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डेली न्यूज़

भारतीय अर्थव्यवस्था

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP)

  • 15 Oct 2019
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक, केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO)

मुख्य परीक्षा के लिये:

भारत के विकास के बारे में गणना करने हेतु IIP कितना उपयोगी है।

चर्चा में क्यों?

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation-MoSPI) द्वारा अगस्त माह के लिये "औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production-IIP) के आँकड़े जारी किये गए हैं।

प्रमख बिंदु

  • आँकड़ों के अनुसार, भारत के औद्योगिक क्षेत्र के उत्पादन में इस वर्ष अगस्त 2018 की तुलना में लगभग 1.1 प्रतिशत की गिरावट हुई है।
  • वर्ष-दर-वर्ष की तुलना के अनुसार, पिछले बार IIP में गिरावट जून 2017 में हुई थी।
  • विनिर्माण उत्पादन में वृद्धि दर नकारात्मक रही है - अर्थात् यह 1.2 प्रतिशत कम हुई है।
    • विनिर्माण क्षेत्र के 23 उप-समूहों में से 15 में अगस्त 2019 में नकारात्मक वृद्धि देखी गई है।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक क्या है?

  • यह सूचकांक अर्थव्यवस्था में विभिन्न क्षेत्रों के विकास का विवरण प्रस्तुत करता है, जैसे कि खनिज खनन, बिजली, विनिर्माण आदि।
  • इसे सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (Central Statistics Office-CSO),  द्वारा मासिक रूप से संकलित और प्रकाशित किया जाता है।
  • IIP एक समग्र संकेतक है जो कि प्रमुख क्षेत्र (Core Sectors) एवं उपयोग आधारित क्षेत्र के आधार पर आँकड़े उपलब्ध कराता है।

इसमें शामिल आठ प्रमुख क्षेत्र (Core Sectors) निम्नलिखित हैं:

रिफाइनरी उत्पाद (Refinery Products) 28.04%
विद्युत (Electricity) 19.85%
इस्पात (Steel) 17.92%
कोयला (Coal) 10.33%
कच्चा तेल (Crude Oil) 8.98%
प्राकृतिक गैस (Natural Gas) 6.88%
सीमेंट (Cement) 5.37%
उर्वरक (Fertilizers) 2.63%

Industrial Production

IIP के आँकड़े कितने उपयोगी हैं?

  • IIP में आँकड़े मासिक स्तर पर जारी किये जाते हैं इसीलिये ये आँकड़े ऊपर-नीचे जाते रहते हैं।
  • इन आँकड़ों को एक या दो महीने के बाद संशोधित किया जाता है, इसलिये इसे "त्वरित अनुमान" कहा जाता है।
  • चूँकि 1 वर्ष के प्रोजेक्ट के लिये केवल 1 माह के आँकड़ों को आधार नहीं बनाया जा सकता, इसलिये यह पूरे वर्ष का होना चाहिये।

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO)

  • विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों की सांख्यिकीय गतिविधियों के मध्य समन्वयन एवं सांख्यिकीय मानकों के संवर्द्धन हेतु मई 1951 में ‘केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय’ (Central Statistics Office-CSO) की स्थापना की गई थी।
  • यह राष्ट्रीय खातों को तैयार करने, औद्योगिक आँकड़ों को संकलित एवं प्रकाशित करने के साथ ही आर्थिक जनगणना एवं सर्वेक्षण कार्य भी आयोजित करता है।
  • यह देश में सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals-SDG) की सांख्यिकीय निगरानी के लिये भी उत्तरदायी है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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