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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

जी.एस.टी. परिषद द्वारा अधिकांश वस्तुओं के लिये कर की दरों का निर्धारण

  • 19 May 2017
  • 5 min read

संदर्भ

उल्लेखनीय है कि जी.एस.टी. परिषद ने 1 जुलाई से लागू होने वाली नई कर व्यवस्था के अंतर्गत लगभग सभी वस्तुओं को कर की विभिन्न दरों के दायरे में लाने पर अपनी सहमति व्यक्त कर दी है|

प्रमुख बिंदु

  • विदित हो कि दूध, खाद्य पदार्थ (बिना ब्रांड वाले लेकिन डिब्बाबंद नहीं) और गुड को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाएगा, जबकि चीनी, चाय, कॉफी और खाद्य तेल पर 5% कर लगाया जाएगा| सामान्यतः प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं जैसे साबुन, टूथपेस्ट और बालों के तेल (जिन पर इस समय 22-24% कर लगाया जाता है) पर 18% की दर से कर लगाया जाएगा| कोयला (जिस पर वर्तमान में 11.7% की दर से कर लगाया जाता है) उस पर भी 5% की दर से कर लगेगा|
  • टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं पर 28% कर लगाया जाएगा, जबकि वर्तमान में इन पर 30 से 32% कर लगाया जाता है| पूँजीगत वस्तुओं और औद्योगिक मध्यस्थों को 18% की दर से कर का भुगतान करना होगा| 
  • स्रोतों के मुताबिक, पेट्रोल और डीज़ल से चलने वाली छोटी कारों पर 28% कर लगाया जाएगा| इसके अतिरिक्त, पेट्रोल से चलने वाली छोटी कारों पर 1% उपकर तथा डीज़ल से चलने वाली कारों पर 3% उपकार लगाया जाएगा| महँगी कारों पर जीएसटी की 28% दर के साथ ही 15% का उपकार भी लगेगा| 350 सीसी की मोटर साइकिल पर लगने वाले उपकर की दर 3% होगी| हालाँकि, अधिकारियों का कहना है कि इन वस्तुओं पर लगने वाले कर की वर्तमान दरों के अलावा इन पर कोई भी अतिरिक्त कर नहीं लगाया जाएगा|
  • दरअसल, वस्तुओं की छह श्रेणियाँ (जैसे- बीड़ी/सिगरेट, जूते, सोना और कृषि उपकरण) ऐसी हैं जिन पर अधिक विचार-विमर्श की आवश्यकता है|
  • वस्तुतः जी.एस.टी. का मुख्य उद्देश्य वस्तुओं पर लगने वाले करों की दर में वृद्धि करना नहीं था, अतः किसी भी वस्तु पर लगने वाली कर की दर को नहीं बढ़ाया जा रहा है| सेवाओं पर लगने वाली कर की दर भी इस एजेंडा का एक भाग होगी|
  • वित्त मंत्री के अनुसार, कुछ वस्तुओं पर लगने वाली कर की दर में कमी करके तथा प्रशासन में गुणवत्ता लाकर कर की चोरी को रोकने में सहायता मिलेगी तथा इससे प्राप्त होने वाले कर में वृद्धि होगी, अतः इससे राजस्व संग्रहण में भी सुधार होगा|
  • उल्लेखनीय है कि 1,200 से अधिक वस्तुओं को जीएसटी के अंतर्गत लाया गया है, जबकि 7% वस्तुओं को इसके दायरे से बाहर रखा गया है|
  • 14% वस्तुओं पर 5%,17% वस्तुओं पर 12% और 43% वस्तुओं पर 18% की दर से कर लगाया जाएगा|
  • केवल 19% वस्तुओं पर ही 28% की दर से कर लगाया जाएगा, जबकि 81% वस्तुओं पर 18% अथवा उससे कम कर लगेगा|
  • मूल्यों के मामले में विभिन्न उपभोक्ता उत्पादों जैसे साबुन, टूथपेस्ट और बालों के तेल पर 18% कर लगाना उचित है और इससे उपभोक्ताओं के लिये इन वस्तुओं का मूल्य कम होगा| इसी प्रकार, अनेक प्रकार की खाद्य सामग्री जैसे खाद्य तेल, चाय, काफी और चीनी पर 5% की दर से कर लगाया जाएगा; परन्तु दूध और खाद्य अनाजों को इस कर के दायरे से बाहर रखा जाएगा जिससे उद्योगों को अधिक नुकसान नहीं पहुँचेगा|
  • चिंताजनक बात यह है कि 200 वस्तुओं में से 19% वस्तुओं पर 28% कर लगेगा, जबकि इससे पूर्व यह कहा गया था कि 28% कर केवल कुछ ही वस्तुओं जैसे महँगी कारों और वातित पेय पदार्थों पर ही लगाया जाएगा|
  • फिलहाल सरकार वस्तुओं के मूल्यों में कमी लाने का प्रयास कर रही है|
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