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हिमाचल प्रदेश वाटर सेफ्टी प्लान बनाने वाला देश का पहला राज्य

  • 19 May 2018
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हिमाचल प्रदेश, देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने राज्य की जनता को स्वच्छ व शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिये वाटर सेफ्टी प्लान बनाया है। अभी तक देश के किसी भी राज्य ने पेयजल संबंधी ऐसा प्लान नहीं बनाया था।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • हिमाचल प्रदेश ने यह कदम विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश पर उठाया है।
  • प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में प्रति व्यक्ति 70 लीटर प्रतिदिन और शहरी क्षेत्र में 120 से 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के दर से पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
  • इस समय सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग 9360 पेयजल योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में पानी की मांग पूरी कर रहा है।
  • पेयजल भंडारण टैंकों की वर्ष में दो बार सफाई करने के अलावा क्लोरीनीकरण (chlorination) भी किया जाएगा। पेयजल योजनाओं के अंतर्गत आने वाले जलग्रहण क्षेत्रों पर पूरी तरह से निगरानी रखी जाएगी।
  • इन क्षेत्रों में निर्माण कार्य के दौरान खुले में होने वाले शौच , चरागाहों की गंदगी, मिट्टी और गाद के अलावा मरे हुए जानवरों के अवशेष पेयजल में शामिल न हों, इसके लिये पहले दौर में WHO के प्रशिक्षित प्रशिक्षकों द्वारा क्षेत्रीय स्तर पर अभियंताओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
  • यह प्रक्रिया पाँच जून तक पूरी की जाएगी। 

जलग्रहण क्षेत्र (catchment) से उपभोक्ता तक रखी जाएगी निगरानी 

  • दूषित जल के कारण होने वाले रोगों से लोगों को बचाने के लिये पेयजल योजनाओं के जलग्रहण क्षेत्र से उपभोक्ता तक पहुँचने वाली सभी प्रक्रियाओं की निगरानी की जाएगी।
  • प्रदेश में 74 संवेदनशील स्थानों को चिह्नित किया गया है तथा योजना की शुरुआत भी वहीं से की जाएगी।
  • इसके लिये IPH (Irrigation and Public Health) विभाग की ओर से स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास विभाग के अलावा उपभोक्ताओं को सर्वे में शामिल कर पेयजल योजनाओं के संवेदनशील और सामान्य स्थलों की पहचान कर डाटा तैयार किया जाएगा, जो हर कनिष्ठ अभियंता के पास उपलब्ध रहेगा।
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