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जी.एस.टी. परिषद का बड़ा फैसला

  • 11 Nov 2017
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में गुवाहाटी में हुई जी.एस.टी. परिषद की 23वीं बैठक में कुछ महत्त्वपूर्ण फैसले लेते हुए 28% की उच्चतम कर दर में केवल 50 वस्तुओं को रखने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा 13 उत्पादों को 18 फीसदी से हटाकर 12 फीसदी में और 8 उत्पादों को 12 फीसदी से हटाकर 5 फीसदी में शामिल किया गया है। इसके अलावा 6 उत्पादों को 18 फीसदी वाले स्लैब से हटाकर 5 फीसदी वाले स्लैब में शामिल किया गया है। 6 उत्पादों को 5 फीसदी कर वाली दरों से हटाते हुए शून्य कर दिया गया है।

निर्णय के प्रमुख बिंदु

  • ये सभी बदलाव 15 नवंबर से लागू होंगे।
  • ध्यातव्य है कि जब जी.एस.टी. को लागू किया गया था उस समय 28 फिसदी के स्लेब में 228 उत्पाद शामिल थे। इन उत्पादों को अब 18 फीसदी के दायरे में रखा जाएगा। इन उत्पादों में चॉकलेट्स, मार्बल, घड़ियाँ, ग्रेनाइट आदि को शामिल किया गया है।
  • परिषद् द्वारा रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को भी आसन किया गया है। 3B फॉर्म को भरने की अंतिम तिथि 31 मार्च निर्धारत की गई है।
  • इसके अलावा रेस्टोरेंट्स पर लगने वाली कर की दरों में भी कटौती के साथ-साथ छोटी कंपनियों के लिये संरचना योजना (Composition Scheme) में भी विस्तार किया गया।
  • 15 नवंबर से केवल 7,500 या इससे अधिक शुल्क वाले रेस्टोरेंट्स के अलावा बाकी सभी ए.सी./नॉन ए.सी. रेस्टोरेंट्स पर 5% कर लगाए जाएंगे 7,500 या इससे अधिक शुल्क वाले रेस्टोरेंट्स को 18% वाले स्लैब में रखा गया है।

संरचना योजना 1.5 करोड़ तय की गई

  • संरचना योजना के कारोबारियों को 1 फीसदी जी.एस.टी. देना होगा।
  • इस योजना के तहत 1.5 करोड़ की सीमा तय की गई है, जिसे बाद में इसे बढ़ाकर 2 करोड़ भी किया जा सकता है।
  • आम आदमी को क्या लाभ होगा?
  • रोज़ाना प्रयोग में आने वाली चीज़ों पर जितना कम टैक्स हो, उतना ही अच्छा होता है। जहाँ एक ओर इससे वस्तुओं की मांग में वृद्धि होती है वहीं दूसरी ओर उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होती है। दैनिक जीवन में प्रयुक्त होने वाली वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होने का सीधा असर आम जनता पर पड़ता है। यही कारण है कि जी.एस.टी. परिषद द्वारा इसमें लगातार सुधार किया जा रहा है।
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