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भारतीय अर्थव्यवस्था

अन्य सेवा प्रदाताओं के लिये दिशा-निर्देश

  • 25 Jun 2021
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

बिज़नेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग

मेन्स के लिये:

अन्य सेवा प्रदाताओं के लिये दिशा-निर्देशों का महत्त्व, BOP उद्योग को बढ़ावा देने के लिये उठाए गए अन्य कदम

चर्चा में क्यों?

हाल ही में दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications- DoT) ने अन्य सेवा प्रदाताओं (Other Service Providers- OSPs) के लिये मानदंडों को और अधिक उदार बनाया है।

  • भारत में बिज़नेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (Business Process Outsourcing- BPO) उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिये OSP दिशा-निर्देशों को इससे पहले नवंबर 2020 में उदार बनाया गया था। नए दिशा-निर्देशों को और भी सरल बनाया गया है, जिससे व्यापार में अधिक आसानी और नियामक स्पष्टता की पेशकश की गई है।

प्रमुख बिंदु:

बिज़नेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (BPO):

  • BPO कई लाभ प्रदान करते हैं जैसे- कम लागत, वैश्विक विस्तार एवं उच्च दक्षता इसके अलावा इनमें कुछ कमियाँ जैसे- सुरक्षा मुद्दे, छिपी हुई लागत और अति निर्भरता आदि भी शामिल हैं।
    • BPO एक ऐसा व्यावसाय है जिसमें एक संगठन एक बाह्य सेवा प्रदाता के साथ एक आवश्यक व्यावसायिक कार्य करने के लिये अनुबंध करता है।
  • OSPs या अन्य सेवा प्रदाता ऐसी कंपनियाँ या फर्म होती हैं जो विभिन्न कंपनियों, बैंकों या अस्पताल शृंखलाओं के लिये क्रमशः टेलीमार्केटिंग, टेलीबैंकिंग या टेलीमेडिसिन जैसी माध्यमिक या तृतीयक सेवाएँ प्रदान करती हैं।
  • भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (IT)- BPO उद्योग वर्ष 2019-2020 में $ 37.6 बिलियन का रहा और अगले चार से पाँच वर्षों में इसमें $ 55.5 बिलियन तक बढ़ने की क्षमता है।

नई नीति की महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ:

  • घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय OSP के बीच के अंतर को हटा दिया गया है। सामान्य दूरसंचार संसाधनों वाला एक BPO केंद्र अब भारत में पूरे विश्व के ग्राहकों को सेवा प्रदान करने में सक्षम होगा।
    • वर्तमान में सभी प्रकार के OSP केंद्रों के बीच इंटरकनेक्टिविटी की अनुमति है।
  • OSPs का इलेक्ट्रॉनिक प्राइवेट ऑटोमेटिक ब्रांच एक्सचेंज (Electronic Private Automatic Branch Exchange- EPABX) विश्व में कहीं भी स्थित हो सकता है।
  • एक अवधि के आधार पर DoT को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले OSPs की आवश्यकता को हटा दिया गया है।
    • ऐसे सेवा प्रदाताओं को एक निश्चित समय अवधि के लिये सभी ग्राहक कॉल्स के लिये कॉल डेटा रिकॉर्ड, उपयोग डेटा रिकॉर्ड और सिस्टम लॉग को स्व-विनियमित और बनाए रखना होगा।
    • उन्हें केंद्र द्वारा निर्धारित डेटा सुरक्षा मानदंडों का भी पालन करना होगा।
  • अन्य प्रावधान:
    • नवंबर 2020 में OSP दिशा-निर्देशों को निम्नलिखित के रूप में उदार बनाया गया था :
      • OSPs को किसी भी पंजीकरण की आवश्यकता से छूट।
      • डेटा से संबंधित OSP को किसी भी विनियमन के दायरे से पूरी तरह से बाहर निकाल दिया गया था
      • कोई बैंक गारंटी प्रस्तुत नहीं करनी थी।
      • वर्क फ्रॉम होम और वर्क फ्रॉम एनीवेयर की भी अनुमति थी।
      • सरकार के व्यवसाय में विश्वास की पुष्टि करते हुए उल्लंघन के लिये दंड को पूरी तरह से हटा दिया गया था।

अपेक्षित लाभ:

  • ये दिशानिर्देश BPOs और IT फर्मों के लिये स्थान की लागत, परिसर के किराए और बिजली तथा इंटरनेट बिल जैसे अन्य सहायक लागतों में कटौती करना आसान बना देंगे।
  • कंपनियों को अब DoT व OSP कर्मचारियों के विवरण प्रदान करने का अतिरिक्त अनुपालन बोझ नहीं उठाना पड़ेगा, क्योंकि उन्हें विस्तारित या दूरस्थ एजेंट के रूप में पहचाना जाता है।
  • पंजीकरण मानदंडों को हटाने का अर्थ यह भी होगा कि ऐसे लाइसेंसों का नवीनीकरण नहीं होगा। इससे विदेशी कंपनियों को भारत में अपनी अन्य सेवा प्रदान करने वाली इकाइयों की स्थापना या विस्तार करने में आसानी होगी।
  • इसके अलावा कर्मचारियों को घर से काम करते हुए एक से अधिक कंपनियों के लिये फ्रीलांसिंग का विकल्प चुनने की अनुमति भी हो सकेगी, जिससे इस क्षेत्र में अधिक श्रमिकों को आकर्षित किया जा सकेगा।

BOP उद्योग को बढ़ावा देने के लिये उठाए गए अन्य कदम:

नोट: वर्चुअल नेटवर्क ऑपरेटर (VNO), लाइसेंस इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP) लाइसेंस का एक छोटा उपसमुच्चय है। ISP जो केवल एक विशेष ज़िले या राज्य में ISP व्यवसाय करना चाहते हैं, वे ISP लाइसेंस की तुलना में VNO की लागत प्रभावशीलता के कारण ISP लाइसेंस के बजाय VNO लाइसेंस का विकल्प चुन सकते हैं।

स्रोत: द हिंदू

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