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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

संयुक्त राष्ट्र में सुधारों को लेकर भारत की पहल

  • 20 Sep 2017
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संयुक्त राष्ट्र में सुधार के प्रयासों से सहमति जताते हुए कहा है कि संयुक्त राष्ट्र को बदलते समय के साथ तालमेल रखने के लिये संघ में स्थाई और गैर-स्थाई सदस्यों की संख्या में वृद्धि करनी चाहिये। 

प्रमुख बिंदु

  • हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में सुधार किये जाने के मुद्दे पर चर्चा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने ज़ोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र में दुनिया में परिवर्तन एवं कार्य करने की महान संभावना विद्यमान है, परंतु नौकरशाही इसके मार्ग में बाधा उत्पन्न कर रही है।
  • अत: यह बेहद ज़रुरी हो गया है कि बदलते वक़्त के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र में कुछ अपेक्षित सुधार किये जाए।
  • भारत द्वारा भी इस संबंध में सहमति व्यक्त की गई है

संयुक्त राष्ट्र का पक्ष

  • अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गेटर्रस के सुधार एजेंडे का समर्थन किया गया है।
  • इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने स्पष्ट किया है कि वे यू.एन. की शांति और सुरक्षा कार्यप्रणाली में सुधार करने का प्रयास कर रहे हैं। 
  • इन सुधारों का उद्देश्य यू.एन.को न केवल मध्यस्थता के संदर्भ में पहले से भी अधिक चुस्त बनाना है, बल्कि विवादों की रोकथाम में भी अधिक मज़बूत बनाने के साथ-साथ शांति कायम करने संबंधी कार्यों में अधिक कार्यशील और लागत प्रभावी बनाना भी हैं।
  • यू.एन. की विकास प्रणाली में सुधार करने का एक अन्य उद्देश्य एक उचित वैश्वीकरण के निर्माण हेतु 2030 के सतत् विकास के एजेंडे (2030 Agenda for Sustainable Development) के तहत अधिक से अधिक क्षेत्र केंद्रित, अच्छी तरह से समन्वित और जवाबदेह व्यवस्था का निर्माण करना है। 
  • इसके लिये ज़रूरतमंद लोगों के करीब रहकर निर्णय किये जाने की ज़रूरत है ताकि उनकी बेहतर तरीके से सेवा की जा सके, आपसी विश्वास और सशक्त प्रबंधन विकसित किया जा सके तथा बोझिल एवं महंगी बजटीय प्रक्रियाओं में सुधार किया जा सके ।

संयुक्त राष्ट्र का परिचय

  • संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 24 अक्तूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र अधिकार-पत्र के माध्यम से की गई थी।
  • संयुक्त राष्ट्र एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय कानून को सुविधाजनक बनाने हेतु सहयोग प्रदान करना, अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक एवं सामाजिक विकास तथा मानवधिकारों की सुरक्षा के साथ-साथ विश्व शांति के लिये कार्य करना है। 

संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख सिद्धांत क्या-क्या हैं?

  • सभी सदस्य राष्ट्र एक समान एवं संप्रभुता संपन्न है।
  • सभी सदस्य राष्ट्रों द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रति अपने उत्तरदायित्व एवं कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन किया जाएगा ।
  • सभी सदस्य राष्ट्रों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय विवादों का शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाएगा।
  • संयुक्त राष्ट्र के प्रति सदस्य राष्ट्रों द्वारा न तो बल प्रयोग की धमकी दी जाएगी और न ही शक्ति का प्रयोग किया जाएगा।
  • सदस्य राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र के कार्यों में सहायता करेंगे। 
  • सदस्य राष्ट्रों द्वारा उन राष्ट्रों की सहायता नहीं की जाएगी, जिनके विरुद्ध संघ द्वारा किसी न किसी प्रकार की कोई कार्यवाही की गई हो।
  • कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर संयुक्त राष्ट्र द्वारा किसी राष्ट्र के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।

संयुक्त राष्ट्र के 6 अंग हैं -

  • महासभा।
  • सुरक्षा परिषद्।
  • आर्थिक एवं सामाजिक परिषद्।
  • संरक्षण परिषद्।
  • सचिवालय।
  • अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय।
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