क्षेत्र में भारत के वैज्ञानिक, पर्यावरण, वाणिज्यिक एवं रणनीतिक हित हैं और रूसी आर्कटिक संभावित रूप से भारत के ऊर्जा सुरक्षा उद्देश्यों को संबोधित कर सकता है।
    • हाइड्रोकार्बन: रूस के पास दुनिया में सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस भंडार है, जो वर्तमान उत्पादन दरों के तहत लगभग 80 वर्षों तक के लिये पर्याप्त है।
    • सामरिक खनिज: रूसी आर्कटिक में कोबाल्ट, तांबा, हीरा, सोना, लोहा, निकल, प्लैटिनम, उच्च मूल्य वाले दुर्लभ तत्त्व, टाइटेनियम, वैनेडियम और ज़िरकोनियम के विशाल भंडार भी हैं।
      • आर्कटिक में रूस के निकल तथा कोबाल्ट उत्पादन का 90%, तांबे का 60% और प्लैटिनम धातुओं का 96% से अधिक का उत्पादन होता है।
      • भारतीय दुर्लभ भू-भंडार हल्के अंशों में अधिक समृद्ध हैं और भारी मात्रा में कम हैं।
      • सामरिक उद्योगों में उपयोग किये जाने वाले अधिकांश दुर्लभ भू-उत्पाद जैसे- पवन टरबाइन तथा इलेक्ट्रिक वाहनों सहित विभिन्न स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिये रक्षा, फाइबर ऑप्टिक संचार, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा भी महत्त्वपूर्ण हैं।
      • इसलिये रूसी आर्कटिक में दुर्लभ पृथ्वी और सामरिक खनिजों में भारत की महत्त्वपूर्ण कमियों को कम करने की क्षमता है।
    • उत्तरी समुद्री मार्ग: भारतीय बंदरगाहों को उत्तरी समुद्री मार्ग या एनएसआर से कोई लाभ नहीं होता है और यह रॉटरडैम के लिये वर्तमान मार्ग से अधिक लंबा है।
      • हालांँकि NSA में सहयोग के अन्य रास्ते भी हैं।
      • रूस ने अन्य बातों के साथ-साथ NSA के जल में साल भर, सुरक्षित, अबाधित और लागत प्रभावी नौवहन सुनिश्चित करने की घोषणा की है।
      • भारत ने रूस के साथ साझेदारी करने की अपनी इच्छा का संकेत देते हुए कहा है कि "भारत और रूस भी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व वाणिज्य हेतु NSA को खोलने में भागीदार होंगे"। इसके जवाब में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि रूस NSA में भारत के हितों का स्वागत करता है।
    • सुदूर पूर्व में रूस: रूस सुदूर पूर्व या RFE में प्राकृतिक संसाधनों में समृद्ध है।
      • देश के सभी कोयला भंडारों और हाइड्रो-इंजीनियरिंग संसाधनों का लगभग एक तिहाई भाग इस क्षेत्र में उपलब्ध है। इस क्षेत्र के वन रूस के कुल वन क्षेत्र का लगभग 30% हैं।
      • NSR सहित RFE के विकास में भारत के सहयोग का दोनों देशों ने समर्थन किया है।
      • वर्ष 2019 में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (Eastern Economic Forum- EEF) को संबोधित करते हुए भारत ने RFE के विकास में और योगदान देने हेतु 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट की घोषणा की थी।
  • भारत और रूस के अन्य अभ्यास:

 INS कोच्चि

  • यह कोलकाता-श्रेणी के स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक का स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किया गया दूसरा जहाज़ है, जिसे भारतीय नौसेना के लिये प्रोजेक्ट 15A के कोड नाम के तहत बनाया गया था।
  • इसका निर्माण मुंबई में मझगाँव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा किया गया था और बाद में व्यापक समुद्री परीक्षणों से गुज़रने के बाद वर्ष 2015 में इसे भारतीय नौसेना सेवाओं में शामिल किया गया था। .
  • इससे पहले इसने कई अन्य नौसैनिक सेवाओं में भाग लिया, जिनमें शामिल हैं:
    • जायद तलवार: यह भारतीय और संयुक्त अरब अमीरात नौसेना के बीच एक द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास है।
    • 'अल-मोहद अल-हिंदी': भारत और सऊदी अरब ने अपना पहला नौसेना संयुक्त अभ्यास शुरू किया।
    • भारत- यूएस पासेक्स

स्रोत- पी.आई.बी

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