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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

एशिया-प्रशांत समझौते के तहत भारत ने सदस्य देशों को दी शुल्क संबंधी छूट

  • 03 Jul 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

छह देशों- बांग्‍लादेश, चीन, भारत, लाओ पीडीआर, कोरिया गणराज्‍य और श्रीलंका के बीच एशिया-प्रशांत व्‍यापार समझौते (पूर्ववर्ती बैंकॉक समझौता) के तहत वार्ताओं के चौथे दौर के दौरान लिये गए निर्णय 1 जुलाई, 2018 से लागू हो गए हैं। इसके अंतर्गत भारत ने चीन सहित अन्य सदस्य देशों को 3,142 वस्तुओं पर शुल्क संबंधी रियायतें दी हैं। उल्लेखनीय है कि APTA का एक संस्‍थापक सदस्‍य होने के नाते भारत इन रियायतों के माध्यम से APTA प्रक्रिया को मज़बूत करने के लिये प्रतिबद्ध है।

प्रमुख बिंदु

  • सभी सदस्‍य देशों को 3,142 वस्‍तुओं पर शुल्‍क संबंधी रियायतें देने के अलावा भारत ने अल्प विकसित देशों (Least Developed Countries- LCDs) बांग्‍लादेश और लाओ पीडीआर (Laos PDR) को 48 वस्‍तुओं पर विशेष छूटें प्रदान की हैं।
  • व्‍यापार वार्ताओं के चौथे दौर के औपचारिक समापन के बाद इस पर APTA की मंत्रिस्‍तरीय परिषद की बैठक के दौरान सदस्‍य देशों के मंत्रियों ने हस्‍ताक्षर किये। उल्लेखनीय है कि यह बैठक 13 जनवरी, 2017 को आयोजित की गई थी।
  • मंत्रिस्‍तरीय परिषद के निर्णय को अब सभी सदस्‍यों ने लागू कर दिया है,  जो 1 जुलाई, 2018 से प्रभावी हो गया है।
  • चौथे दौर की वार्ता पूरी होने के साथ ही प्रत्‍येक सदस्‍य देश के लिये कुल वस्‍तुओं की वरीयता की कवरेज बढ़कर 10,677 वस्‍तुओं के स्‍तर पर पहुँच जाएगी, जबकि तीसरे दौर के समापन पर वस्‍तुओं या आइटमों की कुल संख्‍या 4,270 थी।
  • इसके साथ ही समझौते के तहत उपलब्‍ध कराया जा रहा औसत वरीयता मार्जिन (MOP) बढ़कर 31.52 प्रतिशत के स्‍तर पर पहुँच जाएगा।
  • LDC (अल्‍प विकसित देश) सदस्‍य 1,249 वस्‍तुओं पर अपेक्षाकृत ज़्यादा रियायतें पाने के हकदार हैं। APTA के खास एवं विशिष्‍ट प्रावधानों के तहत इन वस्‍तुओं पर MOP औसतन 81 प्रतिशत है।

एशिया-प्रशांत व्यापार समझौता (Asia-Pacific Trade Agreement -APTA)

  • एशिया-प्रशांत व्‍यापार समझौता (APTA), संयुक्त राष्ट्र के एशिया-प्रशांत के लिये आर्थिक एवं सामाजिक आयोग (United Nations Economic and Social Commission for Asia and the Pacific -UN ESCAP) के अंतर्गत एक विशिष्‍ट पहल है जिसका उद्देश्‍य एशिया-प्रशांत क्षेत्र के सदस्‍य माने जाने वाले विकासशील देशों के बीच शुल्क (टैरिफ) रियायतों के आदान-प्रदान के ज़रिये व्‍यापार का विस्‍तार करना है।
  • यह वर्ष 1975 से ही प्रभावी है। APTA एक वरीयता प्राप्‍त व्‍यापार समझौता है, जिसके तहत विभिन्‍न वस्‍तुओं के बास्‍केट के साथ-साथ शुल्‍क रियायतों की सीमा को भी समय-समय पर होने वाली व्‍यापार वार्ताओं के दौरान बढ़ाया जाता है।
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