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सरकार का यातायात नियमों को कठोर बनाने की दिशा में सख्त रवैया

  • 11 Apr 2017
  • 5 min read

संदर्भ
गौरतलब है कि हाल ही में 10 अप्रैल को लोकसभा ने मोटर वाहन नियमों में सुधारों को और अधिक स्पष्ट करते हुए इन नियमों के अंतर्गत ट्रैफिक उल्लंघन के संबंध में दंड की राशि में वृद्धि करने, ड्राइविंग सीखने वाले को ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने और सड़कों के दोषपूर्ण निर्माणों के लिये ठेकेदारों को दंड देने संबंधी प्रावधानों को शामिल किया है|

मोटर वाहन विधेयक में वर्णित प्रावधान

  • मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2016 के अंतर्गत, बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने वालों के लिये दंड की राशि बढ़ाकर जल्द ही 5,000 रुपए कर दी जायेगी| ध्यातव्य है कि पहले यह राशि मात्र 500 रुपए ही थी|
  • इसी प्रकार गाड़ी की अत्यधिक तेज गति के लिये दंड शुल्क 1000 से 2000 रूपए कर दिया जाएगा जो कि पहले मात्र 400 रुपए ही था|
  • इसी प्रकार सीटबेल्ट न पहनने वालों के लिये न्यूनतम 1000 रुपये जुर्माने (वर्तमान में यह 100 रुपये है) का प्रावधान किया गया है|
  • ट्रैफिक के उल्लंघन के लिये जुर्माने की राशि में इस विधेयक के कानून बनने के बाद से प्रति वर्ष 10% की दर से वृद्धि का भी प्रावधान किया गया है|

कानून बनने की प्रक्रिया

  • उल्लेखनीय है कि विधेयक से कानून में परिवर्तित होने के लिये इस विधेयक का (इस विधेयक के आने से 1988 के मोटर वाहन समझौते में संशोधन होगा) राज्यसभा से पारित होना अनिवार्य है|
  • इसके पश्चात् विधेयक को राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिये भेजा जाएगा| राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के उपरांत यह विधेयक एक कानून के रूप में परिवर्तित हो जाएगा|
  • ध्यातव्य है कि इसे लोकसभा से स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है|

अन्य महत्त्वपूर्ण पक्ष

  • इस प्रस्तावित विधेयक के अंतर्गत कोई भी नागरिक राज्य के किसी भी सड़क परिवहन कार्यालय में अपने लाइसेंस के लिये आवेदन कर सकता है अथवा उसका नवीकरण करा सकता है|
  • ध्यातव्य है कि वर्तमान में ऐसा कोई भी कार्य करने के लिये नागरिक केवल नजदीकी आरटीओ में ही आवेदन कर सकते हैं|
  • ध्यातव्य है कि इसके साथ-साथ केंद्र सरकार ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन नामांकन हेतु आवेदन करने के लिये आधार संख्या को बाध्यकारी बनाने की भी योजना बना रही है| 
  • इस विधेयक के कानून के रूप में परिवर्तित होने के बाद फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जाने तथा इस संबंध में ई-गवर्नेंस व्यवस्था लागू होने के पश्चात् वाहनों की चोरी में भी व्यापक कमी आएगी|
  • इस विधेयक में ड्राइविंग लाइसेंस के नवीकरण की समय सीमा में वृद्धि करने (समय समाप्ति की दिनांक के पूर्व और पश्चात् एक माह से एक वर्ष तक) का भी प्रस्ताव किया गया है|
  • वर्तमान में ड्राइविंग टेस्ट तभी लिया जाता है जब कोई भी नागरिक अपने लाइसेंस के नवीकरण का समय समाप्त होने के पश्चात् उसके नवीकरण के लिये आवेदन करता है|
  • अन्य प्रस्ताव के अनुसार, यदि सड़कों के दोषपूर्ण निर्माण के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है अथवा वह विकलांग हो जाता है तो ठेकेदार को दंडस्वरूप 1 लाख रूपए तक का भुगतान करना होगा| यह भुगतान राशि नए मोटर वहां दुर्घटना कोष में संचित की जाएगी, जिसका उपयोग सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए लोगों के उपचार में किया जाएगा|
  • इसके अतिरिक्त वाहनों में परिवर्तन अथवा रेट्रोफिटिंग (जोकि पर्यावरण एवं पैदल चलने वाले यात्रियों के लिये नुकसानदेह साबित होती है) के लिये ऑटो निर्माणकर्ताओं को 100 करोड़ रूपए के जुर्माने का भुगतान करना होगा|
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